जयपुर. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 5 फीसदी आबादी कॉर्नियल रोग से पीड़ित हैं. यानी 5 फीसदी आबादी दृष्टिबाधित है. जिसके चलते नेत्रदान महादान अभियान भी देश में चलाया जा रहा है. राजस्थान इस मामले में देश के अन्य राज्यों से काफी आगे है. क्योंकि प्रदेश में आई बैंक सोसायटी की ओर से अब तक 9,000 से अधिक दृष्टिबाधित लोगों को नई रोशनी दी जा चुकी है.
बीते 20 सालों में राजस्थान में 15,000 से अधिक कॉर्निया कलेक्शन किया गया (Cornea collection in Rajasthan) है. कॉर्निया की उपयोगिता की बात करें तो राजस्थान में करीब 64 प्रतिशत कॉर्निया का उपयोग किया गया है, जो देशभर के अन्य आई बैंक से 10 प्रतिशत अधिक है. प्रदेश में आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान (Eye Bank Society Of Rajasthan) देश का पहला कम्युनिटी आई बैंक है जहां 9,800 से अधिक दृष्टिबाधितों को नई रोशनी दी जा चुकी है.
- कम्युनिटी आई बैंक पिछले 19 सालों से कर रहा काम
- अब तक 15000 से अधिक कॉर्निया कलेक्शन
- 9800 से अधिक दृष्टिबाधितों को दी नई रोशनी
- प्रदेश में कॉर्निया कलेक्शन के बाद इसकी उपयोगिता 64 फीसदी
- देश के अन्य राज्यों में भी भेजा जा रहा कॉर्निया
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अन्य राज्यों में भी मांग: आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान की ओर से राजस्थान में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी कॉर्निया भेजा जा रहा है. मौजूदा समय में आई बैंक की ओर से देश के 10 राज्यों के 20 शहरों में उनकी डिमांड के आधार पर कॉर्निया भेजा जा रहा है ताकि जरूरतमंद लोगों को नई रोशनी दी जा सके. यह आई बैंक सेवानिवृत्त अधिकारियों और स्वयंसेवी संगठनों की ओर से संचालित किया जा रहा है. इसके अलावा आई बैंक की ओर से नेत्रदान को लेकर विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.