जयपुर. ऊनी और गर्म कपड़ों का व्यापार करने वाले तिब्बती शरणार्थियों को हाउसिंग बोर्ड ने 12 साल से बंद पड़े झूलेलाल मार्केट में 266 दुकानें उपलब्ध कराई हैं. ये दुकानें वर्ष 2014 की आरक्षित स्थिर दर पर पांच वर्ष की मासिक किस्त पर उपलब्ध कराई गई हैं.
बीते 40 सालों से तिब्बती शरणार्थी ऊनी और गर्म कपड़ों के व्यापार के लिए जयपुर आ रहे हैं. लेकिन यहां व्यापार के लिए उन्हें कोई स्थान विशेष आवंटित नहीं होने से खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अब हाउसिंग बोर्ड मानसरोवर आवासीय योजना में झूलेलाल मार्केट में बनी दुकानों को उन्हें उपलब्ध कराया गया है. झूलेलाल मार्केट में 266 दुकानों को तिब्बती रिफ्यूजी होजरी रेडीमेड सेलर यूनियन के सदस्यों को उपलब्ध कराया गया है.
इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्वर पवन अरोड़ा ने बताया कि ये दुकानें साल 2014-15 की आरक्षित 5 साल की मासिक किस्तों पर लॉटरी के जरिए उपलब्ध कराई गई हैं. इन दुकानों के आवंटन से तिब्बती व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है. पहले तिब्बती मार्केट खुले स्थानों में लगता था, लेकिन तिब्बती शरणार्थियों से समझाइश के बाद उन्हें 12 साल से बंद पड़े झूलेलाल मार्केट में दुकानें दी.
तिब्बती परिवारों ने वहां काम शुरू कर दिया है. अरोड़ा ने बताया कि तिब्बती शरणार्थियों ने जब वहां दुकानें लीं तो आसपास के लोगों ने भी रुचि दिखाते हुए बची हुई दुकानों के लिए आवेदन किए जिन्हें आवंटित कर दिया गया है. उन्होंने बताया अब एक ही जगह पर सभी तरह की सामग्री उपलब्ध हो जाएगी. बहरहाल, हाउसिंग बोर्ड के इस फैसले से करीब 12 साल से मंडल की अनुपयोगी संपत्ति का उपयोग हो जाएगा. वहीं तिब्बती व्यापारियों को भी अपने व्यापार के लिए एक निश्चित स्थान मिल जाएगा.