जयपुर. प्रदेश में कोटा, जोधपुर और जयपुर में नगर निगम चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता लगी हुई है. जिसका पालन हर किसी को करना होता है. इसमें प्रदेश के मंत्रियों पर भी यह रोक है कि वह अपने सरकारी वाहन का इस्तेमाल प्रचार में ना करें या फिर अपने सरकारी दफ्तर के अलावा कहीं और उस वाहन का इस्तेमाल ना करें.
इसके साथ ही मंत्रियों के सरकारी आवास पर भी पार्टी का कोई औपचारिक कार्यालय इस समय नहीं खुल सकता है. लेकिन आचार संहिता लगने के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सरकारी गाड़ी से पहुंचे प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने सरकारी आवास पर ही इन चुनाव के लिए जयपुर जिला कांग्रेस का कंट्रोल रूम बना दिया. जिसे लेकर अब एक बार फिर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप उन पर भाजपा लगा रही है.
हालांकि जो आदेश इसमें निकाला गया है, उसमें निवास का स्थान (एम13 खाचरियावास हाउस) दिया गया है. यह कार्यालय जयपुर जिला कांग्रेस कार्यालय के स्थान को बताया गया है. लेकिन इस कार्यालय को परिवहन मंत्री के सरकारी आवास से ही ऑपरेट किया जा रहा है. इस पर अब सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
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दरअसल, नगर निगम चुनाव को लेकर बनाए गए कंट्रोल रूम में विमल यादव को सभी व्यवस्थाएं देखने, शंकर शर्मा को कार्यालय प्रभारी, मयंका पंत को मीडिया प्रभारी, मंगल सैनी और गणेश सैनी को समस्त कानूनी व्यवस्थाएं और सलाहकार के तौर रखा गया है. इसके साथ ही समीर सुखीजा और हुकुम मीणा को कार्यालय की व्यवस्थाएं देखने के लिए लगाया गया है. लेकिन विपक्षी पार्टियों का सवाल यह है कि क्या सरकार के मंत्री इस तरीके से सरकारी आवास में क्या कंट्रोल रूम बना सकते हैं?