जयपुर. राज्य बजट में ऊर्जा क्षेत्र में भी कई सौगातें मुख्यमंत्री ने अपने बजट पिटारे से निकाली हैं. खासतौर पर प्रदेश के 13 लाख किसान बिजली उपभोक्ताओं को अब 12 हजार रुपये सालाना सब्सिडी मिलेगी. पिछली वसुंधरा सरकार की डीपीटी योजना को बन्द करते हुए अब उड़ीसा सरकार की स्कीम की तर्ज पर बिल मीटरिंग के जरिए सब्सिडी देने की घोषणा की है.
नई व्यवस्था के तहत अधिकतर उन किसानों के बिजली के बिल 0 हो जाएंगे. जिन्हें सालाना 12000 रुपए तक चुकाने पड़ रहे थे. हालांकि जिन के मीटर सही होंगे उन्हें ही इस योजना का लाभ मिल पाएगा. बताया जा रहा है कि इससे सरकार पर 1450 करोड रुपए का सालाना आर्थिक भार भी आएगा.
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नई व्यवस्था से न केवल सरकार ने किसानों को खुश करने का प्रयास किया है. बल्कि पिछली भाजपा सरकार की योजना को भी इसके जरिए बंद कर दिया गया. जिसमें बिजली बिल में 833 रुपए प्रति माह या सालाना अधिकतम 10000 तक की सब्सिडी दी गई थी. हालांकि प्रदेश की गहलोत सरकार ने पिछले डेढ़ साल से इस योजना पर अघोषित रोक लगा रखी थी. सरकार इसके अलावा 4.65 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी दे रही है. कृषि उपभोक्ताओं को केवल 90 पैसे प्रति यूनिट ही देना होता है और बिजली का बिल भी इसी आधार पर भेजा जाता है.
प्रदेश बजट में ऊर्जा के क्षेत्र में ये भी की गई घोषणाएं
- प्रदेश में बनाई जाएगी नई कृषि विद्युत वितरण कंपनी
- ऊर्जा नीति 2021-2050 की जाएगी घोषित
- राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम द्वारा 6.3 गीगावॉट प्रसारण क्षमता का ग्रीन कोरिडोर बनाए जाने की घोषणा
- 50000 किसानों को सोलर पंप और अन्य 50000 किसानों को कृषि विद्युत कनेक्शन किए जाएंगे जारी
- किसानों को बिजली हेतु सब्सिडी, 16000 करोड रुपए से अधिक का किया प्रावधान