जयपुर. राजधानी की मोती डूंगरी थाना पुलिस ने 8 माह की गर्भवती महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले दो दरिंदों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. पुलिस की गिरफ्त में आए दोनों ही आरोपी एंबुलेंस चलाने का काम करते हैं.
बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी जयपुर शहर से फरार हो गए थे. जिन्हें पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस और टेक्निकल टीम की सहायता से गिरफ्तार किया है. वहीं इस पूरे प्रकरण में मोती डूंगरी थाना पुलिस की ओर से पीड़िता का मेडिकल करवाने के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयान करवाए गए हैं. इसके साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने रिमांड पर लिया है.
ये है मामला...
8 महीने की गर्भवती महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले एंबुलेंस चालक सुरेंद्र योगी और उसके साथी महेंद्र मीणा उर्फ गोटिया को पुलिस की ओर से कानूता थाना इलाके से गिरफ्तार किया गया है. 24 मई को 8 महीने की गर्भवती खानाबदोश महिला की ओर से भूख लगने पर एंबुलेंस चालक सुरेंद्र योगी से खाने के लिए रोटी मांगी गई.
जिसपर आरोपी उसे रोटी खिलाकर लाने का झांसा देकर एंबुलेंस में बैठा कर त्रिमूर्ति सर्किल की तरफ ले गया और अपने एक अन्य साथी महेंद्र मीणा को भी एंबुलेंस में बैठा लिया. उसके बाद दोनों आरोपी पीड़िता को गांधी सर्किल होते हुए झालाना में एक सुनसान जगह ले गए. जहां पर एंबुलेंस में ही सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया. सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी पीड़िता को एसएमएस अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर छोड़कर फरार हो गए.
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वहीं, पीड़ित महिला का पति सब्जी का ठेला लगाकर गुजर-बसर करता है और लॉकडाउन के चलते उसकी सब्जियां भी नहीं बिक पा रही है. ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब चल रही है. जिसके चलते पीड़ित महिला को लोगों से भोजन मांग कर खाना पड़ता है.
पीड़ित महिला की ओर से मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए गए 164 के बयान में यह बात भी सामने आई है कि सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपियों ने पीड़िता को एसएमएस हॉस्पिटल के बाहर फुटपाथ पर छोड़ने से पहले वारदात के बारे में किसी को भी कुछ नहीं बताने पर 1 किलो देसी घी और 500 रुपए देने का प्रलोभन भी दिया. इसपर जब पीड़िता ने वारदात के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही तो दोनों आरोपी पीड़िता को फुटपाथ पर छोड़कर मौके से फरार हो गए.
लाल दरी और स्पीकर से पहचानी गई एंबुलेंस और पकड़ में आए आरोपी
पीड़िता की ओर से सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने के बाद पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों की पहचान करना था. जब पुलिस ने पीड़िता से एंबुलेंस के बारे में पूछा तो उसने बताया की एंबुलेंस में एक लाल रंग की दरी रखी हुई है और साथ ही सीट के पास एक स्पीकर रखा हुआ है. जिस पर पुलिस की तरफ से एसएमएस अस्पताल के बाहर खड़ी 1 दर्जन से अधिक एंबुलेंस की जांच की गई और तब जाकर एक एंबुलेंस वैन में लाल रंग की दरी और एक स्पीकर रखा हुआ मिला. इस प्रकार से पुलिस आरोपियों की एंबुलेंस तक पहुंची और उस एंबुलेंस के जरिए चालक की जानकारी जुटाने के बाद पुलिस दोनों आरोपियों तक पहुंच सकी.