जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून को लेकर देशभर में सियासत चरम पर है. खुद एनडीए के घटक दल आरएलपी के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल बिल के विरोध में हैं और एनडीए से अपना समर्थन वापस लेने की चेतावनी भी दे रहे हैं. ऐसे में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि बेनीवाल हों या अन्य विपक्षी दल के नेता. पहले एक बार इन बिलों को अच्छी तरह पढ़ लेना चाहिए, तभी उन्हें पता चलेगा कि ये किसान के हित का कानून है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कृषि बिल और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोध में आ रहे बेनीवाल के बयान पर भी कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि को अपनी भाषा संयमित रखनी चाहिए, क्योंकि राजनीति में कोई भी स्थाई शत्रु नहीं होता. चौधरी के अनुसार विपक्षी दल और कुछ नेता इन केंद्रीय कृषि कानून को लेकर किसानों को बरगलाने का काम कर रहे हैं, लेकिन उनका सियासी मकसद पूरा नहीं होगा.
शनिवार को किसानों से वार्ता...संभवत: हो जाएगा आंदोलन समाप्त...
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार किसानों से वार्ता कर रही है और शनिवार को भी सौहार्दपूर्ण वातावरण में ये वार्ता होगी. चौधरी ने विश्वास जताया कि इस वार्ता के जरिए किसानों का आंदोलन भी समाप्त हो जाएगा और जो भी कोई सुझाव किसानों की ओर से मिलेगा उसपर विचार होगा.
साथ ही केंद्रीय कृषि कानून में किसानों के हित के लिए किए गए प्रावधानों की भी जानकारी उन्हें सही तरीके से समझाई जाएगी. कैलाश चौधरी के अनुसार केंद्रीय कृषि कानून किसानों को आत्मनिर्भर बनाने वाला है और साथ ही साल 2022 तक देश के किसान की आय दोगुनी हो जाए, इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह कानून लाया गया है.
बेनीवाल की इस बयान का किया खंडन...
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कैलाश चौधरी ने नागौर सांसद और आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के मीडिया में आए उस बयान का भी खंडन किया, जिसमें बेनीवाल ने कहा था कि राजस्थान में आरएलपी से गठबंधन के चलते 16 सीटों पर भाजपा जीती है. चौधरी से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के काम और उनकी लहर के आधार पर राजस्थान की 25 सीटों पर भाजपा और सहयोगी दल का कब्जा रहा.
कैलाश चौधरी के अनुसार मोदी सरकार भवन के कार्यकाल में जिस प्रकार से देश में विकास के काम और जन कल्याणकारी योजनाएं लाई गई, उसी के आधार पर देश की जनता ने भाजपा का साथ दिया और राजस्थान में सभी 25 सीटें तभी जीती जा सकी है. बता दें कि राजस्थान में 24 सीटों पर बीजेपी का कमल खिला था, जबकि एक सीट गठबंधन के तहत आरएलपी को दी गई थी. जिसमें खुद हनुमान बेनीवाल चुनाव में खड़े हुए और जीते भी, लेकिन कैलाश चौधरी के कई बयान तो इस ओर इशारा करते हैं कि नागौर की सीट पर भी बीजेपी से गठबंधन के चलते ही बेनीवाल जीत पाए हैं.
बेनीवाल ने अमित शाह जी को पत्र लिखा है तो पार्टी नेतृत्व हुई...
ईटीवी भारत से खास बातचीत में जब केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी से पूछा गया कि हनुमान बेनीवाल ने गठबंधन से अपना सहयोग वापस लेने पर पुनर्विचार की धमकी दी है और इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है, तो क्या इससे बीजेपी को कोई नुकसान होगा. तब कैलाश चौधरी ने कहा कि यदि बेनीवाल ने अमित शाह जी को पत्र लिखा है तो पार्टी के स्तर पर ही इसका अंतिम फैसला भी होगा, लेकिन मुझे लगता है कि हनुमान बेनीवाल जी भी समझे हुए हैं और उन्हें भी इन कृषि कानून की पूरी जानकारी होने पर वे भी इसके समर्थन में आएंगे.
राजनीति में संयमित भाषा का ही करना चाहिए उपयोग...
हनुमान बेनीवाल के बयान के बाद सोशल मीडिया पर चल रहे भाजपा नेताओं से उनके ट्विटर वार पर भी कैलाश चौधरी ने कहा कि सब अपनी-अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं. मैं इतना जरूर कहूंगा कि किसी को भी गलत प्रकार का बयान नहीं देना चाहिए और सौहार्दपूर्ण और संयमित भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए. चौधरी के अनुसार राजनीति के अंदर हमसे लोग सीखते हैं, क्योंकि जैसा नेतृत्व होता है वैसा ही लोग आगे भी सीखते हैं. चौधरी ने यह भी कहा कि राजनीति में कोई स्थाई शत्रु नहीं होता, इसलिए कभी भी किसी के खिलाफ असंयमित भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए.