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मानव तस्करी करने वालों पर कसेगा शिकंजा, 463 लाख का बजट स्वीकृत...आधुनिक संसाधनों से लैस होगी यूनिट

प्रदेश में मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मानव तस्करी विरोधी यूनिट की मजबूती के लिए 463 लाख का बजट स्वीकृत किया है. जिससे अब पुलिस की मानव तस्करी विरोधी यूनिट को वाहनों सहित अन्य संसाधनों से लैस किया जाएगा.

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Published : Dec 17, 2020, 10:58 PM IST

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, Anti-human trafficking unit
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश की मानव तस्करी विरोधी यूनिट के लिए 463 लाख का बजट किया स्वीकृत

जयपुर. प्रदेश में मानव तस्करी में लिप्त शातिर बदमाशों की अब खैर नहीं. पुलिस की मानव तस्करी विरोधी यूनिट को अब वाहनों सहित अन्य संसाधनों से लैस किया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश की मानव तस्करी विरोधी यूनिट की मजबूती के लिए 463 लाख का बजट स्वीकृत किया है.

राज्य के गृह विभाग ने बजट जारी करते हुए पुलिस मुख्यालय को संसाधनों की खरीद की मंजूरी दे दी है. देश के कई राज्यों में मानव तस्करी प्रमुख समस्या बनी हुई है. मानव तस्करी ने राजस्थान में भी जमकर पैर पसार रखे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों की मानें तो मानव तस्करी के मामले में राजस्थान प्रमुख राज्यों में शुमार है. हालांकि राजस्थान में मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस की 43 मानव तस्करी विरोधी यूनिट स्थापित की गई है.

यूनिट की स्थापना के लिए गृहमंत्रालय ने बजट दिया है, लेकिन अन्य संसाधनों के अभाव में यूनिट प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर पा रही थी. पुलिस मुख्यालय मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई में यूनिट में संसाधनों की कमी को मुख्य कारण बताते हुए हाल ही बजट मांगा था. राज्य सरकार ने संसाधनों के अभाव में मानव तस्करी विरोधी यूनिट के काम करने में आ रही दिक्कतों से गृह मंत्रालय को अवगत कराया. इसके बाद गृह मंत्रालय ने मानव तस्करी विरोधी यूनिट की मजबूती के लिए 463 लाख का बजट स्वीकृत किया.

पढ़ें- गहलोत सरकार के 2 साल को भाजयुमो ने मनाया काला दिवस, सिविल लाइंस फाटक पर किया विरोध-प्रदर्शन

  • प्रदेश में जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक मानव तस्करी के 71 मामले दर्ज हो चुके हैं.
  • पिछले पांच सालों में प्रदेश में बच्चों के लापता होने के 1,4822 मामले सामने आए, वहीं तस्करी के 242 प्रकरण दर्ज किए गए.
  • गृह मंत्रालय के आदेश पर वर्ष 2010-11 में राज्य सरकार ने 8 फरवरी 2011 को एएचटीयू स्थापित की.
  • फरवरी 2013 तक 42 पुलिस जिलों में एएचटीयू स्थापित की गई.
  • पिछले साल 20 सितंबर 2019 को भिवाड़ी में एएचटी यूनिट स्थापित करने से यूनिट की संख्या 46 हो गई.
  • कई यूनिट के पास दस वर्ष पुराने से होने से वाहन निष्क्रिय हो गए.
  • भिवाड़ी सहित कई यूनिट के पास वाहन और अन्य संसाधन ही नहीं है.
  • वाहनों के अलावा यूनिट्स में फर्नीचर, कंप्यूटर, मोबाइल, ब्रॉडबैंड कनेक्शन सहित अन्य संसाधन ही नहीं है, जिससे तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करना संभव नहीं हो पा रहा.
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भिवाड़ी सहित 6 AHTU के लिए 53 लाख 6 हजार का बजट दिया है.
  • शेष 37 AHTU के लिए 4 करोड़ 9 लाख 87 हजार का बजट स्वीकृत किया गया है.
  • AHTU के लिए ऑफिस टेबल, चेयर, कंप्यूटर, प्रिंटर, लैपटॉप, अलमीरा, डिजिटल कैमरा, एंड्राइड फोन और वाहन खरीद की मंजूरी दी गई है.
  • इसलिए साथ में 37 यूनिट में इन संसाधनों के अलावा ट्रेनिंग के लिए भी बजट स्वीकृत किया गया है.

जयपुर. प्रदेश में मानव तस्करी में लिप्त शातिर बदमाशों की अब खैर नहीं. पुलिस की मानव तस्करी विरोधी यूनिट को अब वाहनों सहित अन्य संसाधनों से लैस किया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश की मानव तस्करी विरोधी यूनिट की मजबूती के लिए 463 लाख का बजट स्वीकृत किया है.

राज्य के गृह विभाग ने बजट जारी करते हुए पुलिस मुख्यालय को संसाधनों की खरीद की मंजूरी दे दी है. देश के कई राज्यों में मानव तस्करी प्रमुख समस्या बनी हुई है. मानव तस्करी ने राजस्थान में भी जमकर पैर पसार रखे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों की मानें तो मानव तस्करी के मामले में राजस्थान प्रमुख राज्यों में शुमार है. हालांकि राजस्थान में मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस की 43 मानव तस्करी विरोधी यूनिट स्थापित की गई है.

यूनिट की स्थापना के लिए गृहमंत्रालय ने बजट दिया है, लेकिन अन्य संसाधनों के अभाव में यूनिट प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर पा रही थी. पुलिस मुख्यालय मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई में यूनिट में संसाधनों की कमी को मुख्य कारण बताते हुए हाल ही बजट मांगा था. राज्य सरकार ने संसाधनों के अभाव में मानव तस्करी विरोधी यूनिट के काम करने में आ रही दिक्कतों से गृह मंत्रालय को अवगत कराया. इसके बाद गृह मंत्रालय ने मानव तस्करी विरोधी यूनिट की मजबूती के लिए 463 लाख का बजट स्वीकृत किया.

पढ़ें- गहलोत सरकार के 2 साल को भाजयुमो ने मनाया काला दिवस, सिविल लाइंस फाटक पर किया विरोध-प्रदर्शन

  • प्रदेश में जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक मानव तस्करी के 71 मामले दर्ज हो चुके हैं.
  • पिछले पांच सालों में प्रदेश में बच्चों के लापता होने के 1,4822 मामले सामने आए, वहीं तस्करी के 242 प्रकरण दर्ज किए गए.
  • गृह मंत्रालय के आदेश पर वर्ष 2010-11 में राज्य सरकार ने 8 फरवरी 2011 को एएचटीयू स्थापित की.
  • फरवरी 2013 तक 42 पुलिस जिलों में एएचटीयू स्थापित की गई.
  • पिछले साल 20 सितंबर 2019 को भिवाड़ी में एएचटी यूनिट स्थापित करने से यूनिट की संख्या 46 हो गई.
  • कई यूनिट के पास दस वर्ष पुराने से होने से वाहन निष्क्रिय हो गए.
  • भिवाड़ी सहित कई यूनिट के पास वाहन और अन्य संसाधन ही नहीं है.
  • वाहनों के अलावा यूनिट्स में फर्नीचर, कंप्यूटर, मोबाइल, ब्रॉडबैंड कनेक्शन सहित अन्य संसाधन ही नहीं है, जिससे तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करना संभव नहीं हो पा रहा.
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भिवाड़ी सहित 6 AHTU के लिए 53 लाख 6 हजार का बजट दिया है.
  • शेष 37 AHTU के लिए 4 करोड़ 9 लाख 87 हजार का बजट स्वीकृत किया गया है.
  • AHTU के लिए ऑफिस टेबल, चेयर, कंप्यूटर, प्रिंटर, लैपटॉप, अलमीरा, डिजिटल कैमरा, एंड्राइड फोन और वाहन खरीद की मंजूरी दी गई है.
  • इसलिए साथ में 37 यूनिट में इन संसाधनों के अलावा ट्रेनिंग के लिए भी बजट स्वीकृत किया गया है.
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