जयपुर. प्रदेश में अब तक 50 हजार से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं. इसी बीच प्रदेश के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों से कोरोना वॉरियर्स जिनमें चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी भी शामिल है. वह भी पॉजिटिव आ रहे हैं. इसी बीच यदि प्रदेश के मैटरनिटी अस्पतालों में इलाज की बात की जाए तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद इन अस्पतालों में मरीजों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन कोरोना का डर कहीं ना कहीं मरीजों में देखने को मिल रहा है.
राजधानी जयपुर की बात की जाए तो जयपुर में दो ऐसे सरकारी अस्पताल है. जहां बड़ी संख्या में संस्थागत प्रसव होते हैं. इनमें ट्रांसपोर्ट का जनाना अस्पताल और सांगानेरी गेट स्थित महिला अस्पताल शामिल है. बीते कुछ समय से इन अस्पतालों में भी डॉक्टर और नर्सिंगकर्मी के कोरोना पॉजिटिव आने के मामले सामने आए थे और हाल ही में जनाना अस्पताल की अधीक्षक डॉ. पुष्पा नागर भी पॉजिटिव पाई गई है.
मैटरनिटी हॉस्पिटल के हालात
राजधानी जयपुर के मैटरनिटी अस्पतालों में इलाज की बात की जाए तो अनलॉक की प्रक्रिया के बाद इन अस्पतालों में धीरे-धीरे मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है. इसके साथ ही संस्थागत प्रसव भी बढ़ने लगे हैं. जयपुर के जनाना अस्पताल की बात की जाए तो हर माह ओपीडी लगभग 3 से 4 हजार के बीच है. वहीं जनाना अस्पताल में 1200 से 1500 डिलीवरी हो रही है. सांगानेरी गेट स्थित महिला अस्पताल में भी तकरीबन 4 से 5 हजार की ओपीडी देखने को मिल रही है.
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महिला अस्पताल डेडीकेट कोविड-19 सेंटर
प्रदेश में जैसे ही कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा था. इसी दौरान सांगानेरी गेट स्थित महिला अस्पताल को डेडिकेट कोविड-19 सेंटर में तब्दील कर दिया गया था. हालांकि अब जुलाई माह में इसे कोविड-19 फ्री कर दिया गया है. लेकिन कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के डिलीवरी पर ऑपरेशन इसी अस्पताल में किए जा रहे हैं. मामले को लेकर महिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. आशा वर्मा का कहना है कि सामान्य मरीजों के साथ साथ इस अस्पताल में कोविड-19 गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी और इलाज भी किया जा रहा है.
इसे लेकर एक अलग से विंग तैयार की गई है. डॉ. आशा वर्मा ने यह भी बताया कि जयपुर के जितने भी मैटरनिटी हॉस्पिटल है. यदि वहां कोरोना पॉजिटिव महिला सामने आती है तो उसका इलाज भी सांगानेरी गेट स्थित महिला अस्पताल में किया जा रहा है. जयपुर से ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से भी कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी इसी अस्पताल में की जा रही है.
रोस्टर प्रणाली के तहत ड्यूटी
अधीक्षक डॉ. आशा वर्मा ने बताया कि बीते कुछ समय से जयपुर के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों से चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी लगातार पॉजिटिव देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में अस्पताल के अंदर बनाया गया कोविड-19 सेंटर में चिकित्सा कर्मियों की ड्यूटी रोस्टर प्रणाली के तहत लगाई जा रही है. यानी ड्यूटी के बाद चिकित्सक को 7 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है ताकि यदि कोई चिकित्सक या नर्सिंग कर्मी पॉजिटिव हो तो इसका पता लग सके. साथ ही संक्रमण को रोका जा सके. हाल ही में जनाना अस्पताल की अधीक्षक भी पॉजिटिव पाई गई है और राजधानी में अभी तक इन दोनों मैटरनिटी अस्पताल से करीब 40 से अधिक कोरोना वॉरियर्स पॉजिटिव आ चुके हैं.
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गरीब तबका पहुंचता है इलाज कराने
जनाना और सांगानेरी गेट महिला अस्पताल में आमतौर पर गरीब तबके से जुड़े लोग अपना इलाज कराने पहुंचते हैं. हालांकि कोरोना काल के दौरान अस्पतालों में बीते कुछ समय से मरीजों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है. जहां आमतौर पर इन अस्पतालों में 6 से 7 हजार ओपीडी होता था तो वहीं अब यह बढ़कर 3 से 4 हजार रह गया है. अस्पताल में इलाज करवाने आने वाली महिलाओं का कहना है कि फिलहाल इलाज कराने में उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है और ना ही चिकित्सक इलाज करने से मना कर रहे हैं. पहले की तरह अस्पताल में सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा रही है और ओपीडी एक बार फिर से शुरू हो चुकी है.