जयपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत गुरुवार को जयपुर में जल जीवन मिशन (jal jeevan Mission Review Meet in Jaipur) को लेकर राजस्थान के लोकसभा सांसदों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. इस दौरान उनके सामने एक बार फिर प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी (mahesh joshi Vs Gajendra Singh Shekhawat) होंगे. होटल जयमहल पैलेस में सुबह 10 से 2 बजे तक आयोजित होने वाली इस बैठक में जल जीवन मिशन से जुड़े केंद्र और राज्य के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
जोशी बोले रखेंगे मांग: बैठक से पहले प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी माना कि प्रदेश में जल जीवन मिशन की स्थिति ठीक नहीं है और एक कनेक्शन पर 70 से 72 हजार रुपये का खर्चा आ रहा है. मीडिया से रूबरू होते हुए जलदाय मंत्री महेश जोशी ने उम्मीद जताई कि जल जीवन मिशन को लेकर प्रदेश सरकार की मांगों को बैठक में पुरजोर तरीके से रखी जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनकी मांगे जरूर मानी जाएगी.
गति इसलिए धीमी: महेश जोशी ने माना कि प्रदेश में जल जीवन मिशन की स्थिति ठीक नहीं है और यह बात वे विधानसभा में भी कह चुके हैं जल जीवन मिशन में आ रही समस्याओं के लिए जोशी ने भौगोलिक स्थिति को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति ठीक नहीं है आबादी भी छितराई हुई है, पानी की उपलब्धता भी कम है और कई जगह पर सतही जल काफी नीचे है इसके कारण जल जीवन मिशन की गति धीमी है.
जोशी ने कहा कि जल जीवन मिशन का समय 2024 से बढ़ाकर 2026 करने की मांग भी बैठक में रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि आज सभी प्रदेश के सभी 25 सांसद बैठक में शामिल होंगे और उनके सामने समस्याओं के बारे में चर्चा कर उनके समाधान का पूरा प्रयास किया जाएगा. जोशी ने कहा कि समीक्षा बैठक में सभी सांसदों के सामने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने और जल जीवन मिशन के लिए 90 फीसदी अनुदान देने की मांग रखी जाएगी. बैठक में शामिल होने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया , देवजी पटेल सुमेधानंद सरस्वती रामचरण बोहरा , दीया कुमारी आदि पहुंच चुके हैं.
दरअसल, जल जीवन मिशन की गति राजस्थान में बेहद सुस्त है. राज्य में अब तक केवल 24.21% ग्रामीण आवासों तक नल कनेक्शन पहुंचाया जा सका है, जबकि मिशन को पूरा करने की समय सीमा वर्ष 2024 है. केंद्रीय मंत्री शेखावत पूर्व में कई बार राज्य सरकार को हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन देते आए हैं. उन्होंने राजस्थान को पर्याप्त बजट आवंटित भी कराया है.केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सभी सांसदों को पत्र लिखकर समीक्षा बैठक के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि सांसद जल जीवन मिशन को जनांदोलन में परिवर्तित करने में सहयोग कर सकते हैं.
दोनों की नोंकझोंक याद है: दोनों मंत्रियों के बीच की नोंकझोंक पिछले दिनों भरे मंच पर दिखी थी. मौका जल जीवन मिशन सम्मेलन (Jal Jeevan Mission Conference Jaipur) का था. इस दौरान ही दोनों एक दूसरे पर टीका टिप्पणी करते रहे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अगर ERCP को लेकर अजमेर में एक शब्द भी कहा हो तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. ये वक्तव्य उन्होंने जोशी के उस संबोधन के बाद दिया था जिसमें उन्होंने राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिया था.
गजेंद्र सिंह शेखावत के इस दावे के बाद महेश जोशी ने मंच से ही कहा कि यदि हम गलत हुए तो इस विषय में कभी बात नहीं करेंगे. जोशी ने यह भी कहा कि राजस्थान ईस्टर्न कैनाल परियोजना प्रदेश के 13 जिलों से जुड़ी महत्वपूर्ण पेयजल परियोजना है और आप खुद राजस्थान से आते हैं. इन 13 जिलों में इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद पेयजल से जुड़ी समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी. ऐसे में उम्मीद करते हैं कि आप इस ओर ध्यान देंगे.