जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सात जिलों में रविवार को हुई आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं के प्रत्येक घायल को 2 लाख रूपए की सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में आपदा प्रबंधन नॉर्म्स एसडीआरएफ के तहत घायलों को देय सहायता राशि अपर्याप्त है. इसलिए वर्तमान में देय सहायता राशि से 2 लाख रूपये के बीच की अन्तर राशि का भुगतान मुख्यमंत्री सहायता कोष से किया जाए.
सीएम गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मानसून की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर और एसपी आवश्यक रूप से संवेदनशील होकर तुरंत मौके पर पहुंच कर राहत कार्यों का संचालन करें.
वरिष्ठ अधिकारियों के मौके पर रहने से राहत कार्यों का संचालन प्रभावी तरीके से होता है और राहत कार्य में लगे कार्मिकों एवं आमजन का हौसला बना रहता है. इस संबंध में अधिकारियों के लापरवाही करने पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश प्रदान किए. उन्होंने कहा कि इन आदेशों की प्रभावी पालना सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव दिशा-निर्देश जारी करें.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, तूफान, बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में मौसम विभाग को अधिक विश्लेषणात्मक एवं सटीक पूर्वानुमान के साथ चेतावनी जारी करनी चाहिए. साथ ही पूर्वानुमान की जानकारी तथा चेतावनी की सूचना समय पर राज्य सरकार के संबंधित विभागों के साथ-साथ आमजन को दी जाए. इससे संबंधित विभागों को राहत कार्यों के लिए आवश्यक तैयारियां करने में सहूलियत होगी.
उन्होंने मुख्य सचिव को आपदा राहत कार्यों के लिए जरूरत पड़ने पर सेना, वायु सेना सहित केन्द्रीय बलों के साथ प्रभावी समन्वय करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ के तहत राहत और बचाव कार्यों के लिए आवश्यक संसाधनों तथा उपकरणों की जल्द खरीद की जाए. ताकि आपदा के समय संसाधनों की कोई कमी नहीं रहे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिविल डिफेंस को मजबूत करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. क्योंकि विभिन्न आपदा राहत कार्यों के संचालन के लिए सक्षम एवं कुशल कार्यबल की आवश्यकता होती है.