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वित्तीय वर्ष 2019-2020 में शुरू होगी भूमिगत मेट्रो, लेकिन नहीं होगी पार्किंग की सुविधा - metro

शहर में वित्तीय वर्ष 2019-2020 में शुरू हो जाएगी भूमिगत मेट्रो की सुविधा. वहीं, भूमिगत मेट्रो के संचालन से दो से ढाई गुना राइडरशिप बढ़ने की संभावना है, लेकिन पार्किंग की सुविधा नहीं होने से यात्रियों को समस्या होगी.

शुरू होगी भूमिगत मेट्रो
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Published : Jul 28, 2019, 4:59 PM IST

जयपुर. शहर में भूमिगत मेट्रो वित्तीय वर्ष 2019-2020 में शुरू हो जाएगी. मेट्रो प्रशासन के अनुसार भूमिगत मेट्रो के संचालन से दो से ढाई गुना राइडरशिप बढ़ेगी, जिससे घाटे में चल रहे मेट्रो का फेयर बॉक्स बढ़ेगा और घाटे की भरपाई होगी.

मेट्रो एमडी सुबीर कुमार ने बताया कि परकोटे के बाहर नौ मेट्रो स्टेशन हैं. इन स्टशनों में पार्किंग की अच्छी सुविधा है. यहां लोग अपने वाहनों को पार्क कर सकते हैं और वहां से लोग परकोटा क्षेत्र में शॉपिंग और दूसरे कामों के लिए आसानी से आ सकते हैं, जिससे लोगों को ट्रैफिक की समस्या नहीं होगी.

शुरू होगी भूमिगत मेट्रो

वहीं, बड़ी चौपड़ या छोटी चौपड़ के स्टेशनों पर पार्किंग के लिए कोई सुविधा नहीं है, जिससे वहां से मानसरोवर तक मेट्रो से जाने वाले लोगों को असुविधा होगी. बड़ी चौपड़ और छोटी चौपड़ के मेट्रो स्टेशनों पर 4 एंट्रेंस और एग्जिट गेट बनाए गए हैं. लेकिन यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई. इन स्टेशनों पर पार्किंग को लेकर मेट्रो एमडी ने बताया कि स्मार्ट सिटी और नगर निगम पार्किंग को लेकर कार्रवाई कर रहा है. यहां अंडरग्राउंड स्टेशन होने के कारण मेट्रो प्रशासन के पास कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि भूमिगत मेट्रो स्टेशन से आतिश मार्केट और चौगान स्टेडियम की पार्किंग दूर है. जिससे कि लोगों को वहां पार्किंग कर मेट्रो स्टेशन तक आने में दिक्कत होगी. बता दें कि करोड़ों रुपए कि लागत से यह प्रोजेक्ट आम लोगों की सुविधा के लिए डेवलप किया जा रहा है, लेकिन पार्कंग की व्यवस्था नहीं होने से यात्री इसका पूरा लाभ नहीं उठा सकेंगे.

जयपुर. शहर में भूमिगत मेट्रो वित्तीय वर्ष 2019-2020 में शुरू हो जाएगी. मेट्रो प्रशासन के अनुसार भूमिगत मेट्रो के संचालन से दो से ढाई गुना राइडरशिप बढ़ेगी, जिससे घाटे में चल रहे मेट्रो का फेयर बॉक्स बढ़ेगा और घाटे की भरपाई होगी.

मेट्रो एमडी सुबीर कुमार ने बताया कि परकोटे के बाहर नौ मेट्रो स्टेशन हैं. इन स्टशनों में पार्किंग की अच्छी सुविधा है. यहां लोग अपने वाहनों को पार्क कर सकते हैं और वहां से लोग परकोटा क्षेत्र में शॉपिंग और दूसरे कामों के लिए आसानी से आ सकते हैं, जिससे लोगों को ट्रैफिक की समस्या नहीं होगी.

शुरू होगी भूमिगत मेट्रो

वहीं, बड़ी चौपड़ या छोटी चौपड़ के स्टेशनों पर पार्किंग के लिए कोई सुविधा नहीं है, जिससे वहां से मानसरोवर तक मेट्रो से जाने वाले लोगों को असुविधा होगी. बड़ी चौपड़ और छोटी चौपड़ के मेट्रो स्टेशनों पर 4 एंट्रेंस और एग्जिट गेट बनाए गए हैं. लेकिन यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई. इन स्टेशनों पर पार्किंग को लेकर मेट्रो एमडी ने बताया कि स्मार्ट सिटी और नगर निगम पार्किंग को लेकर कार्रवाई कर रहा है. यहां अंडरग्राउंड स्टेशन होने के कारण मेट्रो प्रशासन के पास कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि भूमिगत मेट्रो स्टेशन से आतिश मार्केट और चौगान स्टेडियम की पार्किंग दूर है. जिससे कि लोगों को वहां पार्किंग कर मेट्रो स्टेशन तक आने में दिक्कत होगी. बता दें कि करोड़ों रुपए कि लागत से यह प्रोजेक्ट आम लोगों की सुविधा के लिए डेवलप किया जा रहा है, लेकिन पार्कंग की व्यवस्था नहीं होने से यात्री इसका पूरा लाभ नहीं उठा सकेंगे.

Intro:जयपुर - कॉस्ट कटिंग के बाद जयपुर मेट्रो मुनाफे के लिए भूमिगत मेट्रो से आस लगाए बैठी है। मेट्रो प्रशासन का मानना है कि छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ तक मेट्रो के संचालन के बाद यहां 2 से ढाई गुना राइडरशिप बढ़ेगी। ऐसे में परकोटे से बाहर के लोगों को तो सहूलियत होगी, लेकिन बड़ी चौपड़ या छोटी चौपड़ से जो लोग अपने वाहन को छोड़ मेट्रो का इस्तेमाल कर मानसरोवर तक जाने का विचार कर रहे हैं। उनके लिए मेट्रो प्रशासन ने नहीं सोचा। यही वजह है कि बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़ पर 4-4 एंट्रेंस और एग्जिट गेट तो बना दिये गए, लेकिन यहां एक जगह भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई।


Body:करीब 29 करोड़ के घाटे में चल रही जयपुर मेट्रो के फेस वन का बी पार्ट यानी भूमिगत मेट्रो इस वित्तीय वर्ष में शुरू हो जाएगी। जयपुर मेट्रो कॉरपोरेशन का आंकलन है कि भूमिगत मेट्रो शुरू होने के बाद दो से ढाई गुना राइडरशिप बढ़ेगी। इससे घाटे में चल रहे मेट्रो का फेयर बॉक्स बढ़ेगा। मेट्रो एमडी सुबीर कुमार की माने तो परकोटे के बाहर नौ मेट्रो स्टेशन है, जहां पर्याप्त पार्किंग की सुविधा है। यहां लोग अपने वाहनों को पार्क करने के बाद परकोटा क्षेत्र में शॉपिंग और दूसरे कामों के लिए आसानी से आ सकेंगे। लोगों को ट्रैफिक की समस्या भी नहीं उठानी पड़ेगी।
बाईट - सुबीर कुमार, मेट्रो एमडी

लेकिन मेट्रो कॉरपोरेशन परकोटे से मानसरोवर तक बने 9 स्टेशन तक जाने वाले शहरवासियों के बारे में नहीं सोच रहा। जो अपने वाहन बड़ी चौपड़ या छोटी चौपड़ पर खड़े करने के बाद मेट्रो का उपयोग करें। निर्माणाधीन इन मेट्रो स्टेशन पर किसी तरह की पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं की गई। हालांकि मेट्रो एमडी सुबीर कुमार का कहना है कि स्मार्ट सिटी और नगर निगम इसे लेकर कार्रवाई कर रहा है। यहां अंडरग्राउंड स्टेशन होने के चलते मेट्रो प्रशासन के पास कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।
बाईट - सुबीर कुमार, मेट्रो एमडी

उधर, परकोटा वासियों की माने तो भूमिगत मेट्रो स्टेशन से आतिश मार्केट और चौगान स्टेडियम की पार्किंग दूर है। ऐसे में कोई भी वहां पार्किंग कर मेट्रो स्टेशन तक आने में असहज ही रहेगा।



Conclusion:बहरहाल, करोड़ों रुपए का ये प्रोजेक्ट यूं तो आमजन की सुविधा के लिए डेवलप किया जा रहा है। लेकिन एक छोटी सी चूक मेट्रो कॉरपोरेशन के राइडरशिप बढ़ने के सपने पर पानी फेर सकती है।
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