जयपुर. लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण ने देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह झकझोर कर रख दिया. इसका प्रभाव हर व्यवसाय पर पड़ा. लॉकडाउन के कारण पर्यटन उद्योग को सबसे अधिक नुकसान हुआ. जिसका सबसे अधिक असर राजस्थान में देखने को मिला है.
कोरोना काल में राजस्थान का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया. इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप में पर्यटन से जुड़े लाखों लोगों के रोजगार का साधन समाप्त हो गया. वहीं अब अनलॉक के बाद एक बार फिर प्रदेश में पर्यटन उद्योग पटरी पर लौट रहा है. जैसे-जैसे हालात सामान्य हो रहे हैं, पर्यटकों का आना शुरू हो रहा है.
बता दें कि कोरोना के चलते 18 मार्च को सभी पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया था. रिसोर्ट, होटल, रेस्टोरेंट और हाथी गांव को भी बंद कर दिया गया था. जिससे पर्यटन उद्योग को अरबों का नुकसान हुआ. अनलॉक वन में 1 जून से पर्यटन स्थलों को दोबारा से शुरू कर दिया गया था. लेकिन 30 जून तक पर्यटकों की संख्या नहीं बढ़ी. वहीं मानसून सत्र शुरू होने के बाद से अगस्त में धीरे धीरे पर्यटकों का रुझान बढ़ने लगा है.
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सरकार की ओर से पहल
वहीं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से भी प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद पर्यटन विभाग के मुख्य सचिव आलोक गुप्ता और उनकी टीम दोबारा से पर्यटन को अपने पैरों पर खड़े करने की तैयारी में जुट गई है. प्रदेश में नई पर्यटन नीति को भी लागू कर दिया गया है. इसके साथ ही प्रदेश में 1 सितंबर के पर्यटन सत्र भी शुरू किया गया है.
आमेर किले में पहुंच रहे सैलानी
प्रदेश में एक बार फिर पर्यटन उद्योग पटरी पर लौट रहा है. इसके साथ ही राजधानी के आमेर किले में भी सैलानी नजर आने लगे हैं. लगभग 5 महीने से सुने पड़ा आमेर किला और महल एक दोबारा गुलजार नजर आ रहा है. पर्यटन विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार राजधानी जयपुर के पर्यटन स्थलोंं में अक्टूबर महीने में 85 हजार 390 पर्यटक आए, जो एक सकारात्मक खबर है. वहीं बढ़ती पर्यटकों की संख्या को देखते हुए उम्मीद यही है, कि अब सर्दियों के मौसम में सैलानियों की संख्या बढ़कर लाखों में पहुंच जाएगी.
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क्या कहते हैं आंकड़े...
पर्यटन और पुरातत्व विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष मई से लेकर अक्टूबर महीने की तुलान में इस वर्ष पर्यटक एक चौथाई से भी कम हैं. पिछले साल जहां मई से अक्टूबर तक 6 लाख 70 हजार से अधिक सैलानी प्रदेश में भ्रमण और पर्यटन के लिए आए थे, वहीं इस साल मात्र 1 लाख 14 हजार से कुछ अधिक सैलानी पर्यटन के लिए पहुंचे हैं. हालांकि सितंबर और अक्टूबर माह के आंकड़े थोड़े राहत देने वाले हैं. अक्टूबर में पर्यटकों की संख्या करीब 85 हजार रही.
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पर्यटन से जुड़े लोगों को राहत
लॉकडाउन के कारण पर्यटन स्थलों के बंद होने पर इसका सबसे अधिक असर इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों पर हुआ. जिनमें टूरिस्ट गाइड, पर्यटन स्थलों पर दुकान लगाने वाले, घुम घुम कर सामान बेचने वाले और इसी तरह के अन्य व्यवसाई शामिल हैं. जो अपनी रोजी रोटी के लिए पर्यटकों पर पूर्ण रूप से आश्रित थे. वहीं एक बार फिर पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ने से इन्हें राहत मिली हैं. एक बार फिर इन्हें रोजगार मिलने लगा है.
अधिकारियों को यह उम्मीद
आने वाली सर्दियों में पर्यटन व्यवसाय को और अधिक बल मिलने की संभावना है. इसके साथ ही नए साल में भी देश के कई हिस्सों से लोग प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में लोग घुमने आते हैं. जैसलमेर में भी काफी बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं. ऐसे में पर्यटन विभाग से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि, आने वाले कुछ महीनों में पर्यटन उद्योग एक बार फिर पटरियों पर लौट रहा है. एक बार फिर पर्यटन का ढांचा मजबूत हो सकेगा.
अब अंतरराष्ट्रीय यात्रा शुरू होने का इंतजार
राजस्थान में देशी पर्यटकों के साथ साथ हर साल लाखों की संख्या में विदेशी सैलानी भी घुमने आते हैं. लेकिन कोरोना काल में सभी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर रोक लगा दिया गया है. जिस कारण फिलहाल विदेशी पर्यटक प्रदेश में नहीं आ रहे हैं. ऐसे में टूरिस्ट गाइड महेश शर्मा का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा शुरू होने पर्यटन स्थलों की रौनक और अधिक बढ़ेगी. साथ ही इससे पर्यटन व्यवसाय को अधिक लाभ होगा.
ऐसे में आने वाले दिनों में एक बार फिर प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय बढ़ने की संभावना है. जिससे पर्यटन स जुड़े लोगों को राहत मिलेगी. वहीं अंतरराष्ट्रीय यात्रा शुरू होते ही विदेशी पर्यटक आने लगेंगे और पर्यटन व्यवसाय को और मजबूती मिलेगी.