जयपुर. जब सड़क पर वाहन चलेंगे तो उसके धुंए से वायु प्रदूषण होगा, ऐसे में विभाग ने सड़कों पर चल रहे वाहनों से होने प्रदूषण को कम करने के लिए परिवहन विभाग वाहन के रजिस्ट्रेशन करने के समय ही ग्रीन टैक्स के रूप में वाहन मालिक से टैक्स वसूल लेता है. राजस्थान में परिवहन विभाग पिछले कई सालों से ग्रीन टैक्स के रूप में रुपए तो वसूलता है, लेकिन उन रुपयों का कहीं कोई इस्तेमाल नहीं किया जाता.
वाहन मालिकों से वसूले जाने वाले करोड़ों रुपए के इस्तेमाल के बारे में पूछे जाने पर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का कोई भी अधिकारी मीडिया के सामने बोलने को तैयार नहीं है. परिवहन विभाग से जुड़े सूत्रों के द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 5 साल में 610 करोड से ज्यादा रुपए ग्रीन टैक्स के रूप में जमा हुए है. यातायात सलाहकारों के मुताबिक डीजल से चलने वाले अलग-अलग श्रेणी के वाहनों के लिए अलग-अलग टैक्स वसूला जाता है.
जानिए किस वाहन से कितना वसूला जाता है ग्रीन टैक्स
वाहन श्रेणी ग्रीन टेक्स
5 सीट से अधिक छमता वाले वाहन (2000cc ) 7500
5 सीट तक का वाहन (2000cc से अधिक) 5000
1500से 2000cc तक के वाहन 3500
1500 cc से कम के वाहन 2500
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वहीं यातायात सलाहकार पेट्रोल राजेंद्र पटेल ने बताया कि पेट्रोल से चलने वाली सभी प्रकार के वाहन मालिकों के प्रति वाहन 1500 रुपए ग्रीन टैक्स के रूप में वसूले जाते हैं. यातायात सलाहकार राजेंद्र पटेल का कहना है कि, वाहन के रजिस्ट्रेशन के वक्त ग्रीन टैक्स के नाम से रसीद भी काटी जाती है, लेकिन रुपयों का उपयोग कैसे किया जाता है. यह कोई नहीं जानता.
उन्होंने बताया कि 2012 में जारी अधिसूचना के मुताबिक ग्रीन टैक्स के रूप में जमा होने वाली राशि में से 75 फीसदी राशि का उपयोग स्वास्थ्य शासन विभाग करेगा और शेष 25 फीसदी राशि का उपयोग परिवहन विभाग को करना है. वाहनों के चलने से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए विभाग को पेड़ पौधे लगाकर प्रदूषण को कम करने के प्रयास करने थे. वहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों के द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के मुताबिक पिछले 5 साल में 610 करोड रुपए से ज्यादा राशि ग्रीन टैक्स के रूप में जमा हुई है.
वित्तिय वर्ष ग्रीन टैक्स की जामा राशि
2014-15 55 करोड़ रुपये
2015-16 76 करोड़ 77 लाख
2016-17 1 अरब 7 करोड़ 53 लाख
2017-18 1 अरब 97 करोड़ 16 लाख
2018-19 1 अरब 73 करोड़ 52 लाख
जानकारी के अनुसार राजस्थान के आसपास के राज्यों में ग्रीन टैक्स के नाम पर वाहन मालिकों से टैक्स नहीं वसूला जाता है. यदि परिवहन विभाग राजस्थान में टैक्स जारी रखता है, तो परिवहन विभाग को ग्रीन टैक्स वसूले गए रुपयों से प्रदूषण को कम करने के लिए कार्य करना चाहिए.