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OMG! तीन बड़े कारोबारी समूह की 1,400 करोड़ की अघोषित आय उजागर, व्यवसायी के घर पर मिली सुरंग

राजधानी जयपुर में तीन बड़े समूह पर आयकर विभाग ने छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया है. विभाग की छापामार कार्रवाई के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. विभाग ने सिल्वर आर्ट ग्रुप, चोरडिया ग्रुप और गोकुल कृपा ग्रुप पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया है. दो दिन से लगातार आयकर विभाग की कार्रवाई जारी है. विभाग की छापेमारी कार्रवाई के दौरान तीनों समूह के ठिकानों पर करीब 1,400 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा हुआ है.

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अघोषित आय का हुआ खुलासा
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Published : Jan 22, 2021, 9:57 AM IST

जयपुर. आयकर विभाग ने तीन कारोबारी समूह के 28 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की है. विभाग की छापामार कार्रवाई के दौरान सामने आया है कि कारोबारियों ने सुरंग में छुपाकर करोड़ों रुपए की ज्वेलरी और अन्य सामान समेत संपत्ति के दस्तावेजों को छुपा रखा था. ज्वेलरी व्यवसायी के घर पर सुरंग मिली है, जिसमें 15 बोरे आर्ट ज्वेलरी, एंटीक सामान और लेन-देन समेत अन्य संपत्तियों के दस्तावेज सुरंग में छुपाए हुए मिले हैं.

ज्वेलरी व्यवसाय के करीब 525 करोड़ की अघोषित लेन-देन का हिसाब किताब मिला है. वहीं सवा सौ करोड़ रुपए का ऋण बाजार में देकर ब्याज के रूप में बड़ा मुनाफा कमाने का भी खुलासा हुआ है. छापामार कार्रवाई के दौरान सिल्वर आर्ट ग्रुप के 525 करोड़ रुपए के अघोषित लेन-देन उजागर हुए हैं. सिल्वर आर्ट ग्रुप कीमती पत्थरों, आभूषणों, प्राचीन वस्तुओं और हस्तशिल्प कालीन वस्त्र का व्यवसाय करता है. ज्वेलर्स के ढेर में मिली गुफा के अंदर सोने और चांदी के आभूषण, एंटीक सामान, आर्ट ज्वेलरी के अलावा बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं. गुफा से दो हार्ड डिक्स और पेन ड्राइव भी मिले हैं, जिनमें काफी वस्तुओं का विवरण पाया गया है. आयकर विभाग की टीम जांच पड़ताल के दौरान गुफा तक पहुंच गई तो सारा खुलासा हो गया. करीब 122 करोड़ रुपए के नकद ऋण और लेन-देन के हिसाब भी मिले हैं.

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वहीं बिल्डर के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान अघोषित संपत्तियों का हिसाब मिला है. हिसाब की रसीदें, अघोषित संपत्तियों की डिटेल और नकद ऋण समेत अन्य लेन-देन का रिकॉर्ड बरामद हुआ है. बिल्डर और कॉलोनाइजर पर मिले हिसाब-किताब का लेन-देन करीब 650 करोड़ रुपए आंका जा रहा है. तीसरे ग्रुप गोकुल कृपा के ठिकानों पर भी करोड़ों का अघोषित हिसाब मिला है. बिल्डर के फॉर्म हाउस टाउनशिप और आवासीय एंक्लेव डेवलपमेंट से संबंधित कई हिसाब मिले हैं. बिल्डर समूह ने एयरपोर्ट प्लॉजा में एक रियल स्टेट परियोजना को भी संभाला था. दस्तावेजों में एक करोड़ का लेन-देन दिखाया गया था, जबकि बैलेंस शीट में 133 करोड़ रुपए का लेन-देन सामने आया है.

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बता दें कि ज्वेलर्स घर की दीवार में ही गुफा बनाकर करोड़ों रुपए की अघोषित आय को छुपा रखा था. विभाग के अधिकारियों को संदेह होने पर दीवार के अंदर गुफा में देखा गया तो इस दौरान अनेक दस्तावेज और कई कीमती सामान बरामद हुए. विभाग को बेनामी निवेश से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं. कारोबारियों के बैंक लॉकर्स समेत अन्य दस्तावेजों की भी जांच पड़ताल की जा रही है. जयपुर शहर समेत 28 ठिकानों पर कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. गोकुल कृपा ग्रुप, सिल्वर एंड आर्ट ग्रुप और चोरडिया ग्रुप के ठिकानों पर करोड़ों रुपए की अघोषित आय के सबूत मिले हैं. फिलहाल, आयकर विभाग की टीमें जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

जयपुर. आयकर विभाग ने तीन कारोबारी समूह के 28 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की है. विभाग की छापामार कार्रवाई के दौरान सामने आया है कि कारोबारियों ने सुरंग में छुपाकर करोड़ों रुपए की ज्वेलरी और अन्य सामान समेत संपत्ति के दस्तावेजों को छुपा रखा था. ज्वेलरी व्यवसायी के घर पर सुरंग मिली है, जिसमें 15 बोरे आर्ट ज्वेलरी, एंटीक सामान और लेन-देन समेत अन्य संपत्तियों के दस्तावेज सुरंग में छुपाए हुए मिले हैं.

ज्वेलरी व्यवसाय के करीब 525 करोड़ की अघोषित लेन-देन का हिसाब किताब मिला है. वहीं सवा सौ करोड़ रुपए का ऋण बाजार में देकर ब्याज के रूप में बड़ा मुनाफा कमाने का भी खुलासा हुआ है. छापामार कार्रवाई के दौरान सिल्वर आर्ट ग्रुप के 525 करोड़ रुपए के अघोषित लेन-देन उजागर हुए हैं. सिल्वर आर्ट ग्रुप कीमती पत्थरों, आभूषणों, प्राचीन वस्तुओं और हस्तशिल्प कालीन वस्त्र का व्यवसाय करता है. ज्वेलर्स के ढेर में मिली गुफा के अंदर सोने और चांदी के आभूषण, एंटीक सामान, आर्ट ज्वेलरी के अलावा बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं. गुफा से दो हार्ड डिक्स और पेन ड्राइव भी मिले हैं, जिनमें काफी वस्तुओं का विवरण पाया गया है. आयकर विभाग की टीम जांच पड़ताल के दौरान गुफा तक पहुंच गई तो सारा खुलासा हो गया. करीब 122 करोड़ रुपए के नकद ऋण और लेन-देन के हिसाब भी मिले हैं.

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वहीं बिल्डर के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान अघोषित संपत्तियों का हिसाब मिला है. हिसाब की रसीदें, अघोषित संपत्तियों की डिटेल और नकद ऋण समेत अन्य लेन-देन का रिकॉर्ड बरामद हुआ है. बिल्डर और कॉलोनाइजर पर मिले हिसाब-किताब का लेन-देन करीब 650 करोड़ रुपए आंका जा रहा है. तीसरे ग्रुप गोकुल कृपा के ठिकानों पर भी करोड़ों का अघोषित हिसाब मिला है. बिल्डर के फॉर्म हाउस टाउनशिप और आवासीय एंक्लेव डेवलपमेंट से संबंधित कई हिसाब मिले हैं. बिल्डर समूह ने एयरपोर्ट प्लॉजा में एक रियल स्टेट परियोजना को भी संभाला था. दस्तावेजों में एक करोड़ का लेन-देन दिखाया गया था, जबकि बैलेंस शीट में 133 करोड़ रुपए का लेन-देन सामने आया है.

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बता दें कि ज्वेलर्स घर की दीवार में ही गुफा बनाकर करोड़ों रुपए की अघोषित आय को छुपा रखा था. विभाग के अधिकारियों को संदेह होने पर दीवार के अंदर गुफा में देखा गया तो इस दौरान अनेक दस्तावेज और कई कीमती सामान बरामद हुए. विभाग को बेनामी निवेश से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं. कारोबारियों के बैंक लॉकर्स समेत अन्य दस्तावेजों की भी जांच पड़ताल की जा रही है. जयपुर शहर समेत 28 ठिकानों पर कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. गोकुल कृपा ग्रुप, सिल्वर एंड आर्ट ग्रुप और चोरडिया ग्रुप के ठिकानों पर करोड़ों रुपए की अघोषित आय के सबूत मिले हैं. फिलहाल, आयकर विभाग की टीमें जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

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