जयपुर. गुलाबी नगर के गजल प्रेमियों के लिए मंगलवार की शाम बेहद खास हो गई. मौका था जवाहर कला केंद्र में प्रसिद्ध गजल गायक मोहम्मद वकील की गायकी से सजे 'गजल का सफर' कार्यक्रम का. जेकेके द्वारा आयोजित तीन दिवसीय म्यूजिक फेस्टिवल 'सुर-ताल' के पहले दिन यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.
कार्यक्रम में मोहम्मद वकील ने अपनी मखमली आवाज में बेगम अख्तर, फरीदा खानम, मेहदी हसन, जगजीत सिंह, गुलाम अली की गजलों से समां बांधा. साथ ही अपनी गजलें पेश कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया. उनके द्वारा संजीदगी और तरन्नुम के साथ पेश की गई गजलों की खनक लोगों के कानों में देर तक गूंजती रही. बता दें मोहम्मद वकील प्रसिद्ध रियलिटी शो ‘सा रे गा मा पा‘ सिगिंग रियलिटी शो के मेगा फाईनल विनर भी रह चुकें हैं.
गजल गायकी का गुलदस्ता पेश करते हुए मोहम्मद वकील ने अत्यधिक प्रसिद्ध गजलें जैसे 'ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया' (बेगम अख्तर), 'रंजिश ही सही' (मेहदी हसन), 'आज जाने की जिद ना करो' (फरीदा खानम), 'सरकती जाए है रूख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता' (जगजीत सिंह), 'हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह' (गुलाम अली) और अपनी गायी गई गजल 'ये कसक दिल की दिल में चुभी रह गई' पेश कर सभी की दाद बटोरी.
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बदलते गजल के सफर पर चर्चा-
कार्यक्रम के दौरान संगीतप्रेमियों को लगभग गत 100 वर्षों में गजल गायकी के बदलते मिजाज से रूबरू करवाया गया. गजलों के 'खास' से 'आमजन' तक पहुंचने के सफर की जानकारी देते हुए बेगम अख्तर, मेहदी हसन, गुलाम अली, जगजीत सिंह, भुपेन्द्र, पंकज उधास, जैसे प्रसिद्ध गजल गायकों के योगदान पर प्रकाश डाला गया. साथ ही इनके द्वारा गायी गई गजलों को पेश किया.
कार्यक्रम के दौरान संगत करने वाले कलाकारों में पंडित हरिहर शरण भट्ट (सितार), निजाम खान (गिटार), गुलजार हुसैन (वायलिन), अशफाक (की-बोर्ड) और मिराज हुसैन (तबला) शामिल रहे. बता दें कि मोहम्मद वकील को अभिनव कला परिषद, पठानकोट के ओर से 'आरडी बर्मन पंचम सम्मान' और राजस्थान सरकार के ओर से 'राजस्थान संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार 2001' जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. ये 'वीरजारा' जैसी अनेक बॉलीवुड फिल्मों में भी प्रस्तुति दे चुकें है.