जयपुर. उर्दू शिक्षक और मदरसा पैराटीचर्स लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. अधिकारियों की ओर से लगातार आश्वासन भी मिलते रहे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई. अब पानी सिर से ऊपर जाने के बाद उर्दू शिक्षकों और मदरसा पैराटीचर्स ने सीएम आवास का घेराव करने की चेतावनी दी है.
उर्दू तालीम बंद करने और मदरसा पैराटीचर को नियमित करने की मांग को लेकर यह निर्णय किया गया है. इसके अलावा मदरसा पैरा टीचर्स को समान काम समान वेतन लागू करने, उर्दू विवाद प्रकरण में दोषी शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी को निलंबित करने, शिक्षा राज्य मंत्री को बर्खास्त करने, मदरसा शिक्षा सहायक भर्ती 2013 के 6 हजार पदों का परिणाम जारी करने के साथ ही मदरसा शिक्षा सहयोगी भर्ती 2013 की 2500 पदों की रद्द की गई भर्ती को फिर से पूरी करने की मांग को लेकर उर्दू शिक्षक और मदरसा टीचर यह घेराव करेंगे.
राजस्थान मुस्लिम प्रोग्रेसिव फेडरेशन से जुड़े हुए संगठनों के सदस्यों के अलावा सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और सदस्य भी इस घेराव में शामिल होंगे. मुस्लिम प्रोग्रेसिव फेडरेशन के कन्वीनर सैयद अनवर शाह, राजस्थान बार काउंसिल के चेयरमैन सैयद शाहिद हसन, ओकाफ काउंसिल के जनरल सेक्रेटरी एम फारुख खान सामाजिक कार्यकर्ता निजामुद्दीन, मैमूना नरगिस के साथ साथ शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने भी आंदोलन को सफल बनाने की मांग की है.
पढ़ें- भ्रष्टाचार के खेल में उलझी दौसा की Bureaucracy, जल्द हो सकते हैं बड़े खुलासे
राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी और राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सैयद मसूद अख्तर ने सरकार पर उर्दू भाषा के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया और कहा कि चुनाव घोषणा पत्र और अब तक की गई बजट घोषणाओं की पालना में सरकार की ओर से अनदेखी की जा रही है. उर्दू शिक्षक और मदरसा पैराटीचर्स ने 13 सूत्री मांग पत्र भी तैयार किया है.