जयपुर. देशभर में कोरोना वायरस का कहर है. कोरोना के चलते विदेशों में फंसे प्रवासियों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से वंदे भारत मिशन चलाया जा रहा है. अभी तक करीब 33000 प्रवासी राजस्थानी भी प्रदेश वापस लौट चुके हैं. करीब 25,000 से अधिक प्रवासी राजस्थानी सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर में रुके हैं तो 7000 से अधिक प्राइवेट होटलों में हैं.
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते वंदे भारत मिशन के तहत 22 मई को पहली फ्लाइट प्रवासी राजस्थानियों को लेकर जयपुर पहुंची थी. फ्लाइट लंदन से दिल्ली होते हुए जयपुर आई थी. प्रवसियों के लिए जिला प्रशासन ने एयरपोर्ट के आसपास करीब 40 होटल को चिन्हित किेए हैं. इसके बाद यात्रियों को चयन करने के लिए कहा. पहले दिन सभी यात्री सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर की बजाय होटलों में रुके. हालांकि बाद में होटल में रहना महंगा होने के कारण यात्रियों ने सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर का रुख करना शुरू कर दिया.
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22 मई से 30 अगस्त के बीच करीब 165 फ्लाइट्स प्रवासी राजस्थानियों को लेकर जयपुर आ चुकी है. इन फ्लाइट में करीब 33000 प्रवासी राजस्थानी जयपुर पहुंचे हैं. शुरुआती दिनों में एयरपोर्ट के आसपास स्थित होटलों में यात्रियों से प्रतिदिन का 2500 से लेकर 3500 तक किराया वसूला गया. बाद में खाड़ी देशों से श्रमिकों के आने और लोगों द्वारा किराया अधिक होने के चलते होटलों ने किराया घटाकर 1500 कर दिया.
एक अनुमान के मुताबिक इन प्रवासियों का होटल में स्टे से होटल इंडस्ट्री को करीब 75 करोड़ की आय हुई है. हालांकि यह सीजन को देखते हुए 25 फीसदी से भी कम है. प्रशासन ने यात्रियों को आर्थिक रूप से राहत देने के लिए सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहरने की व्यवस्था की. ऐसे में करीब 25,000 से अधिक प्रवासी राजस्थानियों ने सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर का रुख किया, तो वहीं 7000 प्रवासी राजस्थानी निजी होटलों में भी रुके.