जयपुर. राजस्थान इंटेलिजेंस (Rajasthan Intelligence) की टीम ने भीलवाड़ा और पाली से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के स्थानीय दो एजेंटों को गिरफ्तार (Two ISI agent arrested from Bhilwara and Pali) किया है. इंटेलिजेंस की टीम ने ये कार्रवाई शनिवार को की है. दोनों एजेंट सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान में सूचनाएं भेजते थे. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैण्डलिंग अफसरों के इशारों पर भारतीय सेना से सम्बंधित भेजी गई सामरिक महत्व की सूचनाओं की एवज में दोनों के बैंक खातों में यूपीआई के माध्यम से धनराशि भी ट्रांसफर की गई है.
महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि भीलवाड़ा से बेमाली निवासी नारायण लाल गाडरी और जयपुर निवासी कुलदीप सिंह शेखावत को पाली के जैतारण से पकड़ा गया गया है. दोनों के सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से निरन्तर सम्पर्क में होने जानकारी सामने आई थी. इस पर सीआईडी इंटेलिजेंस जयपुर ने दोनों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी. इन संदिग्धों को जासूसी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार करते हुए सभी आसूचना एजेंसियों ने गहन पूछताछ शुरू की है.
उन्होंने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि बेमाली भीलवाड़ा निवासी नारायण लाल गाडरी पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों के संपर्क में रहते हुए रुपए के लालच में पाक हैंडलिंग अफसरों के चाहने पर मोबाइल सिमकार्ड जारी करवाता था. इसे पाक हैंडलिंग अफसरों की ओर से भारतीय मोबाइल नम्बरों से सोशल मीडिया अकाउंट संचालन के लिए उपलब्ध कराता था. उन नम्बरों पर सेना से सम्बंधित गोपनीय सूचनाएं भी भेज रहा था. वहीं कुलदीप सिंह शेखावत जैतारण पाली में शराब ठेके पर सेल्समैन का कार्य करता था. ये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला हैंडलिंग अफसर के संपर्क में रहते हुए रुपए के लालच में छदम महिला के नाम से और फर्जी सैन्यकर्मी बनकर सोशल मीडिया अकाउंट चलाता था. इससे भारतीय सेना के जवानों से दोस्ती करके उनसे भारतीय सेना से सम्बंधित गोपनीय सूचनाएं लेकर पाक महिला हैंडलिंग अफसर को उपलब्ध करवाता था. इस काम के बदले रुपए ले रहा था.
दोनों के मोबाइल फोनों की तकनीकी जांच में इन तथ्यों की पुष्टि होने पर आरोपियों के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 आईटी एक्ट और आईपीसी की कई धाराओं में अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए हैं. साथ ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों से पूछताछ जारी है. महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस ने बताया कि राजस्थान सीआईडी इंटेलिजेंस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की ओर से राजस्थान में की जाने वाली जासूसी गतिविधियों की निगरानी के लिए ऑपरेशन सरहद चलाया है. ऑपरेशन सरहद के तहत वर्ष 2022 में अभी तक 6 प्रकरण दर्ज करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पैसों के लालच में भारत के सिमकार्ड पाक जासूसों को दिए थे
भीलवाड़ा का बेमाली निवासी आरोपी नारायण लाल ने पूछताछ में बताया कि उसके पिता एक धार्मिक स्थल पर भोपा हैं. वह पहले वह कुल्फी बेचने, बकरी पालने और गाड़ी ड्राइविंग का काम करता था. एक दिन उसे फेसबुक पर एक लिंक मिला जिसके जरिए वह एक व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़ गया. व्हाट्सअप ग्रुप में पाकिस्तान सहित कई देशों के नागरिक जुड़े हुए थे. फिर उसने व्हाट्सअप ग्रुप छोड़ दिया था लेकिन एक दिन उसे एक पाकिस्तानी नंबर से कॉल आया. कॉलर ने अपना नाम अनिल बताया. उसने नारायण लाल से ग्रुप छोड़ने का कारण पूछा जिसके बाद दोनों की बातचीत होने लगी. हाल ही में पैसों को लेकर भारत के नम्बरों के सिम को पाकिस्तानी जासूसों को उपलब्ध करवाई थी. पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने बताया कि पूर्व में भी नारायण लाल के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं.