जयपुर. कोटा के छात्रों को उत्तर प्रदेश भिजवाने के मामले में अब राजस्थान रोडवेज की ओर से मांगे गए रुपयों को लेकर प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सरकार का पक्ष रखा है. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि 2 राज्यों की रोडवेज अक्सर एक-दूसरे की सहायता लिया करती हैं और यह वही प्रक्रिया थी, जिसमें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 250 बसें आगरा और झांसी से कोटा भेजी गईं.
साथ ही मंत्री ने बताया कि आगरा से कोटा के लिए 17 अप्रैल को 150 बसें और झांसी से कोटा के लिए 100 बसें भेजी गई थीं. इन 150 बसों में कोटा से 120 लीटर डीजल हर बस में डलवाया गया. वहीं, झांसी से आई 100 बसों में 80 लीटर हर बस में डीजल डलवाया गया जो उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के कहने पर राजस्थान परिवहन निगम ने डलवाया और इस डीजल का पैसा आरटीजीएस के माध्यम से कर भी दिया गया.
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इसके बाद आगरा से आई 50 बसों में 120 लीटर प्रति बस और झांसी से कोटा आई 20 बसों में 80 लीटर प्रति बस के हिसाब से और डीजल डलवा दिया गया. इस तरह कुल 220 बसों में राजस्थान रोडवेज की ओर से यह डीजल डलवाया गया. इसके बाद उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने बस कम पड़ने पर राजस्थान रोडवेज से बसें भी मांगी. इसी भुगतान के पत्र के बाहर आने के बाद अब देश की राजनीति गरमाई हुई है.
मंत्री प्रताप सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक प्रक्रिया है जो रोडवेज अक्सर एक-दूसरे राज्यों में अपनाती है. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले पर राजनीति कर रही है जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने केवल छात्रों के लिए यह बसें भेजी थी. उत्तर प्रदेश के गरीब मजदूर को राजस्थान सरकार ही अपने पैसे खर्च करके भिजवा रही है.
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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को अब तक उत्तर प्रदेश पहुंचाने में राजस्थान रोडवेज के दो करोड़ 6 लाख खर्च हुए हैं. इस मामले पर शुक्रवार की दोपहर 11 बजे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट परिवहन मंत्री प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी सचिव जुबेर खान और धीरज गुर्जर प्रेस को संबोधित करेंगे.