जयपुर. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आज बैकुंठ चतुर्दशी मनाई जाएगी. मान्यताओं के अनुसार आज के दिन जो भी जातक भगवान विष्णु का व्रत रखकर पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते है, उन्हें बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है. हिन्दू धर्म में स्वर्ग को बैकुंठ भी कहा जाता है.
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार बैकुंठ चतुर्दशी की तिथि पर शुभ मुहूर्त की शुरुआत आज रात 10 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर कल दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. शास्त्रों में बैकुठ चतुर्दशी को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इस पवित्र फिन पर भगवान शिव और विष्णु का पूजन किया जाता है.
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पुराणों के अनुसार आज के दिन भगवान शिव और विष्णु एक ही रूप में रहते है, क्योंकि देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु जागने के बाद भोलेनाथ की आराधना में लग जाते है, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव बैकुंठ चतुर्दशी के दिन उनको दर्शन देकर उनको सुदर्शन चक्र देते है. इसलिए आज के दिन शुभ मुहूर्त में शाम को 108 कमल के पुष्पों के साथ पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु का पूजन करें. इसके बाद कल सुबह भगवान शिव का भी पूजन करें और जरूरमन्दों को भोजन कराएं. उन्हें दान में वस्त्र या धनराशि देकर व्रत खोलें.