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छोटी शुरुआत लेकिन आज कई लोगों को दे रहे रोजगार..मिलिए ऐसे ही स्टार्टअप करने वालों से - jaipur news

जयपुर के जवाहर कला केंद्र में चल रहे राष्ट्रीय अमृता हाट मेले में प्रदेशभर के सहायता समूहों सहित विभिन्न महिला एंटरप्रेन्योर शामिल हुई है. इस मेले में कोई अपने हाथों की कलाकारी से घर की साज सज्जा का सामान बना रहा है, तो कोई स्वास्थ्य के लिए हेल्थी प्रोडक्ट्स बना रहा है.

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कई लोगों को दे रहे रोजगार
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Published : Jan 5, 2020, 7:40 PM IST

जयपुर. शहर के जवाहर कला केंद्र में चल रहे राष्ट्रीय अमृता हाट मेले में प्रदेशभर के सहायता समूहों सहित विभिन्न महिला एंटरप्रेन्योर शामिल हुई है. जिन्होंने कुछ लोगों से अपने बिजनेस की शुरुआत की थी और आज कई लोगों को अपने बिज़नेस से जोड़ा है. एंटरप्रेन्योर का नया स्टार्ट अप ना सिर्फ राजस्थान बल्कि देशभर में प्रसिद्ध है. कोई अपने हाथों की कलाकारी से घर की साज सज्जा का सामान बना रहा है, तो कोई स्वास्थ्य के लिए हेल्थी प्रोडक्ट्स बना रहा है. राष्ट्रीय अमृता हाट में ऐसे ही कुछ लोगों के स्टार्ट अप से आपको रूबरू करवाते है.

राष्ट्रीय अमृता हाट मेले में विभिन्न महिला एंटरप्रेन्योर शामिल हुई

जयपुर की सरोज यादव मक्के के छिलके और केले के तने को इस्तेमाल करके फ्लावर्स बना रही है. सरोज यादव ने बताया कि मक्के के छिलके, केले के सूखे तने, सूखे फूल और पत्तों के साथ कपड़ों का उपयोग कर फ्लावर्स बनाती है. इन फ्लावर्स को बनाने के लिए केमिकल्स का उपयोग नहीं किया जाता है.

पढ़ेंः डिप्टी सीएम, चिकित्सा मंत्री के दौरे के बाद भी नहीं थम रहा जेके लोन में मौत का सिलसिला, 4 और बच्चों ने दम तोड़ा, अबतक 110 की मौत

सरोज यादव ने यह भी बताया कि उनके साथ कई महिलाएं जुड़ी है, जो इन फ्लावर्स को तैयार करती है. साथ ही मक्के के छिलके के बने हुए फ्लावर्स को आसाम की एक महिला ने उन्हें सिखाया था. जिसके बाद वह इस फ्लावर को अलग-अलग रंगो से बनाती है. सरोज यादव ने बताया कि एक फ्लावर्स की कीमत 20 से 40 रुपए तक है.

मिलावटी खानपान को देखते हुए बीकानेर के एग्रीकल्चर कॉलेज के पढ़ने वाले तीन दोस्तों ने लोगो की बैलेंस्ड डाइट को ध्यान में रखते हुए एक साल पहले न्यूट्रिशन डाइट को लेकर स्टार्ट अप किया. जिसमें उन्होंने चार प्रकार की कूकीज, तीन प्रकार के केक और एक प्रकार की ब्राउनी को बाजरा और ज्वार में तैयार किया.

बेवसट फूड की सदस्य अनुप्रिया ने बताया कि हमारे बुजुर्ग बाजरा और ज्वार खाया करते थे, लेकिन हमनें जिंदगी को आसान बनाने के लिए गेंहू का सेवन करना शुरू कर दिया. लेकिन गेंहू इतना फायदेमंद नहीं होता है. इसलिए इन प्रोडक्ट्स के माध्यम से लोगों को अपने जड़ से जोड़ने का प्रयास है.

बाड़मेर का कांच कशीदाकारी का काम ना सिर्फ राजस्थान बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है. हाथ से कांच कशीदाकारी करने के लिए बाड़मेर में सहायता समूह चल रहा है. जिसमें 150 से भी ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई है. कपड़े पर कांच कशीदाकारी का काम करने वाले अमूल अकरम ने बताया कि हेंडीक्राफ्ट सामान से वे टेबल कवर, दीवार की सज्जा के लिए कवर सहित कई सामान तैयार किए जाते है. इनकी कीमत 50 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक रहती है.

जयपुर. शहर के जवाहर कला केंद्र में चल रहे राष्ट्रीय अमृता हाट मेले में प्रदेशभर के सहायता समूहों सहित विभिन्न महिला एंटरप्रेन्योर शामिल हुई है. जिन्होंने कुछ लोगों से अपने बिजनेस की शुरुआत की थी और आज कई लोगों को अपने बिज़नेस से जोड़ा है. एंटरप्रेन्योर का नया स्टार्ट अप ना सिर्फ राजस्थान बल्कि देशभर में प्रसिद्ध है. कोई अपने हाथों की कलाकारी से घर की साज सज्जा का सामान बना रहा है, तो कोई स्वास्थ्य के लिए हेल्थी प्रोडक्ट्स बना रहा है. राष्ट्रीय अमृता हाट में ऐसे ही कुछ लोगों के स्टार्ट अप से आपको रूबरू करवाते है.

राष्ट्रीय अमृता हाट मेले में विभिन्न महिला एंटरप्रेन्योर शामिल हुई

जयपुर की सरोज यादव मक्के के छिलके और केले के तने को इस्तेमाल करके फ्लावर्स बना रही है. सरोज यादव ने बताया कि मक्के के छिलके, केले के सूखे तने, सूखे फूल और पत्तों के साथ कपड़ों का उपयोग कर फ्लावर्स बनाती है. इन फ्लावर्स को बनाने के लिए केमिकल्स का उपयोग नहीं किया जाता है.

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सरोज यादव ने यह भी बताया कि उनके साथ कई महिलाएं जुड़ी है, जो इन फ्लावर्स को तैयार करती है. साथ ही मक्के के छिलके के बने हुए फ्लावर्स को आसाम की एक महिला ने उन्हें सिखाया था. जिसके बाद वह इस फ्लावर को अलग-अलग रंगो से बनाती है. सरोज यादव ने बताया कि एक फ्लावर्स की कीमत 20 से 40 रुपए तक है.

मिलावटी खानपान को देखते हुए बीकानेर के एग्रीकल्चर कॉलेज के पढ़ने वाले तीन दोस्तों ने लोगो की बैलेंस्ड डाइट को ध्यान में रखते हुए एक साल पहले न्यूट्रिशन डाइट को लेकर स्टार्ट अप किया. जिसमें उन्होंने चार प्रकार की कूकीज, तीन प्रकार के केक और एक प्रकार की ब्राउनी को बाजरा और ज्वार में तैयार किया.

बेवसट फूड की सदस्य अनुप्रिया ने बताया कि हमारे बुजुर्ग बाजरा और ज्वार खाया करते थे, लेकिन हमनें जिंदगी को आसान बनाने के लिए गेंहू का सेवन करना शुरू कर दिया. लेकिन गेंहू इतना फायदेमंद नहीं होता है. इसलिए इन प्रोडक्ट्स के माध्यम से लोगों को अपने जड़ से जोड़ने का प्रयास है.

बाड़मेर का कांच कशीदाकारी का काम ना सिर्फ राजस्थान बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है. हाथ से कांच कशीदाकारी करने के लिए बाड़मेर में सहायता समूह चल रहा है. जिसमें 150 से भी ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई है. कपड़े पर कांच कशीदाकारी का काम करने वाले अमूल अकरम ने बताया कि हेंडीक्राफ्ट सामान से वे टेबल कवर, दीवार की सज्जा के लिए कवर सहित कई सामान तैयार किए जाते है. इनकी कीमत 50 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक रहती है.

Intro:जयपुर- जवाहर कला केंद्र में चल रहे राष्ट्रीय अमृता हाट मेले में प्रदेशभर के सहायता समूहों सहित विभिन्न महिला एंटरप्रेन्योर शामिल हुई है जिन्होंने कुछ लोगों से अपने बिज़नेस की शुरुवात की थी और आज कई लोगों को अपने बिज़नेस से जोड़ा है। एंटरप्रेन्योर का नया स्टार्ट अप ना सिर्फ राजस्थान बल्कि देशभर में प्रसिद्ध है। कोई अपने हाथों की कलाकारी से घर की साज सज्जा का सामान बना रहा है तो कोई स्वास्थ्य के लिए हेल्थी प्रोडक्ट्स बना रहा है। राष्ट्रीय अमृता हाट में ऐसे ही कुछ लोगों के स्टार्ट अप से आपको रूबरू करवाते है।

जयपुर की सरोज यादव मक्के के छिलके और केले के तने को इस्तेमाल करके फ्लावर्स बना रही है। सरोज यादव ने बताया कि मक्के के छिलके केले के सूखे तने और सूखे फूल और पत्तों के साथ कपड़ों का उपयोग कर फ्लावर्स बनाती है। इन फ्लावर्स को बनाने के लिए केमिकल्स का उपयोग नहीं किया जाता है। सरोज यादव ने बताया कि उनके साथ कई महिलाएं जुड़ी है, जो इन फ्लावर्स को तैयार करती है। वही सरोज यादव ने यह भी बताया कि मक्के के छिलके के बने हुए फ्लावर्स को आसाम की एक महिला ने उन्हें सिखाया था जिसके बाद वह इस फ्लावर को अलग-अलग रंगो से बनाती है। सरोज यादव ने बताया कि एक फ्लावर्स की कीमत 20 से 40 रुपए तक है।

मिलावटी खानपान को देखते हुए बीकानेर के एग्रीकल्चर कॉलेज के पढ़ने वाले तीन दोस्तों ने लोगो की बैलेंस्ड डाइट को ध्यान में रखते हुए एक साल पहले न्यूट्रिशन डाइट को लेकर स्टार्ट अप किया। जिसमें उन्होंने चार प्रकार की कूकीज, तीन प्रकार के केक और एक प्रकार की ब्राउनी को बाजरा और ज्वार में तैयार किया। बेवसट फ़ूड की सदस्य अनुप्रिया ने बताया कि हमारे बुजुर्ग बाजरा और ज्वार खाया करते थे लेकिन हमनें जिंदगी को आसान बनाने के लिए गेंहू का सेवन करना शुरू कर दिया लेकिन गेंहू इतना फायदेमंद नहीं होता है। इसलिए इन प्रोडक्ट्स के माध्यम से लोगों को अपने जड़ से जोड़ने का प्रयास है।


Body:बाड़मेर का कांच कशीदाकारी का काम ना सिर्फ राजस्थान बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है। हाथ से कांच कशीदाकारी करने के लिए बाड़मेर में सहायता समूह चल रहा है जिसमें 150 से भी ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई है। कपड़े पर कांच कशीदाकारी का काम करने वाले अमूल अकरम ने बताया कि हेंडीक्राफ्ट सामान से वे टेबल कवर, दीवार की सज्जा के लिए कवर सहित कई सामान तैयार किए जाते है। इनकी कीमत 50 रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक रहती है।

बाईट- सरोज यादव, एंटरप्रेन्योर
बाईट- अनुप्रिया, एंटरप्रेन्योर
बाईट- अमूल अकरम, एंटरप्रेन्योर


Conclusion:
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