जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रदेश के 70 साल की ऐतिहासिक राजनीतिक यात्रा और संस्कृति से रूबरू कराने वाले डिजिटल म्यूजियम का हाल ही में लोकार्पण किया गया है. म्यूजियम का हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अवलोकन किया, तो वह अपनी ही प्रतिमा को देख कर चौंक (Raje shocked to see her statue) गई. राजे ने इस दौरान प्रतिमा के नजदीक जाकर अधिकारियों से पूछा क्या यह प्रतिमा मेरी जैसी दिखाई दे रही है, तो अधिकारियों ने कहा नहीं मैम. राजे के ये सवाल पूछने पर आसपास खड़े अधिकारी एक-दूसरे की बगलें झांकने लगे.
दरअसल हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव मतदान के दौरान पूर्व सीएम जब विधानसभा पहुंची तो इस दौरान यहां बेसमेंट में बने डिजिटल म्यूजियम का भी अवलोकन किया. इस दौरान उनके साथ विधानसभा के कई अधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान राजे की नजर वहां बनी प्रतिमा पर पड़ी, जिस पर वसुंधरा राजे का नाम अंकित था. राजे ने अधिकारियों से पूछा, 'यह मेरी प्रतिमा है क्या?', तो अधिकारियों ने हां..में जवाब दिया. लेकिन जब पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा क्या यह प्रतिमा मेरी जैसी दिखाई दे रही है, तो अधिकारियों ने नहीं मैम कहते हुए जवाब दिया.
राजे ने इस दौरान कहा कि बाकी नेताओं की प्रतिमाओं को भी देखिए कईयों की शक्ल नहीं मिल रही. राजे ने अधिकारियों से कहा कि डिजिटल म्यूजियम विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी का एक सुंदर प्रयास और नवाचार है, पर इसमें आप द्वारा थोड़ा सा और ध्यान दिया जाता तो म्यूजियम को और ज्यादा आकर्षक बनाया जा सकता था. यहां बता दें कि राजे से विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने भी आग्रह किया था कि वे विधानसभा में डिजिटल म्यूजियम को देखें और सुधार के लिए अपने सुझाव भी दें.
राजे ने कहा कि इस म्यूजियम को दूर-दूर से लोग देखने आएंगे. वे अपने नेताओं को करीब से देखेंगे तो उन्हें पहचानने में दिक्कत नहीं होगी, क्या उन्हें अजीब सा नहीं लगेगा? उन्होंने कहा कि प्रतिमाओं में सुधार करना होगा. राजे ने कहा विधायकों द्वारा स्पीकर से सवाल करने का जो सिस्टम बनाया गया है, वह भी अच्छा नवाचार है, लेकिन सवाल का जवाब देते वक्त स्पीकर का आई कांटेक्ट सवाल पूछने वाले विधायक के साथ होना चाहिए. इसके अलावा भी उन्होंने म्यूजियम से संबंधित अधिकारियों को कई सुझाव दिए. उन्होंने म्यूजियम में उपलब्ध राजस्थान के सचित्र इतिहास को गौर से पढ़ा. सभी मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों की प्रतिमाओं को भी करीब से देखा.
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16 जुलाई को हुआ था म्यूजियम का लोकार्पण: बता दें कि राजस्थान विधानसभा में इस डिजिटल म्यूजियम का लोकार्पण 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने किया था. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया समेत कई मंत्री और विधायक मौजूद थे.