जयपुर. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की ओर से 1 सप्ताह के अंदर इलेक्ट्रिक बसें चलाने को लेकर घोषणा कर दी गई थी, लेकिन अब इलेक्ट्रिक बस चलाने को लेकर संशय लगातार बना हुआ है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि मंत्री की ओर से घोषणा तो कर दी गई, लेकिन रोडवेज प्रशासन के ओर से अभी तक इलेक्ट्रिक बसें अनुबंध पर ली गई हैं. जबकि कंपनी से अनुबंध भी हो चुका है.
बता दें कि परिवहन मंत्री ने बीते दिनों 1 सप्ताह के भीतर इलेक्ट्रिक बस चलाने की बात कही थी, लेकिन रोडवेज के ओर से अभी तक अनुबंधित बसें रोडवेज मुख्यालय में नहीं लाई गई हैं. जिसके वजह से अभी बसों को लेकर संशय लगातार बना हुआ है, लेकिन अब परिवहन मंत्री ने इससे अपना यू-टर्न भी ले लिया है.
परिवहन मंत्री ने गुरुवार को रोडवेज मुख्यालय में रोडवेज के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक ली. इस दौरान बैठक में इलेक्ट्रिक बस को लेकर भी चर्चा की गई, जिसके बाद परिवहन मंत्री मीडिया से मुखातिब हुए. वहीं, उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक बसों को 1 फरवरी से चलाना संभव नहीं है, साथ ही कहा कि कंपनी ने मार्च महीने के अंतर्गत रोडवेज को बस देने की बात कही है.
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ऐसे में मार्च महीने से पहले इलेक्ट्रिक बसों का संचालन रोडवेज के ओर से नहीं किया जा सकता है. हालांकि, परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि मेरे मन में है कि फरवरी महीने से बसों को शुरू की जाए, लेकिन अधिकारियों की मानें तो बसों का संचालन होना संभव नहीं है.
अभी तक नहीं लगे चार्जिंग स्टेशन...
परिवहन मंत्री की ओर से तो बस चलाने को लेकर वादा कर दिया गया है, लेकिन रोडवेज प्रशासन अभी तक बस स्टैंड पर चार्जिंग स्टेशन भी नहीं लगा पाई हैं. दिल्ली में बीकानेर हाउस पर एक अस्थाई चार्जिंग स्टेशन लगाया गया है. जिस पर मात्र एक बस ही चार्ज हो सकती है. इसके साथ ही बहरोड़ मिड-वे पर अभी तक किसी भी तरह का चार्जिंग स्टेशन नहीं लगाया गया है. प्राइवेट कंपनी की ओर से बहरोड़ से 10 किलोमीटर आगे एक निजी होटल में चार्जिंग स्टेशन लगाया गया है. इसके साथ ही सिंधी कैंप बस स्टैंड पर जो चार्जिंग स्टेशन लगाए गया है, वह भी अभी तक चालू नहीं किया गया है.
इन रूट पर चलाई जाएंगी इलेक्ट्रिक बसें...
- जयपुर से दिल्ली
- जयपुर से आगरा
- जयपुर से अजमेर