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जयपुरः नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में निकाला गया मशाल जुलूस - मशाल जुलूस

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर लगातार विरोध हो रहा है. अलग अलग संगठन अलग-अलग तरीकों से इसका विरोध जता रहे हैं. जयपुर में गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में एक मशाल जुलूस निकाला गया.

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एनआरसी के विरोध में निकाला गया मशाल जुलूस
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Published : Dec 26, 2019, 11:28 PM IST

जयपुर. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ हो रहे विरोध के क्रम में गुरुवार को मशाल जुलूस निकाला गया. मशाल जुलूस में काफी संख्या में युवा भी शामिल हुए. यह मशाल जुलूस विधायकपुरी से शुरू हुआ और अलग-अलग रास्तों से होता हुआ एमआई रोड स्थित शहीद स्मारक पर पहुंचा.

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में निकाला गया मशाल जुलूस

पढ़ेंः सीकरः नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में निकाली गई तिरंगा यात्रा

बता दें कि यहां लोगों ने हमें चाहिए आजादी के नारे लागाये और नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. जुलूस के दौरान युवाओं ने अपने हाथों में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में नारे लिखी हुई तख्तियां भी ली हुई थी.

पढ़ेंः डूंगरपुरः सागवाड़ा में रैली निकालकर नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन

वहीं समाजसेवी कविता श्रीवास्तव ने बताया कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के खिलाफ है. हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं और इसके लिए मशाल जुलूस निकाला गया. उन्होंने कहा कि अगले 4 दिन एक महिलाओं की राष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है और इसमें अलग-अलग राज्यों से करीब 1000 महिलाएं भाग लेगी. संविधान के मूल्य स्थापित करने, हिंसा को खत्म करने के लिए इसका आयोजन किया जा रहा है. सीएए हमारे विधान पर हमला है, धर्म के आधार पर नागरिकता देना इस देश में नहीं चल सकता.

जयपुर. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ हो रहे विरोध के क्रम में गुरुवार को मशाल जुलूस निकाला गया. मशाल जुलूस में काफी संख्या में युवा भी शामिल हुए. यह मशाल जुलूस विधायकपुरी से शुरू हुआ और अलग-अलग रास्तों से होता हुआ एमआई रोड स्थित शहीद स्मारक पर पहुंचा.

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में निकाला गया मशाल जुलूस

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बता दें कि यहां लोगों ने हमें चाहिए आजादी के नारे लागाये और नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. जुलूस के दौरान युवाओं ने अपने हाथों में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में नारे लिखी हुई तख्तियां भी ली हुई थी.

पढ़ेंः डूंगरपुरः सागवाड़ा में रैली निकालकर नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन

वहीं समाजसेवी कविता श्रीवास्तव ने बताया कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के खिलाफ है. हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं और इसके लिए मशाल जुलूस निकाला गया. उन्होंने कहा कि अगले 4 दिन एक महिलाओं की राष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है और इसमें अलग-अलग राज्यों से करीब 1000 महिलाएं भाग लेगी. संविधान के मूल्य स्थापित करने, हिंसा को खत्म करने के लिए इसका आयोजन किया जा रहा है. सीएए हमारे विधान पर हमला है, धर्म के आधार पर नागरिकता देना इस देश में नहीं चल सकता.

Intro:जयपुर। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर लगातार विरोध हो रहा है। अलग अलग संगठन अलग-अलग तरीकों से इसका विरोध जता रहे हैं। जयपुर में गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में एक मशाल जुलूस निकाला गया। यह मशाल जुलूस शहीद स्मारक पर पहुंचकर खत्म हुआ। यहां मशाल जुलूस में शामिल लोगों ने 'हमे चाहिए आजादी' के नारे लगाये।


Body:नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ हो रहे विरोध के क्रम में गुरुवार को मशाल जुलूस निकाला गया। मशाल जुलूस में काफी संख्या में युवा भी शामिल हुए। यह मशाल जुलूस विधायकपुरी से शुरू हुआ और अलग-अलग रास्तों से होता हुआ एमआई रोड स्थित शहीद स्मारक पर पहुंचा। यहां लोगो ने हमें चाहिए आजादी के नारे लागाये और नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। जुलूस के दौरान युवाओं ने अपने हाथों में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में नारे लिखी हुई तख्तियां भी ली हुई थी।
समाजसेवी कविता श्रीवास्तव ने बताया कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान के खिलाफ है। हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं और आज उसके लिए मशाल जुलूस निकाला गया। उन्होंने कहा कि अगले 4 दिन एक महिलाओं की राष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है और इसमें अलग-अलग राज्यों से करीब 1000 महिलाएं भाग लेगी। संविधान के मूल्य स्थापित करने, हिंसा को खत्म करने के लिए इसका आयोजन किया जा रहा है। सीएए हमारे विधान पर हमला है, धर्म के आधार पर नागरिकता देना इस देश में नहीं चल सकता। कविता श्रीवास्तव ने कहा कि इस मशाल जुलूस के जरिए लोगों को इस कांफ्रेंस के लिए आमंत्रण भी दिया गया है। इस अवसर पर समाजसेवी निशा सिद्धू सहित कई लोग मौजूद थे।

बाईट कविता श्रीवास्तव, समाजसेवी


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