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Rajasthan Solar Energy Challenges : सौर ऊर्जा में सिरमौर राजस्थान में सोलर प्लांट क्षमता 30 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य लेकिन ये चुनौतियां हैं कायम...

सौर ऊर्जा में सिरमौर राजस्थान (Solar Energy in Rajasthan) में साल 2025 तक सोलर प्लांट क्षमता 30 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य है लेकिन कुछ चुनौतियां है, जिनसे निपटने पर ही राजस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है.

Solar Energy in Rajasthan, Jaipur latest news
राजस्थान सौर ऊर्जा चुनौतियां
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Published : Jan 2, 2022, 4:48 PM IST

जयपुर. साल 2023 की शुरुआत में भी राजस्थान के पास सौर ऊर्जा में सिरमौर रहने का ताज बरकरार है. आलम यह है कि अब यहां प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल से रोजाना 5.72 यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता पहुंच गई है. जिसके चलते सरकार ने भी साल 2025 तक सोलर प्लांट की क्षमता बढ़ाकर 30 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य तय कर दिया है. हालांकि सौर ऊर्जा में सिरमौर होने के बावजूद राजस्थान अब तक ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं बन पाया (solar plants in Rajasthan) है.

सौर में पहले, रूफटॉप में तीसरे और विंड ऊर्जा में 5वें नंबर पर है राजस्थान

अक्षय ऊर्जा के मामले में राजस्थान देश भर में अन्य राज्यों के लिए मिसाल है. सोलर ऊर्जा में देश के राज्यों में राजस्थान पहले नंबर पर है. जहां 9500 मेगावाट उत्पादन क्षमता के प्लांट लग चुके हैं. जबकि दूसरे नंबर पर कर्नाटक और तीसरे नंबर पर गुजरात है. इसी तरह रूफटॉप सौर ऊर्जा उत्पादन में राजस्थान गुजरात और कर्नाटक के बाद तीसरे नंबर पर आता है.

यह भी पढ़ें. Omicron हुआ बेलगाम : सख्ती की तैयारी में गहलोत सरकार, 3 जनवरी से लग सकती हैं यह पाबंदियां !

प्रदेश में रूफटॉप के जरिए 612 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. इसी तरह विंड के जरिए ऊर्जा उत्पादन में राजस्थान देश में पांचवे नंबर पर है. राजस्थान में 925 मेगावाट का दूसरा बड़ा सोलर प्लांट लगाने का काम नोखा में चल रहा है. राजस्थान में कुल मिलाकर 13369 मेगावाट के अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं जबकि 33996 मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है.

सौर ऊर्जा में सिरमौर लेकिन नए साल 2022 में इन चुनौतियों से होगा निपटना

  • लगातार बढ़ते बिजली वितरण कंपनियों के घाटे की है चुनौती करीब 90 हजार करोड़ का है डिस्कॉम का घाटा
  • महंगी बिजली और कोयले के लगातार बढ़ते दाम के बीच आम बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना भी चुनौती
  • प्रदेश में थर्मल आधारित प्लांट की जगह जल्द सोलर प्लांट लगाना भी चुनौती भरा काम
  • बिजली छीजत और चोरी पर काबू पाना भी बड़ी चुनौती,अभी करीब 20 से 22 प्रतिशत है डिस्कॉम में छीजत
  • छीजत 15% तक लाने पर ही केंद्र से मिल पाएगी ज्यादा फंडिंग. केंद्र की नई योजना में छीजत के आधार पर ही मिलेगी फंडिंग
  • किसानों को दिन में खेती के लिए बिजली दी जाने की घोषणा पर काम करना
  • अभी करीब 16 जिलों में ही किसानों को मिल रही बिजली लेकिन अन्य जिलों के लिए नए फीडर तैयार करने में लगेगा भारी-भरकम फंड और बजट

जयपुर. साल 2023 की शुरुआत में भी राजस्थान के पास सौर ऊर्जा में सिरमौर रहने का ताज बरकरार है. आलम यह है कि अब यहां प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल से रोजाना 5.72 यूनिट बिजली उत्पादन की क्षमता पहुंच गई है. जिसके चलते सरकार ने भी साल 2025 तक सोलर प्लांट की क्षमता बढ़ाकर 30 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य तय कर दिया है. हालांकि सौर ऊर्जा में सिरमौर होने के बावजूद राजस्थान अब तक ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं बन पाया (solar plants in Rajasthan) है.

सौर में पहले, रूफटॉप में तीसरे और विंड ऊर्जा में 5वें नंबर पर है राजस्थान

अक्षय ऊर्जा के मामले में राजस्थान देश भर में अन्य राज्यों के लिए मिसाल है. सोलर ऊर्जा में देश के राज्यों में राजस्थान पहले नंबर पर है. जहां 9500 मेगावाट उत्पादन क्षमता के प्लांट लग चुके हैं. जबकि दूसरे नंबर पर कर्नाटक और तीसरे नंबर पर गुजरात है. इसी तरह रूफटॉप सौर ऊर्जा उत्पादन में राजस्थान गुजरात और कर्नाटक के बाद तीसरे नंबर पर आता है.

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प्रदेश में रूफटॉप के जरिए 612 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. इसी तरह विंड के जरिए ऊर्जा उत्पादन में राजस्थान देश में पांचवे नंबर पर है. राजस्थान में 925 मेगावाट का दूसरा बड़ा सोलर प्लांट लगाने का काम नोखा में चल रहा है. राजस्थान में कुल मिलाकर 13369 मेगावाट के अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं जबकि 33996 मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है.

सौर ऊर्जा में सिरमौर लेकिन नए साल 2022 में इन चुनौतियों से होगा निपटना

  • लगातार बढ़ते बिजली वितरण कंपनियों के घाटे की है चुनौती करीब 90 हजार करोड़ का है डिस्कॉम का घाटा
  • महंगी बिजली और कोयले के लगातार बढ़ते दाम के बीच आम बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना भी चुनौती
  • प्रदेश में थर्मल आधारित प्लांट की जगह जल्द सोलर प्लांट लगाना भी चुनौती भरा काम
  • बिजली छीजत और चोरी पर काबू पाना भी बड़ी चुनौती,अभी करीब 20 से 22 प्रतिशत है डिस्कॉम में छीजत
  • छीजत 15% तक लाने पर ही केंद्र से मिल पाएगी ज्यादा फंडिंग. केंद्र की नई योजना में छीजत के आधार पर ही मिलेगी फंडिंग
  • किसानों को दिन में खेती के लिए बिजली दी जाने की घोषणा पर काम करना
  • अभी करीब 16 जिलों में ही किसानों को मिल रही बिजली लेकिन अन्य जिलों के लिए नए फीडर तैयार करने में लगेगा भारी-भरकम फंड और बजट
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