जयपुर. बीते दिनों राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी शहरों में मास्टर प्लान के तहत अधिसूचित जोनल प्लान और सेक्टर प्लान के विपरीत सार्वजनिक भूमि, कृषि भूमि और अन्य अवैध निर्माण के नियमन पर रोक लगाई थी. यूडीएच विभाग ने एक लाख से ज्यादा आबादी वाले 28 शहरों का जोनल प्लान बनाने की सोची. लेकिन अभी इनमें से 12 नगरीय निकाय के जोनल प्लान तैयार नहीं हुए हैं। अब इन 12 नगर परिषदों के आयुक्तों को प्राथमिकता (Zonal plan completion on priority) पर जोनल प्लान का काम पूरा करने के निर्देश हैं.
धौलपुर, सीकर, झुंझुनू, ब्यावर, नागौर, किशनगढ़, बारां, गंगापुर सिटी, बूंदी, हनुमानगढ़, चूरु, सुजानगढ़ ये वो नगर परिषद हैं जिनके जोनल प्लान का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है. इसी वजह से इन शहरों में बसी कॉलोनियों के लोगों को फिलहाल पट्टे नहीं दिए जा सके हैं.
बीते दिनों मास्टर प्लान मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद चेती सरकार ने समय सीमा तय कर दी थी. इसमें जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाना, उसका ड्राफ्ट जारी करना और उसे अधिसूचित कराना शामिल था. मुख्य नगर नियोजक कार्यालय ने समय सीमा को लेकर निर्देश दिए थे. सरकार एक लाख से कम आबादी वाले नगरीय निकायों में जोनल प्लान बनाने की अनिवार्यता खत्म कर चुकी है.
जबकि जोधपुर हाईकोर्ट ने 6 अक्टूबर के आदेश में निकायों में जोनल प्लान लागू किए बिना पट्टे देने पर रोक लगाई है. इसी कारण सरकार दुविधा में है कि एक लाख से कम आबादी वाले निकायों में जोनल प्लान बनाएं या नहीं. लेकिन फिलहाल 12 प्रमुख नगर परिषदों में भी जोनल प्लान को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. हालांकि अब यूडीएच विभाग इन शहरों के जोनल प्लान प्राथमिकता पर तैयार करा रहा है. गनीमत ये है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान अभी 4 महीने और चलेगा. ऐसे में कोशिश यही है कि जल्द से जल्द जोनल प्लान का काम पूरा करते हुए आम जनता को राहत दी जाए.
आपको बता दें कि जोनल प्लान में भूमि के उपयोग के लिए क्षेत्रवार विस्तृत डिटेल होती है. किस इलाके में कहां, कौन-सी सड़क होगी, कहां पार्क होगा, कॉमर्शियल स्पेस होगा, फैसेलिटी की जमीन होगी. ये सब एक जोनल प्लान में इलाके वार दर्शाया जाता है.