जयपुर. राजधानी की मुहाना थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक करोड़ से अधिक की साइबर ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश करते हुए दो शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से स्वैप मशीन, डेबिट और एटीएम कार्ड के साथ फर्जी बिल बुक आदि सामान भी बरामद किए हैं. फिलहाल गिरफ्तार किए गए दोनों बदमाशों से पुलिस लगातार पूछताछ में जुटी है जिसमें अनेक वारदातों का खुलासा होने की संभावना है.
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार विदेशी सामान सस्ते दाम पर बेचने के नाम पर सोशल मीडिया एप के जरिए लोगों को झांसें में लेकर ठगी की वारदात करने की शिकायतें लगातार मिल रहीं थीं. इस पर स्पेशल टीम का गठन किया गया और संदिग्ध लोगों पर निगरानी रखी गई.
इसी दौरान हरदयाल नाम के एक व्यक्ति ने मुहाना थाने में ठगी का एक मामला दर्ज करवाया. शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया कि ठगों ने खुद को एलिका का निवासी रोमानिया किंगडम बताकर और अपने मोबाइल का व्यवसाय बता कर परिवादी को महंगे विदेशी मोबाइल सस्ते दाम में बेचने का झांसा देकर व्हाट्सएप के जरिए अपने जाल में फंसाया.
फिर ठगों ने परिवादी को फर्जी बिल व्हाट्सएप कर एयरपोर्ट से डिलीवरी लेने के लिए कस्टम ड्यूटी जमा कराने के नाम पर 26 हजार रुपए हड़प लिए. इसके साथ ही डिलीवर किए जाने वाले पार्सल में विदेशी करेंसी होने का झांसा देकर 1 करोड़ रुपए से अधिक की ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम दिया. परिवादी की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मोबाइल नंबर और आईपी ऐड्रेस के आधार पर बदमाशों की लोकेशन को ट्रेस करते हुए सौरभ चौहान और कमल लोहाट को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों के पास से आधा दर्जन स्वैप मशीन, दो दर्जन एटीएम व डेबिट कार्ड और दो दर्जन फर्जी बिल बुक बरामद की है. फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
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विदेशी महिला बनकर करते हैं ठगी
आरोपियों से हुई प्रारंभिक पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि दोनों बदमाश सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से चैटिंग करते हैं और खुद को विदेशी महिला बताकर विदेश में स्वयं का व्यवसाय होने की बात बताकर अपने जाल में फंसाते हैं. इसके बाद लोगों को विदेश से महंगे गिफ्ट आइटम भेजने का झांसा देकर एयरपोर्ट कस्टम ड्यूटी जमा कराने के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में रुपए जमा करवा कर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं.
इसके साथ ही पीड़ित व्यक्ति को विदेश से आए पार्सल की स्कैनिंग में विदेशी करेंसी होने की बात कह मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसने से बचाने का झांसा देकर भी ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. पीड़ित व्यक्ति से ठगी गई राशि को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दुकानदारों के माध्यम से पॉज मशीन के जरिए नकदी प्राप्त करते हैं.