जयपुर. राजस्थान में रोडवेज बसों के निजीकरण का मामला एक बार फिर से गरमा गया है. रोडवेज संयुक्त मोर्चा ने रोडवेज के निजीकरण का विरोध किया तो इसके जवाब में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सामने आए. प्रताप सिंह खाचरियावास ने सफाई देते हुए कहा कि रोडवेज बस स्टैंड से कोई भी नई लोक परिवहन की बस नहीं चलेगी, जो व्यवस्था पहले से लागू है वही व्यवस्था लागू रहेगी. राजस्थान रोडवेज का भी निजीकरण नहीं होने जा रहा है. यह सब खबरें गलत हैं.
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दरअसल 2 दिन पहले परिवहन मंत्री के हवाले से यह खबरें आई थी कि राजस्थान सरकार रोडवेज बसों के निजीकरण को लेकर योजना बना रही है. इसके बाद रोडवेज और दूसरे संगठनों ने संयुक्त मोर्चा बनाकर इसका विरोध शुरू कर दिया और आंदोलन की चेतावनी दी. प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोमवार को रोडवेज के संयुक्त मोर्चा के साथ सचिवालय में बैठक की और यूनियन के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि सरकार रोडवेज का निजीकरण नहीं करने जा रही है.
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि रोडवेज राजस्थान की लाइफ लाइन है. घाटे में होने के बावजूद भी सरकार का इसको बंद करने का कोई इरादा नहीं है. सरकार बनने के साथ ही हमने यह साफ कर दिया था कि हम रोडवेज में किसी भी तरह का कोई निजीकरण नहीं करेंगे और ना ही नई लोक परिवहन बसों का परमिट जारी करेंगे. सरकार आज भी अपने उसी निर्णय पर कायम है. जो नियम पहले से बने हुए हैं उनमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा. किसी भी लोक परिवहन सेवा को रोडवेज बस स्टैंड के अंदर से चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
खाचरियावास ने कहा कि गहलोत सरकार ने रोडवेज का विस्तार करने के लिए पहले भी नई बसें खरीदी थी और अब फिर से नई बसें खरीदने की योजना बना रहे हैं. परिवहन मंत्री ने कहा कि यूनियन के लोगों की सातवें वेतनमान को लागू करने और रोडवेज कर्मचारियों की पेंशन को लेकर भी कुछ मुद्दों पर चर्चा हुई है. जल्द ही इन सब मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी और समाधान किया जाएगा.