जयपुर. प्रदेश में कोरोना काल के 14 महीने बीत चुके हैं लेकिन किसी भी विभाग ने नए ऑक्सीजन प्लांट खोलने के बारे में सोचा तक नहीं. हालांकि, अब यूडीएच विभाग ने अगले 2 महीने में 105 नए प्लांट खोलने का वर्क आर्डर भी जारी कर दिया गया है. वहीं 100 नए और प्लांट लगाए जाएंगे.
खास बात ये है कि ये सभी ऑक्सीजन प्लांट राजकीय चिकित्सालयों में लगाए जाएंगे, जहां से अधिकतम ऑक्सीजन पाइप लाइन के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे मरीजों और अस्पताल प्रशासन को ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटकना ना पड़े.
105 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्यादेश
कोविड-19 की दूसरी लहर में मरीज और उनके परिजन ना सिर्फ अस्पताल में बेड के लिए भटके बल्कि ऑक्सीजन के लिए भी दर-दर की ठोकरें खाई. प्रदेश का शायद ही ऐसा कोई ऑक्सीजन प्लांट होगा, जहां जरूरतमंदों की लंबी कतार देखने को ना मिली हो. आलम ये रहा कि जिनके खाली सिलेंडर भर पाए उनके मरीजों को ऑक्सीजन मिली. जिनके सिलेंडर नहीं भरे, उन्होंने अपने मरीज को भगवान भरोसे छोड़ दिया. इन परिस्थितियों के बीच अब यूडीएच विभाग ने 59 नगरीय निकायों में नगर विकास न्यास, निगम परिषद और पालिकाओं में 105 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्यादेश जारी किया है. ये सभी ऑक्सीजन प्लांट 1 साल के संचालन और रखरखाव, 2 साल की वारंटी के साथ 2 महीने में स्थापित किए जाएंगे.
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प्रदेश के हर राजकीय चिकित्सालय को ऑक्सीजन के प्रकरणों में आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से स्वायत्त शासन विभाग की 48 नगरीय निकायों में 58 ऑक्सीजन प्लांट और नगरीय विकास विभाग की 11 नगरीय इकाइयों में 47 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे. ऑक्सीजन प्लांट लगाने की संपूर्ण प्रक्रिया के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने प्रदेश के राजकीय चिकित्सालय में अलग-अलग क्षमता के प्लांट लगाने के लिए तकनीकी मापदंड और तकनीक का निर्धारण किया है.
97 मैट्रिक टन ऑक्सीजन राजकीय चिकित्सालयों को होगी उपलब्ध
ये सभी ऑक्सीजन प्लांट 1 वर्ष के संचालन और रखरखाव, 2 साल की वारंटी के साथ 2 महीने में स्थापित किए जाएंगे. इसी तरह 59 शहरों के राजकीय चिकित्सालय में स्थित 5 हजार 786 हॉस्पिटल बेड पर प्रतिदिन पाइप के माध्यम से और 10 हजार 125 सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाई जा सकेगी. इस तरह कुल 97 मैट्रिक टन ऑक्सीजन राजकीय चिकित्सालयों को उपलब्ध हो सकेगी.
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ऑक्सीजन प्लांट को लेकर ईटीवी भारत में स्वायत्त शासन निदेशक दीपक नंदी से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि फिलहाल 105 ऑक्सीजन प्लांट को लेकर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है. जल्द ये ऑक्सीजन प्लांट मूर्त रूप लेंगे. इसके बाद शेष रही नगरीय निकायों में 100 ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए रेट कॉन्ट्रैक्ट के तहत एक्सप्रेस ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी कर दी गई है. जल्द ही कार्य आदेश भी जारी कर दिया जाएगा.
ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन
स्वायत्त शासन और नगरीय विकास विभाग ने दो कंपनियों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य आदेश जारी किया है. इनमें से एक कंपनी 60, जबकि दूसरी 45 ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली है. हालांकि, इन दोनों ही कंपनियों के पास ऑक्सीजन प्लांट लगाने का अनुभव नहीं होने को लेकर उन्होंने कहा कि आवश्यकता को देखते हुए टेंडर युद्ध स्तर पर करना था. ऐसे में दूसरे राज्य में प्लांट लगाने की हाल ही में मिले कार्य आदेश के आधार पर इन्हें काम सौंपा गया है. ये कंपनियां न्यूनतम दर पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली हैं. इन कंपनियों को 15-15 दिन के 4 चरण में काम करते हुए 2 महीने में 59 शहरों में 105 ऑक्सीजन प्लांट लगाने हैं. ये काम तय समय पर हो इसके लिए मॉनिटरिंग कमेटी का भी गठन किया गया है.
बहरहाल, राजधानी सहित प्रदेश भर में अब तक महज 38 ऑक्सीजन प्लांट ही थे. बाकी राज्य की जनता केंद्र से मिलने वाली ऑक्सीजन के भरोसे थे लेकिन अब अगले 2 महीने में राजस्थान इतना सक्षम हो जाएगा कि उसे मेडिकल ऑक्सीजन के लिए किसी दूसरे राज्य या केंद्र के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होगी.