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POS मशीन पर अंगूठा लगाकर राशन लेने वाले उपभोक्ताओं पर मंडरा रहा कोरोना का खतरा

प्रदेश में 26 हजार राशन की दुकानों पर करीब एक करोड़ लोग POS मशीन पर अंगूठा लगाकर गेहूं ले रहे हैं. इससे करीब एक करोड़ उपभोक्ताओं पर कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है. उपभोक्ताओं की मांग है की जल्द प्रशासन को इस ओर कोई आवश्यक कदम उठाना चाहिए.

POS machines Use in jaipur
POS मशीन पर अंगूठा लगाना हो सकता है घातक
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Published : Mar 18, 2020, 11:02 AM IST

जयपुर. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन तक कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. जयपुर जिला कलेक्टर ने ईवीएम मशीनों से वायरस फैलने की आशंका जता चुके हैं और इसके चलते नगर निगम चुनाव को स्थगित करने की भी वे मांग कर चुके हैं. इन सबके बावजूद सरकार उन गरीब लोगों की ओर ध्यान नहीं दे रही, जो हर महीने खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर राशन का गेहूं लेते हैं.

POS मशीन पर अंगूठा लगाना हो सकता है घातक

प्रदेशभर की बात की जाए तो 26 हजार राशन की दुकानों पर करीब एक करोड़ लोग पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर गेहूं ले रहे हैं. इससे करीब एक करोड़ उपभोक्ताओं पर कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है. अभी तक प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं गया है और ना ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इन गरीब लोगों के लिए कोई एडवाइजरी जारी की है. जयपुर जिले में भी लाखों गरीब उपभोक्ता पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर राशन का गेहूं लेते हैं, हाल ही में सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि बायोमेट्रिक मशीनों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया जाए. कई सरकारी और प्राइवेट संस्थानों ने बायोमेट्रिक उपस्थिति पर प्रतिबंध भी लगा दिया है. इसके चलते ही राशन विक्रेताओं में भी हलचल मची हुई है.

राशन डीलरों का कहना है कि हर रोज सैकड़ों उपभोक्ताओं को राशन देने के लिए उनका अंगूठा पीओएस मशीन पर लेते हैं. ऐसे में यदि कोई उपभोक्ता कोरोना से संक्रमित होगा तो राशन डीलर भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. राशन डीलरों ने मांग की है कि पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाने के स्थान पर ऐसी व्यवस्था की जाए कि बिना अंगूठा लगाए उपभोक्ताओं को गेहूं दिया जा सके.

पढ़ें- कोरोना वायरस के कारण अलवर न्यायालय में 21 मार्च तक वकील रखेंगे कार्य स्थगन

बता दें कि कोरोना के खौफ के चलते प्रदेश सरकार ने स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, थिएटर सिनेमा आदि को 30 मार्च तक बंद कर दिया है. प्राइवेट और सरकारी संस्थाओं में बायोमेट्रिक हाजिरी पर रोक लगा दी है. साथ ही कई जिलों के कलेक्टरों ने ईवीएम मशीन से कोरोना के संक्रमण को देखते हुए नगर निगम के चुनाव स्थगित करने की भी मांग कर चुके है और इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका भी लगा चुके हैं. इन सब के बावजूद पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर गेहूं लेने वाले गरीब उपभोक्ताओं की ओर ध्यान नही देना, प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है.

जयपुर. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन तक कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. जयपुर जिला कलेक्टर ने ईवीएम मशीनों से वायरस फैलने की आशंका जता चुके हैं और इसके चलते नगर निगम चुनाव को स्थगित करने की भी वे मांग कर चुके हैं. इन सबके बावजूद सरकार उन गरीब लोगों की ओर ध्यान नहीं दे रही, जो हर महीने खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर राशन का गेहूं लेते हैं.

POS मशीन पर अंगूठा लगाना हो सकता है घातक

प्रदेशभर की बात की जाए तो 26 हजार राशन की दुकानों पर करीब एक करोड़ लोग पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर गेहूं ले रहे हैं. इससे करीब एक करोड़ उपभोक्ताओं पर कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है. अभी तक प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं गया है और ना ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इन गरीब लोगों के लिए कोई एडवाइजरी जारी की है. जयपुर जिले में भी लाखों गरीब उपभोक्ता पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर राशन का गेहूं लेते हैं, हाल ही में सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि बायोमेट्रिक मशीनों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया जाए. कई सरकारी और प्राइवेट संस्थानों ने बायोमेट्रिक उपस्थिति पर प्रतिबंध भी लगा दिया है. इसके चलते ही राशन विक्रेताओं में भी हलचल मची हुई है.

राशन डीलरों का कहना है कि हर रोज सैकड़ों उपभोक्ताओं को राशन देने के लिए उनका अंगूठा पीओएस मशीन पर लेते हैं. ऐसे में यदि कोई उपभोक्ता कोरोना से संक्रमित होगा तो राशन डीलर भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. राशन डीलरों ने मांग की है कि पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाने के स्थान पर ऐसी व्यवस्था की जाए कि बिना अंगूठा लगाए उपभोक्ताओं को गेहूं दिया जा सके.

पढ़ें- कोरोना वायरस के कारण अलवर न्यायालय में 21 मार्च तक वकील रखेंगे कार्य स्थगन

बता दें कि कोरोना के खौफ के चलते प्रदेश सरकार ने स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, थिएटर सिनेमा आदि को 30 मार्च तक बंद कर दिया है. प्राइवेट और सरकारी संस्थाओं में बायोमेट्रिक हाजिरी पर रोक लगा दी है. साथ ही कई जिलों के कलेक्टरों ने ईवीएम मशीन से कोरोना के संक्रमण को देखते हुए नगर निगम के चुनाव स्थगित करने की भी मांग कर चुके है और इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका भी लगा चुके हैं. इन सब के बावजूद पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर गेहूं लेने वाले गरीब उपभोक्ताओं की ओर ध्यान नही देना, प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है.

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