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Unemployment in Rajasthan: साढ़े 3 साल आंकड़ों का मकड़जाल, विभागों में हजारों पद रिक्त...बेरोजगारों से किए वादे भूली सरकार

राजस्थान में बेरोजगारों ने एक बार फिर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है. उपेन यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि बेरोजगार सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई इस बार गुजरात में लड़ेंगे. गहलोत सरकार 4 बजट घोषणाओं में की गई 3 लाख 25 हजार से ज्यादा भर्तियों को धरातल पर उतारने में नाकाम रही है. देखिए ये रिपोर्ट...

Unemployment in Rajasthan
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Published : Jul 28, 2022, 7:21 PM IST

Updated : Jul 30, 2022, 8:03 AM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत 2022-23 के अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि 'कांग्रेस सरकार ने 1 लाख से ज्यादा नियुक्तियां दे दी हैं. करीब 1 लाख 25 हजार पदों पर भर्तियां प्रक्रियाधीन है. इसके अलावा 1 लाख और पदों पर नई भर्ती निकलेंगी.' सीएम अशोक गहलोत के इस बयान को 5 महीने बीत चुके हैं. डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे. इससे पहले की आचार संहिता लग जाए, प्रदेश के युवा बेरोजगार प्रक्रियाधीन भर्तियों पर नियुक्ति देने और घोषणा की गई एक लाख भर्तियों का वर्गीकरण कर विज्ञप्ति जारी करने की मांग पर अड़े हुए हैं. कारण साफ है कोरोना काल के बाद प्रदेश में बेरोजगारी सुरसा के समान मुंह खोले खड़ी है. वहीं, अब राजस्थान 22.2 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ देश में दूसरे पायदान पर जा पहुंचा है.

प्रदेश की गहलोत सरकार पुरानी भर्तियों को कराकर भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन 4 बजट घोषणाओं में की गई 3 लाख 25 हजार से ज्यादा भर्तियों को धरातल पर उतारने में नाकाम रही है. अब चूंकि डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में हाल ही में राज्य सरकार के निर्देश पर आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 82 हजार भर्तियों के लिए कैलेंडर जारी किया गया. लेकिन अभी भी सरकारी विभागों में हजारों पद खाली पड़े हैं.

साढ़े 3 साल आंकड़ों का मकड़जाल

पढ़ें- बेरोजगारी दर जून में बढ़कर 7.80 प्रतिशत दर्ज की गई: CMIE

हालांकि सरकार साढ़े तीन साल में 1 लाख 19 हजार 559 पदों पर ही नौकरी देने का दंभ भर रही है. जबकि इनमें से अधिकतर भर्तियां पिछली सरकार की लम्बित हैं. फिर भी सरकार की घोषणा के अनुसार अभी भी 2 लाख से ज्यादा पदों पर भर्तियां होना बाकी है. वहीं इसी साल की गई 1 लाख भर्तियों की घोषणा का तो वर्गीकरण भी नहीं हुआ है.

Unemployment in Rajasthan
ये है प्रमुख रिक्त पद

बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि प्रदेश सरकार से बेरोजगार खुश नहीं है. हर भर्ती के लिए उन्हें आंदोलन करना पड़ता है, लाठी खानी पड़ती है, जेल जाना पड़ता है. सरकार बजट में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है लेकिन उन्हें धरातल पर उतारा नहीं जाता. उन्होंने सरकार की कथनी और करनी में अंतर बताते हुए, ऊर्जा विभाग की टेक्निकल हेल्पर भर्ती का हवाला दिया.

Unemployment in Rajasthan
आंकड़ों पर नजर

उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले बजट में कहा था कि टेक्निकल हेल्पर 6000 पदों पर भर्ती निकाली जाएगी, लेकिन मात्र 1512 पदों पर भर्ती निकाली. पंचायती राज विभाग में जेईएन भर्ती निकालना भूल गई. इसके अलावा चिकित्सा विभाग में रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और सीएचओ के पदों पर भर्तियां कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है.

Unemployment in Rajasthan
आंकड़ों पर नजर

पढ़ें- बेरोजगारी का आलम : राजस्थान में 16 लाख से ज्यादा बेरोजगारों ने कराया रजिट्रेशन, भत्ता मिला सिर्फ 4 लाख को

इसके अलावा राज्य सरकार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रदेश में 2000 विभिन्न पदों पर संविदा पर भर्तियां कर रही है. इस पर उपेन यादव ने कहा कि संविदा पर की जा रही भर्तियां चाहे स्वायत्त शासन विभाग में हो, चाहे शिक्षा विभाग में, ये बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ है. सरकार ने बेरोजगारों से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया है. साढ़े 3 साल में सिर्फ बेरोजगारों को आंकड़ों के मायाजाल के जरिए गुमराह किया गया.

Unemployment in Rajasthan
आंकड़ों पर नजर

जब मंत्रियों से किए लिखित समझौता, लखनऊ समझौता और आंदोलन के बाद किए गए आश्वासन याद दिलाए तो बदले में लाठी और मुकदमे मिले. अधिकारियों ने मांगें नहीं मानी, मंत्रियों ने कोई जवाब नहीं दिया और सीएम बात नहीं कर रहे. ऐसे में अब प्रदेश का युवा बेरोजगार 21 अगस्त को गुजरात कूच करेगा और वहां होने वाले विधानसभा चुनाव में राजस्थान के जो बड़े नेता कांग्रेस के समर्थन में प्रचार-प्रसार करने जाएंगे, वहां उनका विरोध किया जाएगा.

Unemployment in Rajasthan
आंकड़ों पर नजर

पढ़ें- राजस्थान में बेरोजगारी चरम पर : अकेले खान विभाग में सैंकड़ों पद खाली, भर्ती परीक्षा का युवाओं को इंतजार

हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद सभी विभागों से रिक्त पदों की सूची तैयार कराई जा रही है. रीट में भी 32 हजार से बढ़ाकर 62 हजार पद किए गए हैं. यही नहीं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से विभिन्न विभागों की करीब 21 भर्तियों के माध्यम से करीब 82 हजार पदों पर बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के लिए कैलेंडर जारी कर दिया गया है.

इनके अलावा जेईएन, जूनियर इंस्ट्रक्टर, हाउस कीपर, लैब असिस्टेंट, लाइव स्टॉक असिस्टेंट, हॉस्पिटल केयर टेकर, ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट, ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट रिक्रूटमेंट, असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिकल एजुकेशन, एआरओ, एएआरओ जैसे पदों पर भर्तियां होंगी। कुछ के एग्जाम हो चुके हैं, कुछ के होना बाकी है.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत 2022-23 के अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि 'कांग्रेस सरकार ने 1 लाख से ज्यादा नियुक्तियां दे दी हैं. करीब 1 लाख 25 हजार पदों पर भर्तियां प्रक्रियाधीन है. इसके अलावा 1 लाख और पदों पर नई भर्ती निकलेंगी.' सीएम अशोक गहलोत के इस बयान को 5 महीने बीत चुके हैं. डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे. इससे पहले की आचार संहिता लग जाए, प्रदेश के युवा बेरोजगार प्रक्रियाधीन भर्तियों पर नियुक्ति देने और घोषणा की गई एक लाख भर्तियों का वर्गीकरण कर विज्ञप्ति जारी करने की मांग पर अड़े हुए हैं. कारण साफ है कोरोना काल के बाद प्रदेश में बेरोजगारी सुरसा के समान मुंह खोले खड़ी है. वहीं, अब राजस्थान 22.2 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ देश में दूसरे पायदान पर जा पहुंचा है.

प्रदेश की गहलोत सरकार पुरानी भर्तियों को कराकर भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन 4 बजट घोषणाओं में की गई 3 लाख 25 हजार से ज्यादा भर्तियों को धरातल पर उतारने में नाकाम रही है. अब चूंकि डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में हाल ही में राज्य सरकार के निर्देश पर आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 82 हजार भर्तियों के लिए कैलेंडर जारी किया गया. लेकिन अभी भी सरकारी विभागों में हजारों पद खाली पड़े हैं.

साढ़े 3 साल आंकड़ों का मकड़जाल

पढ़ें- बेरोजगारी दर जून में बढ़कर 7.80 प्रतिशत दर्ज की गई: CMIE

हालांकि सरकार साढ़े तीन साल में 1 लाख 19 हजार 559 पदों पर ही नौकरी देने का दंभ भर रही है. जबकि इनमें से अधिकतर भर्तियां पिछली सरकार की लम्बित हैं. फिर भी सरकार की घोषणा के अनुसार अभी भी 2 लाख से ज्यादा पदों पर भर्तियां होना बाकी है. वहीं इसी साल की गई 1 लाख भर्तियों की घोषणा का तो वर्गीकरण भी नहीं हुआ है.

Unemployment in Rajasthan
ये है प्रमुख रिक्त पद

बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि प्रदेश सरकार से बेरोजगार खुश नहीं है. हर भर्ती के लिए उन्हें आंदोलन करना पड़ता है, लाठी खानी पड़ती है, जेल जाना पड़ता है. सरकार बजट में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है लेकिन उन्हें धरातल पर उतारा नहीं जाता. उन्होंने सरकार की कथनी और करनी में अंतर बताते हुए, ऊर्जा विभाग की टेक्निकल हेल्पर भर्ती का हवाला दिया.

Unemployment in Rajasthan
आंकड़ों पर नजर

उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले बजट में कहा था कि टेक्निकल हेल्पर 6000 पदों पर भर्ती निकाली जाएगी, लेकिन मात्र 1512 पदों पर भर्ती निकाली. पंचायती राज विभाग में जेईएन भर्ती निकालना भूल गई. इसके अलावा चिकित्सा विभाग में रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और सीएचओ के पदों पर भर्तियां कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है.

Unemployment in Rajasthan
आंकड़ों पर नजर

पढ़ें- बेरोजगारी का आलम : राजस्थान में 16 लाख से ज्यादा बेरोजगारों ने कराया रजिट्रेशन, भत्ता मिला सिर्फ 4 लाख को

इसके अलावा राज्य सरकार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रदेश में 2000 विभिन्न पदों पर संविदा पर भर्तियां कर रही है. इस पर उपेन यादव ने कहा कि संविदा पर की जा रही भर्तियां चाहे स्वायत्त शासन विभाग में हो, चाहे शिक्षा विभाग में, ये बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ है. सरकार ने बेरोजगारों से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया है. साढ़े 3 साल में सिर्फ बेरोजगारों को आंकड़ों के मायाजाल के जरिए गुमराह किया गया.

Unemployment in Rajasthan
आंकड़ों पर नजर

जब मंत्रियों से किए लिखित समझौता, लखनऊ समझौता और आंदोलन के बाद किए गए आश्वासन याद दिलाए तो बदले में लाठी और मुकदमे मिले. अधिकारियों ने मांगें नहीं मानी, मंत्रियों ने कोई जवाब नहीं दिया और सीएम बात नहीं कर रहे. ऐसे में अब प्रदेश का युवा बेरोजगार 21 अगस्त को गुजरात कूच करेगा और वहां होने वाले विधानसभा चुनाव में राजस्थान के जो बड़े नेता कांग्रेस के समर्थन में प्रचार-प्रसार करने जाएंगे, वहां उनका विरोध किया जाएगा.

Unemployment in Rajasthan
आंकड़ों पर नजर

पढ़ें- राजस्थान में बेरोजगारी चरम पर : अकेले खान विभाग में सैंकड़ों पद खाली, भर्ती परीक्षा का युवाओं को इंतजार

हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद सभी विभागों से रिक्त पदों की सूची तैयार कराई जा रही है. रीट में भी 32 हजार से बढ़ाकर 62 हजार पद किए गए हैं. यही नहीं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से विभिन्न विभागों की करीब 21 भर्तियों के माध्यम से करीब 82 हजार पदों पर बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के लिए कैलेंडर जारी कर दिया गया है.

इनके अलावा जेईएन, जूनियर इंस्ट्रक्टर, हाउस कीपर, लैब असिस्टेंट, लाइव स्टॉक असिस्टेंट, हॉस्पिटल केयर टेकर, ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट, ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट रिक्रूटमेंट, असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिकल एजुकेशन, एआरओ, एएआरओ जैसे पदों पर भर्तियां होंगी। कुछ के एग्जाम हो चुके हैं, कुछ के होना बाकी है.

Last Updated : Jul 30, 2022, 8:03 AM IST
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