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राजस्थान दिवस पर परिवहन मंत्री खाचरियावास ने दी बधाई, कहा- यहां का इतिहास देश का सिरमौर

30 मार्च को राजस्थान का स्थापना दिवस है. इसको लेकर प्रताप सिंह खाचरियावास ने राजस्थान दिवस पर प्रदेश वासियों को बधाई दी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि राजपूताना से राजस्थान बने प्रदेश का गौरवमयी इतिहास रहा है. राजस्थान एक सद्भावना का प्रतीक है. हम राजस्थान दिवस मना रहे हैं. हम सबको मिलकर इस दिन को गौरवान्वित होकर मनाना चाहिए .

Rajasthan Day 2021, जयपुर न्यूज
प्रताप सिंह खाचरियावास की राजस्थान दिवस पर बधाई
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Published : Mar 28, 2021, 10:33 AM IST

Updated : Mar 28, 2021, 10:40 AM IST

जयपुर. 30 मार्च को हम राजस्थान दिवस मनाने जा रहे हैं. राजस्थान जो कभी अलग-अलग रियासतों में बंटा हुआ था लेकिन आजादी के बाद इन रियासतों का विलय हुआ और फिर राजपूताना बना. हालांकि, आगे चलकर इसे राजस्थान के नाम से पहचाना जाने लगा. ईटीवी भारत से खास बातचीत में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रदेश वासियों को राजस्थान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

प्रताप सिंह खाचरियावास की राजस्थान दिवस पर बधाई

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है. आजादी से पूर्व राजस्थान अलग-अलग रियासतों में बंटा हुआ था. अजमेर-मेवाड़ प्रांत पर ब्रिटिश शासकों का कब्जा था. इस कारण यह तो सीधे ही स्वतंत्र भारत में आ जाती मगर शेष 19 रियासतों का विलय होना यानि एकीकरण कर 'राजस्थान' नामक प्रांत बनाया जाना था. इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके सचिव वी.पी. मेनन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी.

यह भी पढ़ें. Special: अपने आप में अलग है बीकानेरी होली, 400 साल से लोक संस्कृति की छटा बिखेर रहा रम्मत मंचन

खाचरियावास ने कहा कि राजपूताना से राजस्थान बने प्रदेश का गौरवमयी इतिहास रहा है. सात चरणों में बने राजस्थान का वर्तमान स्वरूप एक नवंबर 1956 को सामने आया. राजस्थान में ज्यादातर कांग्रेस सरकार बनी और कांग्रेस पार्टी के सी पार्टी थी. जिसने विकास की गति को तेजी से बढ़ाया देश में नहीं बल्कि राजस्थान में भी जिस तरीके से विकास हुआ, वह आज सबके सामने हैं.

प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान देश-विदेश में अपनी पहचान रखता है. यहां की पूरी संपदा और यहां की संस्कृति अपने आप में अपनी एक अलग पहचान रखती है. राजस्थान एक खूबसूरत राज्य जहां पर हर तरह का वातावरण देखने को मिलता है. यहां पर जहां एक छोर पर हरियाली की बयार बहती है तो दूसरे छोर पर रेतीले धोरे भी दिखाई देते हैं.

यह भी पढ़ें. राजस्थान दिवस पर रिहा होंगे 1200 कैदी, बीमार और वृद्ध कैदियों को मिलेगी राहत

उन्होंने कहा कि राजस्थान के हर जिले की अपनी भाषा है. बदलती भाषाओं के बाद भी राजस्थान एक सद्भावना का प्रतीक है. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि 30 मार्च को हम राजस्थान दिवस मना रहे हैं. ऐसे में पूरे प्रदेश वासियों को इस दिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई. हम सबको मिलकर इस दिन को गौरवान्वित होकर मनाना चाहिए.

जयपुर. 30 मार्च को हम राजस्थान दिवस मनाने जा रहे हैं. राजस्थान जो कभी अलग-अलग रियासतों में बंटा हुआ था लेकिन आजादी के बाद इन रियासतों का विलय हुआ और फिर राजपूताना बना. हालांकि, आगे चलकर इसे राजस्थान के नाम से पहचाना जाने लगा. ईटीवी भारत से खास बातचीत में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रदेश वासियों को राजस्थान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

प्रताप सिंह खाचरियावास की राजस्थान दिवस पर बधाई

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है. आजादी से पूर्व राजस्थान अलग-अलग रियासतों में बंटा हुआ था. अजमेर-मेवाड़ प्रांत पर ब्रिटिश शासकों का कब्जा था. इस कारण यह तो सीधे ही स्वतंत्र भारत में आ जाती मगर शेष 19 रियासतों का विलय होना यानि एकीकरण कर 'राजस्थान' नामक प्रांत बनाया जाना था. इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके सचिव वी.पी. मेनन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी.

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खाचरियावास ने कहा कि राजपूताना से राजस्थान बने प्रदेश का गौरवमयी इतिहास रहा है. सात चरणों में बने राजस्थान का वर्तमान स्वरूप एक नवंबर 1956 को सामने आया. राजस्थान में ज्यादातर कांग्रेस सरकार बनी और कांग्रेस पार्टी के सी पार्टी थी. जिसने विकास की गति को तेजी से बढ़ाया देश में नहीं बल्कि राजस्थान में भी जिस तरीके से विकास हुआ, वह आज सबके सामने हैं.

प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान देश-विदेश में अपनी पहचान रखता है. यहां की पूरी संपदा और यहां की संस्कृति अपने आप में अपनी एक अलग पहचान रखती है. राजस्थान एक खूबसूरत राज्य जहां पर हर तरह का वातावरण देखने को मिलता है. यहां पर जहां एक छोर पर हरियाली की बयार बहती है तो दूसरे छोर पर रेतीले धोरे भी दिखाई देते हैं.

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उन्होंने कहा कि राजस्थान के हर जिले की अपनी भाषा है. बदलती भाषाओं के बाद भी राजस्थान एक सद्भावना का प्रतीक है. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि 30 मार्च को हम राजस्थान दिवस मना रहे हैं. ऐसे में पूरे प्रदेश वासियों को इस दिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई. हम सबको मिलकर इस दिन को गौरवान्वित होकर मनाना चाहिए.

Last Updated : Mar 28, 2021, 10:40 AM IST
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