जयपुर. रियायती दर पर जमीन लेकर आवंटन की शर्तों की अवहेलना करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. रियायती दरों पर आवंटित जमीन का अन्य उपयोग होने की स्थिति में आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बुधवार को यूडीएच सचिव और एलएसजी सचिव को पत्रावली भेज ये निर्देश जारी किए हैं.
रियायती दर पर भूमि आवंटन के प्रकरणों में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने इसी वर्ष 1 जून को सभी नगरीय निकायों से रियायती दर पर संस्थाओं के आवंटन के प्रकरणों की जानकारी मांगी थी. प्रदेश के विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास, नगर निगम, नगर परिषद और पालिकाओं ने 1897 प्रकरणों की सूची राज्य सरकार को भेजी थी, जिसके आधार पर अब मंत्री धारीवाल ने इन जमीनों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं और आवंटन की शर्तों का मौके पर पालन नहीं होने की स्थिति में आवंटन को निरस्त करने के निर्देश जारी किए हैं.
धारीवाल की ओर से जारी आदेशों के तहत आवंटन नीति के तहत निकाय की गठित समिति अपने क्षेत्र के प्रकरणों का भौतिक सत्यापन करेगी. इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है. आवंटन की शर्तों की अवहेलना या भूमि का किसी अन्य उपयोग होने की स्थिति में आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी. कार्रवाई होने के 3 दिन के अंदर जमीन का भौतिक कब्जा लिया जाएगा.
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आदेश में ये स्पष्ट लिखा गया है कि जिन प्रकरणों में आवंटन की शर्तों की पालना और भूमि का सही उपयोग मिलता है, तो उन प्रकरणों में समिति में शामिल प्रत्येक अधिकारी प्रमाण पत्र देगा, जिससे ये प्रमाणित किया जाएगा कि प्रकरण में आवंटन की शर्तों और भूमि के उपयोग की शर्त की पालना की जा रही है. इसके बाद उस प्रकरण में शर्तों की अवहेलना मिलती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
धारीवाल ने यूडीएच सचिव भास्कर ए सावंत और एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा को पत्रावली भेज ये आदेश जारी किए हैं और इस की पालना के लिए नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग की ओर से निर्देश जारी करने के आदेश दिए हैं.