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अन्य प्रदेशों में प्रचार से क्यों दूर रखा वसुंधरा को...सियासी गलियारों में बना चर्चा का विषय

लोकसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में है. इससे पहले भाजपा की ओर से अपने 71 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गई थी, लेकिन इसमें प्रदेश के पूर्व सीएम राजे का नाम नहीं होना चर्चा का विषय बना था. प्रदेश के कई छोटे-बड़े नेता दूसरे राज्यों में भी चुनावी प्रचार पर गए थे, लेकिन राजे को यह मौका नहीं मिला.

वसुंधरा राजे नहीं हुई अन्य प्रदेशों के प्रचार में शामिल
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Published : May 12, 2019, 3:13 PM IST

जयपुर. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दोनों चरण संपन्न हो चुके है. अन्य राज्यों में शेष चरणों के चुनाव के लिए प्रदेश के भी कई नेताओं को प्रचार अभियान की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन भाजपा के स्टार प्रचारक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का नाम इस भारी भरकम सूची से गायब हैं.

राजस्थान में 25 सीटों पर लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं लेकिन अभी भी देश के कुछ राज्यों में चुनाव होना बाकी है. खास तौर पर सातवें चरण में मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित आठ राज्यों की सीटों पर मतदान होना है. इन सभी स्थानों के लिए राजस्थान के 71 नेताओं को विभिन्न प्रदेशों में जाकर चुनाव की बागडोर संभालने की जिम्मेदारी दी गई है. इनमें ओम माथुर, गुलाब कटारिया, राजेंद्र राठौड़ सहित बीजेपी के मौजूदा सांसद प्रत्याशी कई विधायक, पूर्व विधायक और संगठन के पदाधिकारियों के नाम भी सूची में शामिल है. लेकिन इस सूची से गायब नाम है तो केवल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का. यहां बता दे कि वसुंधरा राजे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है.

वसुंधरा राजे नहीं हुई अन्य प्रदेशों के प्रचार में शामिल

जिन 71 नेताओं को बतौर स्टार प्रचारक अन्य प्रदेशों में चुनाव प्रचार के लिए भेजा है. उनमें कुछ भाजपा नेता ऐसे भी है जिन को प्रदेश स्तर पर भी अपनी पहचान बनाना अभी बाकी है, लेकिन उन्हें अन्य प्रदेशों में मतदाताओं को रिझाने के लिए पार्टी की ओर से भेजा गया है. दूसरी तरफ वसुंधरा राजे जो भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार है और मध्य प्रदेश में जिनके परिवार का राजनीतिक वर्चस्व है. ऐसे में इस चर्चित नेता को अन्य प्रदेशों में चुनाव प्रचार से दूर रखने का क्या कारण है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है.

हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी कहते हैं की वसुंधरा राजे अपनी व्यक्तिगत यात्रा की वजह से शायद प्रचार में शामिल नहीं हुई लेकिन अधिक जानकारी उन्हें भी नहीं है. और वह इस मामले में संपूर्ण निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर छोड़ते हैं. उनके अनुसार प्रचार के लिए किसे कहां भेजना है यह सब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से तय होता है और संभवत इस बारे में पार्टी ने वसुंधरा जी से भी चर्चा की होगी.
बहरहाल वजह चाहे जो भी ही रही हो लेकिन प्रदेश के 71 छोटे-बड़े नेताओं की सूची से राजे का नाम नदारद हो तो ये कुछ अन्य समीकरणों को संकेत देता है. पार्टी के भीतर यह सियासी चर्चा का विषय बना हुआ है.

जयपुर. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दोनों चरण संपन्न हो चुके है. अन्य राज्यों में शेष चरणों के चुनाव के लिए प्रदेश के भी कई नेताओं को प्रचार अभियान की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन भाजपा के स्टार प्रचारक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का नाम इस भारी भरकम सूची से गायब हैं.

राजस्थान में 25 सीटों पर लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं लेकिन अभी भी देश के कुछ राज्यों में चुनाव होना बाकी है. खास तौर पर सातवें चरण में मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित आठ राज्यों की सीटों पर मतदान होना है. इन सभी स्थानों के लिए राजस्थान के 71 नेताओं को विभिन्न प्रदेशों में जाकर चुनाव की बागडोर संभालने की जिम्मेदारी दी गई है. इनमें ओम माथुर, गुलाब कटारिया, राजेंद्र राठौड़ सहित बीजेपी के मौजूदा सांसद प्रत्याशी कई विधायक, पूर्व विधायक और संगठन के पदाधिकारियों के नाम भी सूची में शामिल है. लेकिन इस सूची से गायब नाम है तो केवल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का. यहां बता दे कि वसुंधरा राजे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है.

वसुंधरा राजे नहीं हुई अन्य प्रदेशों के प्रचार में शामिल

जिन 71 नेताओं को बतौर स्टार प्रचारक अन्य प्रदेशों में चुनाव प्रचार के लिए भेजा है. उनमें कुछ भाजपा नेता ऐसे भी है जिन को प्रदेश स्तर पर भी अपनी पहचान बनाना अभी बाकी है, लेकिन उन्हें अन्य प्रदेशों में मतदाताओं को रिझाने के लिए पार्टी की ओर से भेजा गया है. दूसरी तरफ वसुंधरा राजे जो भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार है और मध्य प्रदेश में जिनके परिवार का राजनीतिक वर्चस्व है. ऐसे में इस चर्चित नेता को अन्य प्रदेशों में चुनाव प्रचार से दूर रखने का क्या कारण है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है.

हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी कहते हैं की वसुंधरा राजे अपनी व्यक्तिगत यात्रा की वजह से शायद प्रचार में शामिल नहीं हुई लेकिन अधिक जानकारी उन्हें भी नहीं है. और वह इस मामले में संपूर्ण निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर छोड़ते हैं. उनके अनुसार प्रचार के लिए किसे कहां भेजना है यह सब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से तय होता है और संभवत इस बारे में पार्टी ने वसुंधरा जी से भी चर्चा की होगी.
बहरहाल वजह चाहे जो भी ही रही हो लेकिन प्रदेश के 71 छोटे-बड़े नेताओं की सूची से राजे का नाम नदारद हो तो ये कुछ अन्य समीकरणों को संकेत देता है. पार्टी के भीतर यह सियासी चर्चा का विषय बना हुआ है.

Intro:
जयपुर (इंट्रो एंकर)
प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दोनों चरण संपन्न हो चुका है अन्य राज्यों में बचे हुए चरणों के चुनाव के लिए प्रदेश के भी कई नेताओं को प्रचार अभियान की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन भाजपा के स्टार प्रचारक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का नाम इस भारी भरकम सूची से गायब हैं।

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राजस्थान में 25 सीटों पर लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं लेकिन अभी भी देश के कुछ राज्यों में चुनाव होना बाकी है। खास तौर पर सातवें चरण में मध्य प्रदेश पंजाब उत्तर प्रदेश सहित आठ राज्यों की सीटों पर मतदान होना है। इन सभी स्थानों के लिए राजस्थान के 71 नेताओं को विभिन्न प्रदेशों में जाकर चुनाव की बागडोर संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें ओम माथुर, गुलाब कटारिया, राजेंद्र राठौड़ सहित बीजेपी के मौजूदा सांसद प्रत्याशी कई विधायक पूर्व विधायक और संगठन के पदाधिकारी क नाम भी सूची में शामिल है। लेकिन इस भारी भरकम सूची से गायब है तो केवल पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम...यहा आपको बता दे कि वसुंधरा राजे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है।

मिड पीटीसी- पीयूष शर्मा,जयपुर

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जिन 71 नेताओं को बतौर स्टार प्रचारक अन्य प्रदेशों में चुनाव प्रचार के लिए भेजा है उनमें कुछ भाजपा नेता ऐसे भी है जिन को प्रदेश स्तर पर भी अपनी पहचान बनाना अभी बाकी है लेकिन उन्हें अन्य प्रदेशों में मतदाताओं को रिझाने के लिए पार्टी की ओर से भेजा गया है दूसरी तरफ वसुंधरा राजे जो भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार है और मध्य प्रदेश में जिनके परिवार का राजनीतिक वर्चस्व है। ऐसे में इस चर्चित नेता को अन्य प्रदेशों में चुनाव प्रचार से दूर रखने का क्या कारण है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है। हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी कहते हैं की वसुंधरा राजे अपनी व्यक्तिगत यात्रा की वजह से शायद प्रचार में नहीं हुई लेकिन अधिक जानकारी उन्हें भी नहीं है और वह इस मामले में संपूर्ण निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर छोड़ते हैं। उनके अनुसार प्रचार के लिए किसे कहा भेजना है यह सब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से तय होता है और संभवत इस बारे में पार्टी ने वसुंधरा जी से भी चर्चा की होगी।

बाईट- मदनलाल सैनी,भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

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बहरहाल वजह चाहे जो भी ही रही हो लेकिन प्रदेश के 71 छोटे बड़े नेताओं की सूची से राज्य का नाम नदारद हो ना कुछ अन्य समीकरणों को संकेत देता है दिखाई पड़ रहा है और पार्टी के भीतर यही सियासी चर्चा का विषय बना हुआ है।

(Edited vo pkg-Kyu dur huyi vasundhra raje)




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