जयपुर. देश के साथ गद्दारी करने वाले पाकिस्तान के जासूसों को राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट की स्टेट स्पेशल ब्रांच गिरफ्तार करती है. ऐसे व्यक्ति जो देश के साथ गद्दारी करते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट का काम करते हैं. उन्हें चिन्हित कर उन पर निगरानी रखना और उनके खिलाफ सख्त सबूत जुटाने के बाद ही इंटेलिजेंस यूनिट की स्टेट स्पेशल ब्रांच पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार करती है. देखिये यह खास रिपोर्ट...
ऐसे देशद्रोहियों को दबोचने के लिए बकायदा राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस विंग की ओर से अन्य सुरक्षा एजेंसियों से भी मदद ली जाती है. राजस्थान में गिरफ्तार हुए पाक जासूसों के बारे में अधिकतर जानकारी मिलिट्री की इंटेलिजेंस शाखा की ओर से ही राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस विंग को दी जाती है.
राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस विंग की स्टेट स्पेशल ब्रांच की ओर से पिछले 2 वर्षों में 11 पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार किए गए हैं. गिरफ्त में आए जासूसों में सेना के जवान, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज के कर्मचारी और सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोग शामिल हैं. पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार करने के बाद उनसे पूछताछ में जो खुलासे होते हैं, उसके आधार पर प्रकरण में जांच को आगे बढ़ाया जाता है.
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इसके साथ ही जासूसी के प्रकरणों में और कितने लोग लिंक हैं उसके जानकारी जुटाई जाती है. पुलिस मुख्यालय की स्टेट स्पेशल ब्रांच के डीएसपी हरिचरण मीणा ने बताया कि पाक जासूस की ओर से भारतीय सेना से जुड़ी हुई सामरिक महत्व की सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तक पहुंचाई जाती है.
हनीट्रैप का शिकार कर बनाए जाते हैं जासूस
जासूसों को गिरफ्तार करने वाली स्टेट स्पेशल ब्रांच के जांच अधिकारी डीएसपी हरिचरण मीणा ने बताया कि भारतीय सेना के जवान और अन्य लोगों को हनीट्रैप के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपने जाल में फंसाती हैं. इसके लिए बकायदा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने महिलाओं की स्पेशल विंग बनाई है. जो विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से उन लोगों को अपना निशाना बनाती हैं जिनसे भारतीय सेना से जुड़ी हुई सामरिक महत्व की सूचनाएं उन्हें हासिल करनी होती हैं.
हनीट्रैप के जाल में फंसाने के बाद भारतीय सेना से जुड़ी हुई सामरिक महत्व की सूचनाएं भेजने वाले पाक जासूस को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की ओर से धनराशि भी उपलब्ध करवाई जाती है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी धनराशि सीधा पाक जासूस के बैंक खाते में जमा न कराकर उनके रिश्तेदारों या दोस्तों के खाते में जमा कराती है.
व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए भेजी जाती हैं सूचनाएं
डीएसपी हरिचरण मीणा ने बताया कि जितने भी पाक जासूस गिरफ्तार किए गए हैं. उनके जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी तक भारतीय सेना से जुड़ी हुई जितनी भी सामरिक महत्व की सूचनाएं भेजी गई हैं वह तमाम सूचनाएं व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए भेजा जाना पाया गया है. पाक जासूस व्हाट्सएप कॉल और फेसबुक मैसेंजर के जरिए सेना से जुड़ी हुई सामरिक महत्व की सूचनाएं, जिनमें फोटो, नक्शे और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल हैं, उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ साझा करते हैं.
पुलिस मुख्यालय की इंटेलिजेंस विंग की तकनीकी शाखा ऐसे तमाम सोशल मीडिया अकाउंट पर निगरानी रखती है. ऐसे अकाउंट को वेरीफाई करने के बाद उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है जो देश के साथ गद्दारी कर रहा है. ऐसे व्यक्ति पर टेक्निकल सर्विलांस के जरिए लगातार निगरानी रखी जाती है और बिना देरी किए पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले गद्दार को दबोचा जाता है.
राजस्थान से गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी जासूसों का विवरण
वर्ष 2019
वर्ष 2020
वर्ष 2021