जयपुर. शहर में भूमिगत मेट्रो वित्तीय वर्ष 2019-2020 में शुरू हो जाएगी. मेट्रो प्रशासन के अनुसार भूमिगत मेट्रो के संचालन से दो से ढाई गुना राइडरशिप बढ़ेगी, जिससे घाटे में चल रहे मेट्रो का फेयर बॉक्स बढ़ेगा और घाटे की भरपाई होगी.
मेट्रो एमडी सुबीर कुमार ने बताया कि परकोटे के बाहर नौ मेट्रो स्टेशन हैं. इन स्टशनों में पार्किंग की अच्छी सुविधा है. यहां लोग अपने वाहनों को पार्क कर सकते हैं और वहां से लोग परकोटा क्षेत्र में शॉपिंग और दूसरे कामों के लिए आसानी से आ सकते हैं, जिससे लोगों को ट्रैफिक की समस्या नहीं होगी.
वहीं, बड़ी चौपड़ या छोटी चौपड़ के स्टेशनों पर पार्किंग के लिए कोई सुविधा नहीं है, जिससे वहां से मानसरोवर तक मेट्रो से जाने वाले लोगों को असुविधा होगी. बड़ी चौपड़ और छोटी चौपड़ के मेट्रो स्टेशनों पर 4 एंट्रेंस और एग्जिट गेट बनाए गए हैं. लेकिन यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई. इन स्टेशनों पर पार्किंग को लेकर मेट्रो एमडी ने बताया कि स्मार्ट सिटी और नगर निगम पार्किंग को लेकर कार्रवाई कर रहा है. यहां अंडरग्राउंड स्टेशन होने के कारण मेट्रो प्रशासन के पास कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि भूमिगत मेट्रो स्टेशन से आतिश मार्केट और चौगान स्टेडियम की पार्किंग दूर है. जिससे कि लोगों को वहां पार्किंग कर मेट्रो स्टेशन तक आने में दिक्कत होगी. बता दें कि करोड़ों रुपए कि लागत से यह प्रोजेक्ट आम लोगों की सुविधा के लिए डेवलप किया जा रहा है, लेकिन पार्कंग की व्यवस्था नहीं होने से यात्री इसका पूरा लाभ नहीं उठा सकेंगे.