जयपुर. यूडीएच विभाग ने अलवर, भरतपुर में पार्किंग प्रबंधन और नियंत्रण के दिशा निर्देश लागू करने से पहले आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं. इसके लिए हितधारक और स्थानीय निवासियों को 1 महीने का समय दिया गया है. दिशा निर्देशों के ड्राफ्ट में सार्वजनिक स्थानों पर निजी वाहनों की पार्किंग का विनियमन शामिल किया गया है. वहीं स्थानीय निकायों को व्यवसायिक क्षेत्रों में आने वाले वाहनों का आंकलन करते हुए एक पार्किंग योजना तैयार करनी होगी. साथ ही कॉलोनियों में पार्किंग की व्यवस्था के लिए भी स्थानीय निकाय नियम लागू करेगा.
जैसे-जैसे वाहनों की संख्या बढ़ रही है, शहरों में यातायात व्यवस्था चरमराती जा रही है और सबसे ज्यादा असर पार्किंग पर पड़ रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए शहरों में पार्किंग सुविधा का विस्तार करने पर भी जोर दिया जा रहा है. इसके लिए समय-समय पर यूडीएच विभाग द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए जाते हैं. साथ ही विभाग अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना बनाकर पार्किंग की समस्या का समाधान भी करता है. इस क्रम में अब अलवर और भरतपुर के लिए पार्किंग प्रबंधन और नियंत्रण का ड्राफ्ट तैयार कर आमजन से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं. इस शार्ट टर्म पार्किंग पॉलिसी को तैयार करने के लिए 20 बिंदु का ड्राफ्ट तैयार किया गया है. जिसमें कई एजेंसी एक साथ काम करेंगी.
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बता दें कि प्रदेश में पार्किंग पॉलिसी की पहल सबसे पहली राजधानी जयपुर से की गई थी. हालांकि इसे अब तक धरातल पर नहीं उतारा जा सका है. इसके अलावा वाहनों की पार्किंग के लिए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 10 स्मार्ट मोबिलिटी प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित है. बीते 3 सालों में इनमें से महज चौगान स्टेडियम की पार्किंग शुरू की जा सकी है. इसे भी अभी स्मार्ट नहीं बनाया जा सका है.
इसके साथ ही स्मार्ट मोबिलिटी प्लान के तहत बस शेल्टर, ई रिक्शा स्टैंड, स्मार्ट ऑटो और टैक्सी स्टैंड, साइनेज और मार्किंग, सड़क के बुनियादी ढांचे के साथ नॉन मोटर व्हीकल एरिया, ट्रैफिक और पर्यटन के लिए स्मार्ट फीचर्स के साथ डिजिटल साइनेज, यातायात प्रबंधन प्रणाली, सिंक्रोनाइज ट्रैफिक सिग्नल, जलेब चौक, बड़ी चौपड़, रामनिवास बाग के अलावा छह जगह स्मार्ट पार्किंग विकसित की जानी है.