जयपुर. नगरीय निकायों में नियुक्त नगर नियोजकों से उनकी नगरीय निकायों में मास्टर प्लान, जोनल डेवलपमेंट प्लान, ड्रोन सर्वे, भू-उपयोग परिवर्तन, ले-आउट प्लान, मानचित्र अनुमोदन, उप-विभाजन संयुक्तिकरण, भू-आवंटन और अन्य तकनीकी प्रकरणों की जानकारी ली गई है.
यूडीएच सलाहकार जीएस संधू ने प्रशासन शहरों के संग अभियान को मद्देनजर रखते हुए मंगलवार को नगर नियोजकों के साथ बैठक की. जिसमें अभियान के दौरान उनकी भूमिका को स्पष्ट करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए.
2 अक्टूबर से शुरू होगा अभियान
यूडीएच सलाहकार जीएस संधू ने कहा कि 2 अक्टूबर से प्रदेश में प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू होने वाला है. जिसमें 10 लाख से ज्यादा पट्टे दिए जाएंगे.
⦁ कोविड-19 को देखते हुए इस बार अभियान ऑनलाइन संपादित होगा.
⦁ नगर नियोजकों की भूमिका अहम होगी.
⦁ पिछले अभियान की तरह ही इस बार भी नई तकनीक का प्रयोग
⦁ नई तकनीक के माध्यम से आमजन की समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा.
सभी नगर नियोजकों को दिए गए ये जरूरी दिशा-निर्देश
⦁ नियम, उपनियम, दिशा-निर्देश में संशोधन, सरलीकरण के प्रस्ताव तैयार करें.
⦁ नगर मित्रों का चयन, रजिस्ट्रेशन, प्रशिक्षण और अभियान के दौरान मार्गदर्शन दें
आमजन का लेंगे फीडबैक
प्रशासन शहरों के संग अभियान में आमजन की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वेब पोर्टल पर फीडबैक मांगा जाएगा.
बुधवार को वेब पोर्टल का लोकार्पण
बुधवार को यूडीएच मंत्री इस वेब पोर्टल का लोकार्पण करेंगे. अभियान के लोगो के लिए आमजन से डिजाइन भी आमंत्रित की गई. सर्वश्रेष्ठ लोगो डिजाइन करने वाले व्यक्ति को 20 हजा का नकद पुरस्कार मिलेगा.
ताक पर रखे जा रहे नियम
वहीं बैठक में सामने आया कि भूखंडों के नाम हस्तांतरण के मामलों में यूडीएच मंत्री की रोक के बावजूद, निकाय के अधिकारी धड़ल्ले से मौका मुआयना कर रहे हैं. इसके साथ ही 500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के प्रकरणों को भवन मानचित्र समिति की बैठक में मंजूरी के लिए भी रखा जा रहा है. जबकि राज्य सरकार ने प्रदेश में मॉडल भवन विनियम लागू कर रखे हैं. जिसके तहत 500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के प्रकरण डीपीसी की बैठक में रखना जरूरी नहीं है.