जयपुर. राजस्थान में जब ब्लैक फंगस फैला तब तेजी से मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी. ऐसे मरीज जो कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आए वे मरीज इस फंगस की चपेट में आए. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में अलग से इलाज के लिए एक विंग तैयार की गई और SMS अस्पताल में म्यूकोरमाइकोसिस बोर्ड भी तैयार किया गया जो मरीजों में फैल रहे फंगस का अध्ययन कर रहा था. इस बोर्ड की ओर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है.
दरअसल, जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में तकरीबन 591 मरीजों की सर्जरी की गई, जिनमें से 57 मरीजों में एक बार फिर से (Mucormycosis Board Report on Black Fungus) फंगस फैला और इन 57 मरीजों की एक बार फिर सर्जरी करनी पड़ी. प्रदेशभर की बात करें तो तकरीबन 3000 से अधिक मरीज इस फंगस की चपेट में आए और लगभग 230 मरीजों की मौत हुई.
सर्जरी के बाद दोबारा मरीजों में देखने को मिल रहा ब्लैक फंगस :
- अब तक प्रदेश में 3653 मरीज इस फंगस की चपेट में आए.
- 230 मरीजों की हुई प्रदेश में मौत.
- SMS अस्पताल में हुई सर्वाधिक सर्जरी.
- करीब 591 सर्जरी हुई एसएमएस अस्पताल में, जिनमें 57 मरीजों में फिर लौटा फंगस.
- इनमें सर्वाधिक 87 फीसदी मरीज डायबिटीज से थे ग्रस्त.
- जयपुर में सर्वाधिक केस और मौत के मामले.
प्रदेश की स्थिति :
मरीजों में ब्लैक फंगस बीमारी दिमाग नाक और आंखों में फैली विशेषज्ञों का कहना है कि मरीजों ने लापरवाही बरती तो वापस फंगस के मामले सामने आए. प्रदेश की स्थिति की बात करें तो जयपुर में सर्वाधिक 2349 ब्लैक फंगस के मामले देखने को मिले (Cases of Black Fungus in SMS Hospital) और तकरीबन 65 मरीजों की मौत हुई. जबकि जोधपुर में 347 केस और 52 मरीजों की मौत, कोटा में 294 मरीज और 40 की मौत, उदयपुर में 278 मामले सामने आए और 25 मरीजों की मौत हुई.
वहीं, बीकानेर में 158 मामले देखने को मिले और 27 मरीजों की मौत हुई. विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान काफी कम मरीजों को अस्पताल में भर्ती (Black Fungus Patient Surgery in SMS) करना पड़ रहा है और फिलहाल ब्लैक फंगस के नए मामले सामने नहीं आए हैं. लेकिन यदि हालात बिगड़ते हैं तो एक बार फिर यह संक्रमण मरीजों को अपनी चपेट में ले सकता है.