जयपुर. भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी था यहां की शिक्षा के स्तर को सुधारा जाए जिसके लिए समय-समय पर कई आयोग गठित किए गए जिन्होंने देश की शिक्षा को नई दिशा दी. आजादी के समय सिर्फ 12 प्रतिशत लोग ही साक्षर हुए थे.
ये बने थे शिक्षा आयोग-
- 1948 में डॉ एस राधाकृष्ण आयोग बना
- 1952 में माध्यमिक शिक्षा आयोग
- 1964 में डॉ. डीएस कोठारी आयोग
- 2017 तक ऐसे ही 11 ओर समिति व आयोगों का गठन हुआ
भारत मे शिक्षा का स्तर-
- 14 लाख से ज्यादा स्कूल
- 850 से ज्याद कॉलेज
- 40 हजार उच्च शिक्षा संस्थान
- 74.4 प्रतिशत साक्षरता
- राजस्थान की शिक्षा का स्तर
देश मे साक्षरता के नाम पर 33 वे स्थान पर
- 22 विश्वद्यालय
- 105514 स्कूल
- 553 कॉलेज
- 66.1 प्रतिशत लोग शिक्षित
- 79.2 प्रतिशत पुरुष
- 52.1 प्रतिशत महिलाएं
भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार 74.4 प्रतिशत साक्षरता है. वहीं राजस्थान देश में साक्षरता के नाम पर 33वें स्थान पर आता हैं. देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट में इजाफा करती रही है, जो इस साल केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत की व्रद्धि करते हुए कुल 93,847 करोड़ रुपए आवंटित किए गए. वहीं प्रदेश की बात करे तो केंद्र से आवंटित बजट में राज्य को 40, 014 करोड़ मिले.
शिक्षाविद विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि देश प्रदेश मे साक्षातर का ग्राफ जरूर बढ़ा है लेकिन दैनिक उपयोग में नहीं ले पाया है. प्रदेश में बच्चियों के ड्राप आउट अनुपात चिंताजनक है, 40 प्रतिशत से ज्यादा बच्चियों का ड्राप आउट रहता है. प्रदेश में 12 हजार बालिका स्कूल को बंद कर दिया गया.