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गहलोत सरकार के 3 साल : वसुंधरा राजे का कटाक्ष - झूठे वादों से बनी सरकार जनता की परीक्षा में रही फेल

राजस्थान की गहलोत सरकार की तीसरी वर्षगांठ पर एक तरफ सरकार अपनी उपलब्धियां गिना रही है. तो दूसरी तरफ भाजपा ने अशोक गहलोत सरकार पर हमला (BJP attack on Ashok Gehlot government) बोला है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत सरकार के 3 साल के कार्यकाल को जनता की परीक्षा में फेल करार दिया है. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और भाजपा विधायक व प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.

Three years of Ashok Gehlot government
गहलोत सरकार के 3 साल
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Published : Dec 17, 2021, 6:47 PM IST

जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने एक बयान जारी कर राजस्थान की गहलोत सरकार पर निशाना (Vasundhara Raje took a jibe at the Rajasthan government) साधा. राजे ने कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार झूठे वादे करके सत्ता में आई और 3 साल में जनता की हर परीक्षा में पूरी तरह फेल रही.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (vasundhra raje on ashok gehlot Government) ने आगे कहा कि राजस्थान में सरकार होती तो बेरोज़गारी में हमारा प्रदेश अव्वल नहीं होता. महत्वपूर्ण परीक्षाओं के पर्चे आउट नहीं होते. हर रोज़ हमारी मासूम बच्चियां दुष्कर्म का शिकार नहीं होती. हमारा प्रदेश महिला अत्याचार में टॉप पर नहीं होता. राजस्थान में क़ानून और व्यवस्था ख़त्म नहीं होती और दलित अत्याचार चरम पर नहीं होते. उन्होंने कहा कि सरकार होती तो वो किसानों का कर्ज माफी का वादा पूरा करती.

दलित अत्याचार चरम पर, भ्रष्टाचार में रिकॉर्ड - राजे

राजे ने कहा कि यदि राजस्थान में सरकार नाम की कोई संस्था होती तो राजस्थान महंगाई की आग में नहीं झुलसता. हमारा प्रदेश महंगाई में देश में नम्बर वन नहीं होता. उन्होंने कहा कि सरकार होती तो महंगाई की सबसे बड़ी वजह बिजली और पेट्रोल-डीजल के दाम देश में सबसे ज़्यादा यहां नहीं होते. दलित अत्याचार चरम पर नहीं होते. सरकार होती तो भ्रष्टाचार में रिकार्ड क़ायम नहीं होता. कोरोना में इतने लोग नहीं मरते.

पढ़ें- Gehlot Government Third Anniversary: कर्मठशील कार्यकर्ताओें की संगठन में बढ़ेगी भागीदारी -गोविंद सिंह डोटासरा

3 साल में राजस्थान हुआ बेहाल- राजेन्द्र राठौड़

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathod on Ashok Gehlot) ने अशोक गहलोत सरकार के 3 साल के कार्यकाल को विफल बताया है. राठौड़ ने कहा कि अंतर्कलह से जूझती कांग्रेस सरकार ने राजस्थान का बंटाधार करते हुए अपने प्रशासन के 36 महीने गुजार दिए. राठौड़ ने कहा कि इस दौरान सरकार ने विफल कानून व्यवस्था, पेट्रोल डीजल पर सर्वाधिक वैट, महंगी बिजली, किसानों व बेरोजगारों के साथ वादाखिलाफी, कोरोना कुप्रबंधन, पेपर लीक प्रकरण, सरकारी विभागों में व्यापक भ्रष्टाचार सहित कई उपलब्धियां अपने नाम की हैं.

जनता को परेशान करने में सरकार के 3 साल बेमिसाल- रामलाल शर्मा

भाजपा के विधायक और प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने भी गहलोत सरकार के 3 साल के कार्यकाल (Three years of Ashok Gehlot government) को विफल बताते हुए कहा है कि सरकार भले ही अपने कार्यकाल को बेमिसाल बताए, लेकिन हकीकत इससे विपरीत है. शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार के 3 साल बेमिसाल तो रहे लेकिन प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगाड़ने में, किसानों को दुखी और परेशान करने में, बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने में, खाद्य सुरक्षा के पोर्टल को पिछले 2 साल से बंद करने में और भर्ती परीक्षा में धांधली के मामलों में ही बेमिसाल रहे.

जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने एक बयान जारी कर राजस्थान की गहलोत सरकार पर निशाना (Vasundhara Raje took a jibe at the Rajasthan government) साधा. राजे ने कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार झूठे वादे करके सत्ता में आई और 3 साल में जनता की हर परीक्षा में पूरी तरह फेल रही.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (vasundhra raje on ashok gehlot Government) ने आगे कहा कि राजस्थान में सरकार होती तो बेरोज़गारी में हमारा प्रदेश अव्वल नहीं होता. महत्वपूर्ण परीक्षाओं के पर्चे आउट नहीं होते. हर रोज़ हमारी मासूम बच्चियां दुष्कर्म का शिकार नहीं होती. हमारा प्रदेश महिला अत्याचार में टॉप पर नहीं होता. राजस्थान में क़ानून और व्यवस्था ख़त्म नहीं होती और दलित अत्याचार चरम पर नहीं होते. उन्होंने कहा कि सरकार होती तो वो किसानों का कर्ज माफी का वादा पूरा करती.

दलित अत्याचार चरम पर, भ्रष्टाचार में रिकॉर्ड - राजे

राजे ने कहा कि यदि राजस्थान में सरकार नाम की कोई संस्था होती तो राजस्थान महंगाई की आग में नहीं झुलसता. हमारा प्रदेश महंगाई में देश में नम्बर वन नहीं होता. उन्होंने कहा कि सरकार होती तो महंगाई की सबसे बड़ी वजह बिजली और पेट्रोल-डीजल के दाम देश में सबसे ज़्यादा यहां नहीं होते. दलित अत्याचार चरम पर नहीं होते. सरकार होती तो भ्रष्टाचार में रिकार्ड क़ायम नहीं होता. कोरोना में इतने लोग नहीं मरते.

पढ़ें- Gehlot Government Third Anniversary: कर्मठशील कार्यकर्ताओें की संगठन में बढ़ेगी भागीदारी -गोविंद सिंह डोटासरा

3 साल में राजस्थान हुआ बेहाल- राजेन्द्र राठौड़

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathod on Ashok Gehlot) ने अशोक गहलोत सरकार के 3 साल के कार्यकाल को विफल बताया है. राठौड़ ने कहा कि अंतर्कलह से जूझती कांग्रेस सरकार ने राजस्थान का बंटाधार करते हुए अपने प्रशासन के 36 महीने गुजार दिए. राठौड़ ने कहा कि इस दौरान सरकार ने विफल कानून व्यवस्था, पेट्रोल डीजल पर सर्वाधिक वैट, महंगी बिजली, किसानों व बेरोजगारों के साथ वादाखिलाफी, कोरोना कुप्रबंधन, पेपर लीक प्रकरण, सरकारी विभागों में व्यापक भ्रष्टाचार सहित कई उपलब्धियां अपने नाम की हैं.

जनता को परेशान करने में सरकार के 3 साल बेमिसाल- रामलाल शर्मा

भाजपा के विधायक और प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने भी गहलोत सरकार के 3 साल के कार्यकाल (Three years of Ashok Gehlot government) को विफल बताते हुए कहा है कि सरकार भले ही अपने कार्यकाल को बेमिसाल बताए, लेकिन हकीकत इससे विपरीत है. शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार के 3 साल बेमिसाल तो रहे लेकिन प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगाड़ने में, किसानों को दुखी और परेशान करने में, बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने में, खाद्य सुरक्षा के पोर्टल को पिछले 2 साल से बंद करने में और भर्ती परीक्षा में धांधली के मामलों में ही बेमिसाल रहे.

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