जयपुर. अनलॉक (Unlock News) होने के साथ ही अब बाजारों में पहले की तरह रौनक लौटने के साथ ही अर्थव्यवस्था के भी जल्द ही पटरी पर लौटने की उम्मीद है. इन सबके बीच चोरी के आंकड़ों में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है. लॉकडाउन (Lockdown In Rajasthan) के पहले सप्ताह में औसतन 3 से 4 वाहन चोरी के प्रकरण सामने आ रहे थे, तो वहीं अब वाहन चोरी की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है.
अनलॉक के पहले सप्ताह में राजधानी जयपुर में वाहन चोरी के 130 से अधिक प्रकरण सामने आए हैं. लॉकडाउन की तुलना में अनलॉक के दौरान वाहन चोरी की वारदातों में 40% की वृद्धि दर्ज की गई है. ऐसे में वाहन चोरों पर लगाम लगाने के लिए जयपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच (Jaipur Police Crime Branch) एक विशेष अभियान चलाने की रणनीति बनाने में जुट गई है.
डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि अनलॉक के चलते शहर में लोगों का मूवमेंट पहले की तरह सामान्य होने लगा है. ऐसे में सड़कों पर वाहनों का दबाव भी अधिक देखा जा रहा है. राजधानी के ऐसे स्थल जहां पर लोगों की चहल-पहल ज्यादा रहती है और बड़ी तादाद में वाहन खड़े रहते हैं ऐसे ही इलाके चोरों की पहली पसंद बने हुए हैं. राजधानी का जवाहर सर्किल, गौरव टावर, सेंट्रल पार्क, कलेक्ट्रेट सर्किल, अम्रपाली सर्किल आदि ऐसे स्थान हैं जहां पर वाहन चोरी की वारदातें अधिक घटित होती हैं. इसके साथ ही पार्किंग स्थल के अलावा अन्य स्थानों पर खड़े हुए वाहन भी चोरों की नजर में रहते हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से बिकने वाले वाहन चोरों की पहली पसंद
राजधानी में सक्रिय वाहन चोर गैंग ऐसे वाहनों को अपना टारगेट बनाते हैं जिन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से बेचा जा सके. शहर से प्रतिदिन चोरी होने वाले दोपहिया वाहनों में सर्वाधिक बाइक हीरो की होती है और इसके अलावा बुलेट व अन्य स्पोर्ट्स बाइक भी चोरों के निशाने पर रहती है. वारदात को अंजाम देने के बाद वाहन चोर तुरंत ही दूसरे जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाकर कम कीमत पर बेच देते हैं.
इसके साथ ही बदमाशों के कई गैंग चुराई गई स्पोर्ट्स बाइक (Sports Bike) का इस्तेमाल चेन स्नेचिंग (Chain Snatching) व मोबाइल स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देने में भी करते हैं. यही कारण है कि जब भी ऐसी कोई वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद होती है. फुटेज में दिखाई दे रहे बाइक नंबर के आधार पर पुलिस बदमाशों का सुराग जुटाने का प्रयास करती है, तो वह बाइक चोरी की निकलती है.
दौसा, सवाई माधोपुर और बांदीकुई के गैंग सक्रिय
डीसीपी क्राइम आनंद बताते हैं कि राजधानी में दौसा, सवाई माधोपुर और बांदीकुई के गैंग सक्रिय हैं. ऐसे में बदमाशों की धरपकड़ के लिए जयपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच राजधानी में सक्रिय दूसरे जिलों की गैंग के बदमाशों को दबोचने के लिए विशेष ऑपरेशन चलाने जा रही है. इसके लिए अन्य जिलों की पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशन चलाने की रणनीति तैयार हो रही है. शहर में सीसीटीवी कैमरों की संख्या को भी बढ़ाया जा रहा है. राजधानी के तमाम प्रमुख मार्ग, चौराहे और तिराहे सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग में हैं.
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पार्किंग एरिया में ही खड़ा करें वाहन
डीसीपी क्राइम ने आमजन से अपील की है कि चालक अपने वाहन को हमेशा पार्किंग स्थल पर ही खड़ा करें. पार्किंग स्थल सीसीटीवी कैमरे (CCTV Camera) की निगरानी में रहते हैं और ऐसे में यदि वहां वाहन चोरी की वारदात घटित भी होती है तो सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) की सहायता से पुलिस आसानी से चोरों तक पहुंच सकती है.
वाहन चोरी के अधिकतर प्रकरणों में ये जानकारी सामने आई है कि लोग पार्किंग का शुल्क बचाने के लिए अपने वाहनों को पार्किंग स्थल पर खड़ा न करके किसी दूसरे स्थान पर खड़ा कर देते हैं. वहां से उनके वाहन बड़ी आसानी से चोरी हो जाते हैं. ऐसे में आमजन से अपील है कि लोग अपने वाहन हॉस्पिटल, मॉल, बाजार आदि स्थानों पर पार्किंग एरिया में ही खड़े करें.