जयपुर. देश में चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन ही बुधवार को रामनवमी का भी पर्व मनाया जा रहा है, जो कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने जन्म लिया था. बुराई पर अच्छाई के प्रतीक श्रीराम के पर्व का हिंदू धर्म में खास महत्व होता है, जिसे श्रीराम के अवतरण दिवस के तौर पर देखा जाता है, लेकिन एक ओर कोरोना संक्रमण के चलते लगे कर्फ्यू में आज के दिन शोभायात्राएं नहीं निकाली जाएंगी, सिर्फ मंदिरों में बिना भक्तों के श्रीराम भगवान की विधिवत रूप से पूजा होगी.
ऐसी मान्यता है कि रामनवमी पर भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम की विधि पूर्वक पूजा करने पर भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों का निवारण होता है. रामनवमी पर भगवान श्रीराम की आराधना का सबसे उत्तम दिन है, ऐसे में आज शुभ मुहूर्त सुबह 11.38 बजे से 1.58 बजे उनकी विधि-विधान से पूजा करें. आज का दिन अबूझ दिन होता है और इस दिन नवगृह में प्रवेश से लेकर शादी-ब्याह भी कर सकते हैं. इस दिन रामनवमी के स्वयं सिद्ध मुहूर्त में खरीदारी करना भी सिद्धि दायक रहेगा. इसलिए रामनवमी पर सोना-चांदी, भूमि, भवन, वाहन की खरीददारी स्थाई समृद्धि प्रदान करने वाली मानी गई है.
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दरअसल, 9 वर्षों के बाद आज के दिन पांच ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है, जो शुभता में वृद्धि कारक है. श्रीराम भगवान का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में था और संयोगवश इस दिन दशम भाव में सूर्य, बुध, शुक्र है और दिन बुधवार है. अश्लेषा नक्षत्र, लग्न में स्वग्रही चंद्रमा, सप्तम भाव में स्वग्रही शनि है. ऐसे में ग्रहों की यह युति आज दिन को मंगलकारी बनाएगी, जबकि इससे 2013 में ऐसा शुभ संयोग देंखने को मिला था. यह संयोग इस पर्व की शुभता में कई गुना वृद्धि करेगा. शास्त्रों के अनुसार स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त होने से इस दिन जो भी काम किया जाता है वह सिद्धि दायक रहेगा.