जयपुर. सनातन धर्म को मनाने वाले लोगों के लिए ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा पर्व शुक्रवार यानी आज है. स्कंद और भविष्य पुराण के अनुसार ये बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है. आज के दिन जल की बचत और जल दान करना चाहिए. साथ ही तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने का भी महत्व है.
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार आज के दिन पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु संग लक्ष्मी वास करती है. इसलिए यदि कोई एक लोटे में जल, कच्चा दूध और बताशा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करता है, तो इससे उसे व्यापार में लाभ मिलेगा. वहीं भगवान शिव-पार्वती, विष्णुजी और वट व्रक्ष की पूजा भी करने का विधान है. इसके साथ ही आज के दिन दान करने से पितरों का भी भला होता है और उन्हें मुक्ति की प्राप्ति होती है. इस दिन खासतौर पर महिलाओं को व्रत रखना चाहिए.
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यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में ग्रह दोष है, तो उसे पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करने से लाभ होगा. आज के दिन मां लक्ष्मी की तस्वीर पर 11 चढ़ा कोड़िया चढ़ा कर उस पर हल्दी का तिलक लगाएं, फिर अगली सुबह उन्हें किसी लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें. इससे भक्तों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी.
वहीं इसके अलावा जिन युवक-युवतियों के विवाह होते-होते टल जाता है या फिर उसमें किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही होती है, तो उन्हें ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन श्वेत वस्त्र धारण करके शिवाभिषेक करना चाहिए. इससे विवाह में आने वाली हर समस्या दूर हो जाएगी.
वहीं इस दिन से श्रदालु गंगा जल लेकर अमरनाथ यात्रा के लिए भी निकलते है. इस समय में धरती पर प्रचंड गर्मी रहती है और कई नदी औ तालाब सुख जाते हैं या फिर उनका जलस्तर कम हो जाता है. इसलिए इस महीने में जल का महत्व अन्य महीनों की तुलना में बढ़ जाता है. इस कारण शास्त्रों में गर्मियों में ज्येष्ठ महीने में पेड़ो को सींचना और जलदान करना विशेष तौर पर बताया गया है. इसके अलावा पितृ तर्पण का भी विशेष महत्व है.