जयपुर. प्रदेशभर के यूटीबी चिकित्सकों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में सभी अस्थाई यूटीबी चिकित्सकों को सेवा अनुभव के आधार पर स्थाई नियुक्ति दी जाए. इसे लेकर इन चिकित्सकों ने कई बार सरकार को ज्ञापन भी सौंपा है और इन चिकित्सकों का यह भी कहना है कि कोरोना कि इस महामारी में बीते 6 माह से वे लोग लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है.
ऐसे में इन चिकित्सकों ने कई बार प्रदेश के मंत्रियों को ज्ञापन भी सौंपा है. यूटीबी चिकित्सक डॉक्टर पीयूष कपूर ने बताया कि बीते 6 से 7 महीनों के इस कोरोना काल में वे राजस्थान के ग्रामीण और दूरस्थ स्थानों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और इस महामारी से रोकथाम और बचाव की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा अस्पतालों में आ रहे कोरोना संदिग्ध प्रवासियों और अन्य आमजन की स्क्रीनिंग और सैंपल इन का काम भी इनके द्वारा किया जा रहा है, लेकिन बावजूद इसके अभी तक यूटीबी चिकित्सकों को सरकार स्थाई नहीं कर रही है.
इन लोगों का कहना है कि सरकार चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती करने जा रही है, लेकिन कोरोना ड्यूटी के चलते इन चिकित्सकों को तैयारी करने का समय नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में बिना तैयारी के फ्रेश कैंडिडेट के साथ मुकाबला कर पाना काफी कठिन होगा क्योंकि कोरोना ड्यूटी के चलते यह चिकित्सक तैयारी नहीं कर पा रहे हैं.
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ऐसे में इन चिकित्सकों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि जिस तरह से वर्ष 2008 और 2011 में स्वाइन फ्लू जैसी महामारी के दौरान सेवा अनुभव का लाभ देकर कार्यरत अस्थाई चिकित्सकों को स्थाई नियुक्तियां सरकार द्वारा दी गई थी, उसी तर्ज पर कोरोना से जुड़ी इस महामारी के दौरान इन चिकित्सकों को भी जल्द से जल्द स्थाई किया जाए. वहीं चिकित्सकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो सभी चिकित्सक सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा सौंप देंगे.