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स्कूल फीस के मामले में ढाई महीने बाद आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला

कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली के मामले में आज सोमवार को 2 महीने 15 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा. इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने 8 फरवरी को इस मामले में अंतरिम आदेश दिया था. इसके बाद 16 फरवरी को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था.

Supreme Court on School Fees Case, Supreme Court Judgment
स्कूल फीस के मामले में ढाई महीने बाद आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला
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Published : May 3, 2021, 10:28 AM IST

जयपुर. कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली के मामले में आज सोमवार को 2 महीने 15 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा. इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने 8 फरवरी को इस मामले में अंतरिम आदेश दिया था. इसके बाद 16 फरवरी को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था. आखिरकार 2 माह 15 दिन बाद वह घड़ी आ गई जिसका प्रदेश के अभिभावक लंबे अंतराल से इंतजार कर रहे थे.

कैथोलिक एजुकेशन सोसायटी, शिक्षा कुल सेवा संस्थान (राजसमंद) और सवाई मानसिंह विद्यालय (एसएमएस) की मैनेजिंग कमेटी ने 18 दिसंबर को राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधिपति एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ में चल रहा था. जिसने सुनवाई पूरी करते हुए 16 फरवरी को अंतिम ऑर्डर रिजर्व कर लिया था.

पढ़ें- जीवन बचाने के लिए सख्ती से लागू करें रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा: CM गहलोत

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को 2019-20 के अनुसार शतप्रतिशत फीस 6 किश्तों में जमा करवाने के अंतरिम आदेश दिए थे. फिर 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व किया था. उन्होंने सभी पक्षकारों से लिखित में अपनी बात रखने को कहा था. जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने भी लिखित में अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा.

संयुक्त अभिभावक संघ का कहना है कि आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी. संघ के लीगल सेल प्रमुख एडवोकेट अमित छंगाणी ने बताया कि सोमवार को फैसला देखने के बाद ही अब कुछ कहा जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें आशा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्यायसम्मत और अभिभावकों के पक्ष में आएगा.

जयपुर. कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूली के मामले में आज सोमवार को 2 महीने 15 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा. इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने 8 फरवरी को इस मामले में अंतरिम आदेश दिया था. इसके बाद 16 फरवरी को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था. आखिरकार 2 माह 15 दिन बाद वह घड़ी आ गई जिसका प्रदेश के अभिभावक लंबे अंतराल से इंतजार कर रहे थे.

कैथोलिक एजुकेशन सोसायटी, शिक्षा कुल सेवा संस्थान (राजसमंद) और सवाई मानसिंह विद्यालय (एसएमएस) की मैनेजिंग कमेटी ने 18 दिसंबर को राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधिपति एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ में चल रहा था. जिसने सुनवाई पूरी करते हुए 16 फरवरी को अंतिम ऑर्डर रिजर्व कर लिया था.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को 2019-20 के अनुसार शतप्रतिशत फीस 6 किश्तों में जमा करवाने के अंतरिम आदेश दिए थे. फिर 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व किया था. उन्होंने सभी पक्षकारों से लिखित में अपनी बात रखने को कहा था. जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने भी लिखित में अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा.

संयुक्त अभिभावक संघ का कहना है कि आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी. संघ के लीगल सेल प्रमुख एडवोकेट अमित छंगाणी ने बताया कि सोमवार को फैसला देखने के बाद ही अब कुछ कहा जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें आशा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्यायसम्मत और अभिभावकों के पक्ष में आएगा.

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