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देवनानी का CM गहलोत पर आरोप, कहा- कुर्सी बचाने के लिए ले रहे हैं विधानसभा अध्यक्ष का सहारा

पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने सीएम गहलोत पर अपनी कुर्सी बचाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष का सहारा लेने का आरोप लगाया है. देवनानी ने कहा कि रातों-रात 19 कांग्रेसी विधायकों के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिए गए. जबकि भाजपा ने 4 महीने पहले बसपा विधायकों के संबंध में जो याचिका दी थी उसपर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

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गहलोत कुर्सी बचाने के लिए ले रहे विधानसभा अध्यक्ष का सहारा
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Published : Jul 15, 2020, 10:33 PM IST

जयपुर. पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अपनी कुर्सी बचाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष का सहारा लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद सम्भालने के बाद स्पीकर किसी दल विशेष से संबंधित नहीं रहते बल्कि उनके लिए सभी दल एक समान होते हैं.

देवनानी ने कहा कि स्पीकर ने कांग्रेस के 19 विधायकों को नोटिस जारी कर एसडीएम और कलेक्टर के माध्यम से रातों-रात उनके घरों के बाहर चस्पा करवा दिए. जबकि 13 जुलाई को ही कांग्रेस की तरफ से याचिका प्रस्तुत की गई थी. इसके विपरित भाजपा ने लगभग 4 महीने पहले बसपा विधायकों के संबंध में जो याचिका प्रस्तुत की थी, उसकी अब तक भी सुनवाई नहीं हुई है.

पढ़ें: केंद्रीय मंत्री शेखावत का गहलोत सरकार पर तीखा हमला, बोले- जनता गिन रही सरकार की विदाई के दिन

उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत पर आरोप लगाया कि सीएम अपनी कुर्सी बचाने के लिए तरह-तरह के हथकण्डे अपनाने में लगे हैं. कभी सरकारी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विधायकों पर दवाब बनाया जा रहा है, तो कभी विधायकों पर पुलिस का पहरा लगा दिया जाता है. इतना ही नहीं कोरोना की आड़ लेकर बेवजह प्रदेश की सीमाएं दो बार सील करवा दी.

देवनानी ने कहा कि इस बार तो गहलोत ने हद ही कर दी जब विधानसभा के बाहर आयोजित हुई कांग्रेस के विधायकों की बैठक में सम्मिलित नहीं होने वाले विधायकों को विधानसभा स्पीकर से नोटिस दिलवा दिए जो कि विधिसम्मत नहीं है. विधानसभा के बाहर होने वाली किसी कार्रवाई में स्पीकर को कोई रोल नहीं होता.

पढ़ें: राजस्थान सियासी ड्रामा: ITC ग्रैंड भारत होटल में पुलिस सुरक्षा के साथ पहुंची BMW गाड़ी

देवनानी ने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग और विधिविरुद्ध तरीके से विधायकों को डरा-धमका कर दवाब की राजनीति से गहलोत अपनी कुर्सी कब तक बचा पाएंगे. जबकि हकीकत तो यह है कि गहलोत सरकार आज अल्पमत में आ चुकी है. उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा अपने ही उप मुख्यमंत्री पर षडयंत्र का हिस्सा बनने का आरोप लगाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कल तक जिस व्यक्ति की सराहना करते हुए अपने दल में बनाए रखने के लिए सीएम खुद और पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व पूरी ताकत लगा रहा था.

उन्होंने कहा कि आज उनके ना मानने पर इस तरह से हल्के स्तर के आरोप लगाना बहुत ही हल्के स्तर की राजनीति है. वास्तव में पिछले डेढ़ साल की अपनी अकर्मण्यता और विफलताओं तथा आंतरिक कलह से जनता का ध्यान हटाने के लिए गहलोत इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं.

जयपुर. पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अपनी कुर्सी बचाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष का सहारा लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद सम्भालने के बाद स्पीकर किसी दल विशेष से संबंधित नहीं रहते बल्कि उनके लिए सभी दल एक समान होते हैं.

देवनानी ने कहा कि स्पीकर ने कांग्रेस के 19 विधायकों को नोटिस जारी कर एसडीएम और कलेक्टर के माध्यम से रातों-रात उनके घरों के बाहर चस्पा करवा दिए. जबकि 13 जुलाई को ही कांग्रेस की तरफ से याचिका प्रस्तुत की गई थी. इसके विपरित भाजपा ने लगभग 4 महीने पहले बसपा विधायकों के संबंध में जो याचिका प्रस्तुत की थी, उसकी अब तक भी सुनवाई नहीं हुई है.

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उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत पर आरोप लगाया कि सीएम अपनी कुर्सी बचाने के लिए तरह-तरह के हथकण्डे अपनाने में लगे हैं. कभी सरकारी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विधायकों पर दवाब बनाया जा रहा है, तो कभी विधायकों पर पुलिस का पहरा लगा दिया जाता है. इतना ही नहीं कोरोना की आड़ लेकर बेवजह प्रदेश की सीमाएं दो बार सील करवा दी.

देवनानी ने कहा कि इस बार तो गहलोत ने हद ही कर दी जब विधानसभा के बाहर आयोजित हुई कांग्रेस के विधायकों की बैठक में सम्मिलित नहीं होने वाले विधायकों को विधानसभा स्पीकर से नोटिस दिलवा दिए जो कि विधिसम्मत नहीं है. विधानसभा के बाहर होने वाली किसी कार्रवाई में स्पीकर को कोई रोल नहीं होता.

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देवनानी ने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग और विधिविरुद्ध तरीके से विधायकों को डरा-धमका कर दवाब की राजनीति से गहलोत अपनी कुर्सी कब तक बचा पाएंगे. जबकि हकीकत तो यह है कि गहलोत सरकार आज अल्पमत में आ चुकी है. उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा अपने ही उप मुख्यमंत्री पर षडयंत्र का हिस्सा बनने का आरोप लगाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कल तक जिस व्यक्ति की सराहना करते हुए अपने दल में बनाए रखने के लिए सीएम खुद और पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व पूरी ताकत लगा रहा था.

उन्होंने कहा कि आज उनके ना मानने पर इस तरह से हल्के स्तर के आरोप लगाना बहुत ही हल्के स्तर की राजनीति है. वास्तव में पिछले डेढ़ साल की अपनी अकर्मण्यता और विफलताओं तथा आंतरिक कलह से जनता का ध्यान हटाने के लिए गहलोत इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं.

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