जयपुर. प्रदेश में अब मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत निर्मित आवासों और भूखंडों की प्रभावी मॉनिटरिंग होगी. ताकि ईडब्ल्यूएस एलआईजी वर्ग के परिवारों को सस्ती दरों पर गुणवत्ता पूर्ण आवास उपलब्ध हो सके. साथ ही योजना के विभिन्न प्रावधानों के तहत निर्मित आवासों और भूखंडों की योजनाओं की सूचना जेडीए की वेबसाइट पर अलग से प्रदर्शित होगी.
वहीं, योजना के प्रावधान 1-ए, 3-ए और 3-बी के तहत निर्मित आवासों और भूखंडों की वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी गूगल शीट पर जल्द अपलोड की जाएगी. मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत गरीबों को आशियाना मिले. इसके लिए जयपुर विकास प्राधिकरण ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है.
दरअसल, इस योजना के प्रावधान 3-सी में आवेदन करने वालों की करीब आधा दर्जन से अधिक योजनाएं नगरीय विकास विभाग में लंबित हैं. लगातार हो रही देरी की वजह से कुछ निर्माणकर्ता अपनी योजना को 3-सी से 3-बी में कन्वर्ट करने के लिए आवेदन लगाने की तैयारी में है.
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इस योजना में 3-सी की अनुमति राज्य सरकार देती है. पिछले 6 महीने से कई आवासीय योजनाओं की फाइलें नगरीय विकास विभाग में अटकी है. ईडब्ल्यूएस, एलआईजी वर्ग के परिवारों को सस्ती दरों पर गुणवत्ता पूर्ण आवास उपलब्ध हो. इसके लिए अब सतत निगरानी होगी.
वहीं, मुख्यमंत्री जन आवास योजना के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत निर्मित आवासों और भूखंडों की योजनाओं में जेडीए और राज्य सरकार की ओर से भूमि कन्वर्जन, भवन मानचित्र के शुल्क में छूट दी गई है. ऐसे में जिन विकास कर्ताओं की ओर से लॉटरी से आवंटन प्रक्रिया की पालना नहीं की है. उन प्रकरणों में संबंधित विकासकर्ताओं पर पेनल्टी लगाते हुए, जेडीए की तरफ से दी गई छूट निरस्त की जाएगी.
बता दें कि हाल ही में जेडीसी गौरव गोयल ने संबंधित अधिकारियों को मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत निर्मित आवासों और भूखंडों की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए हैं. ताकि ईडब्ल्यूएस एलआईजी वर्ग के परिवारों को सस्ती दरों पर गुणवत्ता पूर्ण आवास उपलब्ध हो सके.