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राजे की यात्रा : पार्टी से बाहर हुए नेता भी दिखे साथ-साथ, लेकिन अपनों के बयानों से भंवर में फंसी भाजपा... - Randhir Singh Bhinder Seen with Raje

भले ही विधानसभा चुनाव में 2 साल बाकी हो, लेकिन राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP Politics) अभी अपनों के ही सियासी संग्राम में फंसी नजर आ रही है. हाल ही में निकली पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा (Vasundhara Raje Dev Darshan Yatra) भले ही उनकी व्यक्तिगत यात्रा बताई जा रही हो, लेकिन इसमें उन नेताओं की एंट्री भी हुई जो पार्टी से बाहर थे और उन विधायकों के बयान भी आए जो संगठन के पदों पर हैं. ऐसे में राजस्थान भाजपा में एक नया 'भूचाल' आना तय है.

Vasundhara Mewar Trip News
राजे की यात्रा
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Published : Nov 29, 2021, 5:49 PM IST

Updated : Nov 29, 2021, 7:08 PM IST

जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मेवाड़ यात्रा (Vasundhara Mewar Trip News) यूं तो देव दर्शन और दिवंगत नेताओं के यहां संवेदना जताने के लिए थी, लेकिन इसमें उमड़ी भीड़ के जरिए राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा समर्थकों को (Supporters of Raje in Rajasthan) जो संदेश देना था, उसे देने में वे कामयाब रहे. खास बात यह रही कि इस यात्रा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी भले ही शामिल न हुए हों, लेकिन भाजपा से बाहर हुए रणधीर सिंह भींडर (Randhir Singh Bhinder Seen with Raje) राजे की यात्रा के स्वागत में पलक पावडे बिछाए नजर आए. अजमेर में भंवर सिंह पलाड़ा भी उन्हीं नेताओं में शामिल हैं जो वसुंधरा राजे के साथ दिखे, लेकिन वर्तमान में वे पार्टी से बाहर हैं. मतलब पार्टी से बाहर हुए नेता भी वसुंधरा राजे के प्रति समर्पित दिखे.

विधायकों के इन बयानों से भंवर में फंसी 'राजस्थान भाजपा' : अब भले ही यात्रा का मकसद वसुंधरा राजे की जुबानी कुछ और हो, लेकिन यात्रा के दौरान राजे समर्थकों ने जब अपनी जुबान खोली तो असली मकसद भी सामने आने लगा. भीलवाड़ा में मौजूदा भाजपा विधायक जब्बर सिंह सांखला और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व अजमेर से मौजूदा विधायक अनिता भदेल के बयानों ने तो राजस्थान भाजपा को भंवर में डाल दिया.

अपनों के बयानों से भंवर में फंसी भाजपा...

सांखला ने साल 2023 में बतौर मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में वसुंधरा राजे के नाम को आगे कर दिया तो अनिता भदेल ने वसुंधरा राजे के पास खड़े होकर अगला मुख्यमंत्री कैसा हो तक के नारे लगा डाले. दोनों ही बयान इस बात का संकेत है कि अलग-अलग खेमों में बंटी राजस्थान भाजपा में (Factionalism in BJP) सबकुछ ठीक नहीं चल रहा.

पढ़ें : Vasundhara Mewar Tour : राजे की मेवाड़ यात्रा के समय को लेकर कटारिया ने कही ये बड़ी बात...

पढ़ें : मैं लोगों के दुख-दर्द बांटने आई हूं...चुनाव में अभी दो साल हैं...आने वाला समय भाजपा का है - वसुंधरा राजे

यात्रा में दिखी सियासी ताकत, लेकिन पार्टी की मजबूती पर सवाल : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Ex CM Raje) की इस यात्रा के दौरान अलग-अलग स्थानों पर जनसैलाब उमड़ा. मतलब वसुंधरा राजे की लोकप्रियता के ग्राफ को तो इस यात्रा के जरिए सामने रखा गया, लेकिन पार्टी इससे मजबूत शायद नहीं हो पाई. होती भी तो आखिर कैसे, क्योंकि सबका साथ सबका विकास का स्लोगन भले ही भाजपा का हो, लेकिन यही स्लोगन राजस्थान भाजपा के नेताओं पर इस समय फिट नहीं बैठ रहा, जो शायद पार्टी आलाकमान (Vasundhara Mewar Trip Tension for BJP High Command) के लिए भी चिंता का विषय होगा.

पढ़ें : वसुंधरा की देव दर्शन यात्रा : बांसवाड़ा में किये त्रिपुरा सुंदरी माता के दर्शन..पूर्व सीएम को देखने जगह-जगह उमड़ी भीड़

गौरतलब है कि हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मेवाड़ सहित प्रदेश के कुछ जिले, जिनमें चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर, पाली, भीलवाड़ा और अजमेर जिलों में यात्रा की थी. यात्रा के दौरान राजे ने धार्मिक स्थानों पर देव दर्शन भी किए तो पार्टी के पूर्व दिवंगत नेताओं के घर पहुंच कर शोक संवेदना भी जताई. लेकिन यात्रा पूर्व मुख्यमंत्री की थी, लिहाजा इस पर सियासत भी खूब हुई.

जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मेवाड़ यात्रा (Vasundhara Mewar Trip News) यूं तो देव दर्शन और दिवंगत नेताओं के यहां संवेदना जताने के लिए थी, लेकिन इसमें उमड़ी भीड़ के जरिए राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा समर्थकों को (Supporters of Raje in Rajasthan) जो संदेश देना था, उसे देने में वे कामयाब रहे. खास बात यह रही कि इस यात्रा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी भले ही शामिल न हुए हों, लेकिन भाजपा से बाहर हुए रणधीर सिंह भींडर (Randhir Singh Bhinder Seen with Raje) राजे की यात्रा के स्वागत में पलक पावडे बिछाए नजर आए. अजमेर में भंवर सिंह पलाड़ा भी उन्हीं नेताओं में शामिल हैं जो वसुंधरा राजे के साथ दिखे, लेकिन वर्तमान में वे पार्टी से बाहर हैं. मतलब पार्टी से बाहर हुए नेता भी वसुंधरा राजे के प्रति समर्पित दिखे.

विधायकों के इन बयानों से भंवर में फंसी 'राजस्थान भाजपा' : अब भले ही यात्रा का मकसद वसुंधरा राजे की जुबानी कुछ और हो, लेकिन यात्रा के दौरान राजे समर्थकों ने जब अपनी जुबान खोली तो असली मकसद भी सामने आने लगा. भीलवाड़ा में मौजूदा भाजपा विधायक जब्बर सिंह सांखला और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व अजमेर से मौजूदा विधायक अनिता भदेल के बयानों ने तो राजस्थान भाजपा को भंवर में डाल दिया.

अपनों के बयानों से भंवर में फंसी भाजपा...

सांखला ने साल 2023 में बतौर मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में वसुंधरा राजे के नाम को आगे कर दिया तो अनिता भदेल ने वसुंधरा राजे के पास खड़े होकर अगला मुख्यमंत्री कैसा हो तक के नारे लगा डाले. दोनों ही बयान इस बात का संकेत है कि अलग-अलग खेमों में बंटी राजस्थान भाजपा में (Factionalism in BJP) सबकुछ ठीक नहीं चल रहा.

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यात्रा में दिखी सियासी ताकत, लेकिन पार्टी की मजबूती पर सवाल : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Ex CM Raje) की इस यात्रा के दौरान अलग-अलग स्थानों पर जनसैलाब उमड़ा. मतलब वसुंधरा राजे की लोकप्रियता के ग्राफ को तो इस यात्रा के जरिए सामने रखा गया, लेकिन पार्टी इससे मजबूत शायद नहीं हो पाई. होती भी तो आखिर कैसे, क्योंकि सबका साथ सबका विकास का स्लोगन भले ही भाजपा का हो, लेकिन यही स्लोगन राजस्थान भाजपा के नेताओं पर इस समय फिट नहीं बैठ रहा, जो शायद पार्टी आलाकमान (Vasundhara Mewar Trip Tension for BJP High Command) के लिए भी चिंता का विषय होगा.

पढ़ें : वसुंधरा की देव दर्शन यात्रा : बांसवाड़ा में किये त्रिपुरा सुंदरी माता के दर्शन..पूर्व सीएम को देखने जगह-जगह उमड़ी भीड़

गौरतलब है कि हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मेवाड़ सहित प्रदेश के कुछ जिले, जिनमें चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर, पाली, भीलवाड़ा और अजमेर जिलों में यात्रा की थी. यात्रा के दौरान राजे ने धार्मिक स्थानों पर देव दर्शन भी किए तो पार्टी के पूर्व दिवंगत नेताओं के घर पहुंच कर शोक संवेदना भी जताई. लेकिन यात्रा पूर्व मुख्यमंत्री की थी, लिहाजा इस पर सियासत भी खूब हुई.

Last Updated : Nov 29, 2021, 7:08 PM IST
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