जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फर्जी विज्ञापन मामले पर सख्ती दिखाते हुए गांधीनगर थाने में इसे लेकर एफआईआर दर्ज करवाई है. मामला राजस्थान यूनिवर्सिटी में लिपिक भर्ती ग्रेड- 2 का है. जिसे लेकर पिछले दो दिन से एक फर्जी मैसेज वायरल हो रहा था, जिसमें 4500 रिक्त पदों पर भर्ती दिखाई गई थीं.
बता दें कि भर्ती का यह विज्ञापन पीडीएफ फाइल में था. जब यह वायरल मैसेज यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और कुलपति से लेकर रजिस्ट्रार तक पहुंचा तो प्रशासन हरकत में आ गया. मामले को लेकर बुधवार को कुलसचिव हरफूल यादव ने गांधीनगर थाने में मामला दर्ज करवाया.
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इतने तो पद ही नहीं है
कुलसचिव ने साफ किया है कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में लिपिक ग्रेड-2 के 206 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 86 पद खाली हैं. साथ ही बताया कि इन पदों को भरने के लिए फिलहाल राज्य सरकार ने कोई अनुमति नहीं दी है. भर्ती के लिए फिलहाल कोई प्रक्रिया भी नहीं चल रही है.
बेरोजगारों को किया जाता है गुमराह
राजस्थान यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले को लेकर फिलहाल मामला तो दर्ज करवा दिया है. साथ ही यह दावा भी किया है कि फर्जी विज्ञप्ति के जरिए बेरोजगारों पर बड़ी मार पड़ती है. भर्ती के विज्ञापन के जरिए बेरोजगारों से पैसे ऐंठने का काम होता है. साथ ही बड़े स्तर पर धोखाधड़ी भी की जाती है. इतनी बड़ी संख्या में भर्ती का विज्ञापन देखकर शायद बेरोजगार झांसे में भी आ जाते हैं. उधर, जनसंपर्क विभाग की ओर से प्रेस नोट भी जारी किया गया है, जिसमें भर्ती का खंडन किया गया है. साथ ही सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से भर्ती के झांसे में नहीं आने की बात भी कही गई है.