जयपुर. नूपुर शर्मा की हत्या के लिए उकसाने के आरोप में मंगलवार रात अजमेर दरगाह पुलिस ने खादिम सैयद सलमान चिश्ती को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के समय सीओ संदीप सारस्वत भी थे. उस दौरान किसी ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया. उसमें सारस्वत आरोपी को बचाव का रास्ता सुझाते सुने जा सकते हैं. वायरल हुए वीडियो के बाद डीएसपी संदीप सारस्वत को एपीओ कर दिया गया (Ajmer DSP Viral Video). उनकी इसी वीडियो की जांच राजस्थान पुलिस की विजिलेंस शाखा को सौंपी गई है.
कार्यवाहक डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि बुधवार शाम दरगाह सीओ संदीप सारस्वत को सरकार के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने एपीओ करने के बाद जांच विजिलेंस शाखा को सौंपी है. वायरल वीडियो में जो आवाज है वह किसकी है और साथ ही पुलिस आरोपी से किस संदर्भ में बातचीत कर रही है, इन तमाम तथ्यों की जांच अब पुलिस मुख्यालय की विजिलेंस शाखा करेगी. उमेश मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए हिस्ट्रीशीटर सैयद सलमान चिश्ती के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है और आरोपी के विरुद्ध पुख्ता साक्ष्य जुटाकर अभियोजन की सशक्त कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस का तर्क- उसे समझाना बुझाना जरूरी था: इस पूरे प्रकरण को लेकर अजमेर शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान का कहना है कि आरोपी नशा करने का आदी है और पूर्व में गिरफ्तारी के दौरान वह खुद को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर चुका है. जिसे ध्यान में रखते हुए उस को समझा-बुझाकर कस्टडी में लिया जा रहा था ताकि मौके पर परिस्थिति न बिगड़ पाए. आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है उससे पूछताछ की जा रही है.
क्या है वीडियो में!: सलमान चिश्ती को गिरफ्तार करने के दौरान का एक वीडियो बुधवार को काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें सीओ दरगाह संदीप सारस्वत आरोपी को ये कहते हुए दिखाई दिए कि 'बोल देना नशे में दिया था बयान तो बच जाएगा.' सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद काफी हंगामा खड़ा हुआ और बीजेपी ने भी इस मुद्दे को भुनाते हुए राजस्थान पुलिस और सरकार पर आरोपी को बचाने के आरोप लगाए.